फरीदाबाद: फरीदाबाद में बिल्डर की मनमानी से परेशान लोगों ने सरकार और बिल्डर के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. फरीदाबाद सेक्टर-80 में अंसल बिल्डर की अंसल क्राउन हाइट नाम से प्रोजेक्ट में सपनों का घर सपना ही बन गया. सरकार और बिल्डर के खिलाफ नारेबाजी और धरना प्रदर्शन करने वाले सभी लोगों ने अब सरकार से सीधे विरोध करने की तैयारी कर ली है. इसके बाद अब लोगों ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर इनकी सुनवाई नहीं होती है तो वो आमरण अनसन भी करेंगे और जो भी कदम उनके सपनों के घर को दिलाने में मदद करेगा वो उठाया जायेगा.
पिछले कई साल से अपने आशियाने का सपना संजोए लोग आज भी वहीं खड़े हैं, जहां पहले खड़े थे. पैसे खर्च करने के बाद भी अंसल क्राउन इनफ्राबिल्ड प्राइवेट लिंमिटेड कंपनी ने उन्हें फ्लेट्स उपलब्ध नहीं कराए हैं. इस संबंध में आज अंसल क्रॉउन हाइट्स फ्लैट बायर्स एसोसिएशन ने प्रदर्शन कर सरकार से फ्लेट शीघ्र दिलाने की मांग की है.
बताया जा रहा है कि लगभग 15 साल पहले बिल्डर ने फ्लेट्स बेचने शुरू किए थे और यह फ्लैट बनते हुए दिखाकर लगभग 90 से 95 प्रतिशत पैसे ले लिए. लोगों का कहना है कि पहले तो कई साल तक उनसे झूठ बोला गया कि उन्हें फ्लैट दे दिए जाएंगे, लेकिन बाद में उन्हें मना कर दिया गया. लोगों ने बताया कि जीवन भर की जमा पूंजी को एक व्यक्ति घर का सपना देखने के लिए एकत्र करता है और वह पैसा एक झटके में डूब जाए तो उसके परिवार और उस पर क्या बीती है. यह वह वही बता सकते हैं.
बता दें कि इस प्रोजेक्ट में तकरीबन 550 खरीदारों का पैसा लगा हुआ है, जिसमें कुछ बुजुर्गों की जमा पूंजी लगाई गई है. अधिकतर फ्लैट मालिकों ने बैंक से लोन लिया हुआ है. वह आज की स्थिति के अनुसार बैंक की किस्त घरों के किराए देने में भी असमर्थ हो रहे हैं. सभी ओर से हारकर एसोसिएशन ने कोर्ट में केस किया. एनसीडीआरसी से खरीदारों के पक्ष में फैसला आने के बाद भी बिल्डर उस फैसले को मानने के लिए तैयार नहीं और प्रशासन की तरफ से कोई सहयोग नहीं मिला.
बिल्डर के खिलाफ फरीदाबाद में भी एफआईआर सेक्टर-12 पुलिस थाने में दर्ज कराई है. हरेरा में भी एसोसिएशन ने केस भेजा, लेकिन वहां भी कोई सुनवाई नहीं हुई. कोई भी सरकारी विभाग मदद करने के लिए तैयार नहीं, कोर्ट और सरकारी विभागों के चक्कर काट-काटकर थक गए हैं. आखिर में धरने और प्रदर्शन का मार्ग अपनाना पड़ा है. प्रदर्शन कर रहे लोगों का कहना है कि इसके बाद भी अगर हमारी सुनवाई नहीं हुई तो हम आमरण अनशन करेंगे और घर पाने के लिए जो भी कदम उठाने पड़ेंगे वो उठाए जायेंगे.