फरीदाबाद: सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय मेला 2023 को लेकर वीकेंड के दिन दुकानदारों को उम्मीद थी कि उनका सामान पिछले दिनों के मुकाबले काफी बिकेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वीकेंड के दिन भी उनका अपेक्षा के मुताबिक सामान नहीं बिका. खासतौर पर बात करें कारपेट विक्रेता की तो रविवार को उन्हें उम्मीद थी कि छुट्टी के दिन लोग अपने परिवार के साथ मेले में शिरकत करने आएंगे और जमकर खरीदारी करेंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. वीकेंड उनका उदासी भरा रहा.
उन्हें सिर्फ मायूसी हासिल हुई. शाम 5 बजे तक उनके स्टाल पर सिर्फ एक दो ग्राहक ही नजर आए. उनमें से भी सिर्फ दुकानदार को बोहनी से ही संतुष्ट होना पड़ा. मायूसी इस कदर की दुकानदार सुबह से खाली बैठे रहे. उनके दुकानों की तरफ ज्यादा कस्टमर नहीं पहुंचे. बात की जाए कारपेट विक्रेता की तो रंग-बिरंगे कारपेट व डिजाइनर कारपेट होने के बावजूद भी लोगों को वह आकर्षित नहीं कर सका. शायद यही वजह है कि सुबह से दुकानदार दुकानों में खाली बैठे रहे.
कारपेट विक्रेता अदनान ने ईटीवी भारत को बताया कि अभी तक एक दो कस्टमर ही आए हैं और सिर्फ बोहनी से ही संतोष करना पड़ा. उम्मीद थी कि संडे है लोग जमकर घर के लिए कारपेट खरीद कर ले जाएंगे लेकिन ऐसा नहीं हुआ. लोग मेले में आए तो लेकिन खरीदारी नहीं की. गौरतलब है कि सूरजकुंड मेला 3 फरवरी को शुरू हुआ और इसका 5 फरवरी यानी रविवार को पहला वीकेंड-डे था. ऐसे में दुकानदारों ने कयास लगाया था कि उनके कारपेट बिक जाएंगे. लेकिन जैसे-जैसे दिन ढलता गया उनके उम्मीदें छूटती गईं. रविवार बीत गया और उम्मीद के मुताबिक बिक्री नहीं हो सकी.
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हालांकि बात की जाए मेले की तो यह दो दिन पहले ही शुरू हुआ है. ऐसे में धीरे-धीरे लोगों का आना शुरू होगा और लोग जमकर खरीदारी करेंगे. वहीं दूसरी ओर एक और वजह बताई जा रही है. दरअसल, मेले में मिलने वाला सामान बाहर के सामानों के मुकाबले काफी महंगा है. बढ़ती महंगाई की वजह से लोगों को कुछ खरीद पाने में काफी सोचना पड़ रहा है. लोगों का मानना है कि जहां वह मेले के अंदर 4000 में एक कारपेट लेंगे वहीं मेंले के बाहर 4000 में उनको 2 कारपेट मिल जाएगी.
हालांकि की उम्मीद की जा रही है कि जैसे-जैसे मेला अपने पीक पर होगा वैसे-वैसे ग्राहक खरीदारी भी करेंगे. इससे दुकानदारों को मुनाफा भी होगा लेकिन पिछले दो दिन से दुकानदार मायूस ही दिखाई दे रहे हैं.