फरीदाबाद: स्मार्ट सिटी के हालात सुधरने के बजाय दिन प्रतिदिन बाद से बदतर होते जा रहे हैं. शहर की हर दूसरी सड़क व गलियों में सीवरेज का पानी भरा हुआ है, तो वहीं दिल्ली-मथुरा हाईवे भी इस समस्या से अछूता नहीं है. नेशनल हाइवे किनारे कॉलोनियों का गंदा पानी भरने से हाईवे डैमेज हो रहा है और वाहनों की रफ्तार पर भी ब्रेक लग रहा है. उधर, जिम्मेदार विभाग के अधिकारी समस्या का समाधान करने के बजाय एक-दूसरे के मत्थे ठीकरा फोड़ रहे हैं.
फरीदाबाद नेशनल हाईवे पर भरे हुए सीवर के गंदे पानी से निकलने के लिए लोग मजबूर हो रहे हैं. लोगों का कहना है कि कई सालों से यह समस्या है जो लगातार ऐसे ही पानी भरने से बढ़ती जा रही है. स्थानीय लोगों का यह भई कहना है कि नगर निगम को शिकायत देने के बावजूद भी समस्या का समाधान अभीतक नहीं हुआ. दरअसल, मथुरा हाइवे किनारे बसे अजरौंदा गांव, सरपंच कॉलोनी, रामनगर, इंद्रा कॉलोनी का सीवर का गंदा पानी ओवरफ्लो होकर हाइवे पर जमा हो रहा है. जिसकी वजह से हाईवे जगह-जगह से डैमेज हो रहा है.
हालांकि, इस संबंध में फरीदाबाद नेशनल हाइवे अथॉरिटी का कहना है कि हाइवे किनारे बसी कॉलोनियां नगर निगम के अन्तर्गत आती हैं. उन्होंनेन्हों कहा कि कई बार इसको लेकर बैठकें की गईं. लेकिन निष्कर्ष अभीतक नहीं निकला है. इस संबंध में हाइवे अथॉरिटी की बार निगम अधिकारियों को पत्र लिख चुके हैं और सफाई के लिए बैठक भी की गई है. वहीं निगम अधिकारी के मुताबिक हाइवे से जुड़े हर काम की जिम्मेदारी हाइवे अथॉरिटी की होती है. इस संबंध में जिला उपायुक्त विक्रम सिंह से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नहीं उठा.
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बता दें कि जिला उपायुक्त पूरे जनपद के प्रत्येक विभागों की जिम्मेदारी संभालता है. यदि लोगों की समस्या को लेकर किसी भी विभाग के अधिकारी अपना नकारात्मक रवैया रखते हैं तो इस पर उपायुक्त की जिम्मेदारी बनती है कि वो समस्या से निजात दिलाएं. लेकिन लोगों के मुताबिक जिला उपायुक्त भी एक्टिव नजर नहीं आ रहे हैं लोगों का कहना है कि यहां सरकार की व्यव्स्था राम भरोसे चल रही है. राहगीरों ने बताया कि यह पानी सीवर ब्लॉक हो जाने से गंदा पानी सड़कों पर आ गया जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जाजरू गांव फरीदाबाद जाने के रास्ते से लोग कई बार दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं. झाड़सेतली गांव की समस्या भी कम नहीं है. नगर निगम को शिकायत दी गई पर नतीजतन हालात जस के तस बने हुए हैं. नगर निगम कर्मचारी टैंकर भेजकर सीवर के पानी को निकालते हैं. लेकिन सड़क पर जो सीवर का गंदा पानी भरता है इस समस्या का समाधान आज तक नहीं हुआ है.