हमारी टीम सबसे पहले फरीदाबाद के सेहतपुर स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पहुंची जहां पर शौचालय तो बने थे लेकिन शौचालय की स्थिति बहुत ज्यादा खराब थी शौचालय से बदबू आ रही थी. शौचालय की ठीक से सफाई नहीं की गयी थी. शौचालय पूरी तरह से टूटे पड़े थे. हमने इस बारे में स्कूल की प्रिंसिपल से बात की तो उन्होंने कहा कि शौचालय की स्थिति ठीक है. शौचालयों की नियमित सफाई की जाती है. लेकिन जब हमारे संवाददाता ने वीडियो बनाना चाहा तो प्रिंसिपल ने मना कर दिया. प्रिंसिपल ने कहा अगर वीडियो बनाना हो तो पहले ऑर्डर लेकर आइए. जाहिर है प्रिंसिपल ने हमें जमीनी सच्चाई दिखाने से मना कर दिया.
हमने स्कूल कैंपस में छात्रों से बात करने की कोशिश की तो ऑफ द रिकार्ड उनलोगों ने कहा कि बोलने पर टीचर हम पर गुस्सा करेंगी. हमारी टीम ने इसके बाद स्कूल की छुट्टी होने तक इंतजार किया. छुट्टी के बाद स्कूल से बाहर निकले छात्रों ने सारी पोल खोल कर दी. छात्रों का कहना था कि सिर्फ कहने को स्कूल में शौचालय है. शौचालय की स्थिति बहुत खराब है. साफ सफाई नहीं होने के कारण हमेशा दुर्गन्ध आती रहती है. कुछ छात्र तो ऐसे मिले जिन्होंने कहा कि हमने तो कभी शौचालय का इस्तेमाल ही नहीं किया है. मुकेश नाम के 12 वीं क्लास के छात्र ने कहा कि सारे शौचालय टूटे पड़े हैं. सिर्फ दिखाने को वाशरूम है. वाशरूप में सफाई का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा जाता है. सफाई नहीं होने के कारण ही शौचालय से बदबू आती रहती है. राजा नाम के दूसरे छात्र ने भी स्कूल में शौचालय को लेकर नाराजगी जाहिर की. राजा ने कहा कि शौचालय में गंदगी रहती है. हम तो शौचालय जाते ही नहीं है. कहने को सिर्फ शौचालय है. स्कूल में छुट्टी होने के बाद हमारे संवाददाता ने छात्राओं से भी करने की कोशिश की. लेकिन वे कैमरे के सामने बात करने के लिए तैयार नहीं हुई. उन्हें डर था कि टीचर स्कूल से उनका नाम काट देंगी. लेकिन ऑफ द रिकार्ड छात्राओं ने कहा वाशरूम बहुत खराब है. वाशरूम टूटे हुए हैं. सफाई नहीं होती है. हम मजबूरी में ही इस्तेमाल करते हैं.
हमारे संवाददाता ने फरीदाबाद के दूसरे स्कूलों का भी जायजा लिया. वहां भी कमोवेश ऐसी ही स्थिति थी. हमारे संवाददाता अगवानपुर स्थित सरकारी स्कूल और बसंतपुर सरकारी स्कूल भी गये. वहां भी वही नजारा देखने को मिला. कहने को तो शौचालय थे लेकिन उसकी हालत जर्जर थी. साफा सफाई पर ध्यान नहीं दिया जा रहा था.
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