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सड़क पर घूम रहे आवारा जानवरों की संख्या को कंट्रोल करेगा 'पीपल फॉर एनिमल्स'

आज जनसंख्या वृद्धि एक अहम मुद्दा है चाहे वह इंसानों की हो या जानवरों की. इसी कड़ी में 'पीपल फॉर एनिमल्स' नाम की संस्था ने एबीसी (ANIMAL BIRTH CONTROL) कार्यक्रम का आयोजन किया है.

आवारा जानवरों पर लगेगी रोक
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Published : Feb 14, 2019, 12:20 PM IST

फरीदाबाद: पीपल फोर एनिमल्स संस्था के कार्यक्रम एबीसी अंतर्गत सड़क पर घूम रहे कुत्ते व बिल्लियों की नसबंदी करवाकर पशु जनसंख्या वृद्धि की दर को नियंत्रित किया जा रहा है.

कार्यक्रम के आयोजक पीपल फोर एनिमल्स के संस्थापक ने बताया कि वह ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर करवाते रहते हैं जिससे पशु जन्मदर को नियंत्रित किया जा सके. उन्होने यह भी बताया कि इस प्रकार के आपरेशन पशुओं को और ज्यादा स्वस्थ बनाते हैं. और पशुओं को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे इसलिए वह सारी सावधानियां बरतते हैं. आपरेशन के बाद जब तक पशु पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हो जाता, तब तक पशु पीपल फोर एनिमल्स ऑरगनाईजेशन की देखरेख में रहता है.

रवि दूबे, संस्थापक पीपल फॉर एनिमल्स

  • पशुओं के आपरेशन की प्रक्रिया अमेरिका के अनुभवी डॉक्टरों द्वारा संपन्न की जा रही है. WORLD VETS, USA की डाक्टर ने बताया कि दुनियाभर में वह इस प्रकार के आपरेशन करती हैं ये आपरेशन पूरी सतर्कता के साथ किया जाता है. आपरेशन से पहले पशुओं को एनेस्थिसिया के जरिए बेहोश किया जाता है. फिर उनका आपरेशन किया जाता है.
  • डाक्टर विनी, WORLD VETS, USA
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भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड की ​सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पशुओं के लिए यह कदम काफी सराहनीय है और सभी अनुभवी डाक्टरों की टीम द्वारा आपरेशन किया जा रहा है. साथ ही डॉक्टर ने बताया कि आपरेशन में सभी सावधानियों का पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है, जिससे पशुओं को आपरेशन से पहले, आपरेशन के दौरान व बाद में कोई भी परेशानी न हो.
डॉ. नीलम बाला, सचिव, भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड

फरीदाबाद: पीपल फोर एनिमल्स संस्था के कार्यक्रम एबीसी अंतर्गत सड़क पर घूम रहे कुत्ते व बिल्लियों की नसबंदी करवाकर पशु जनसंख्या वृद्धि की दर को नियंत्रित किया जा रहा है.

कार्यक्रम के आयोजक पीपल फोर एनिमल्स के संस्थापक ने बताया कि वह ऐसे कार्यक्रम समय-समय पर करवाते रहते हैं जिससे पशु जन्मदर को नियंत्रित किया जा सके. उन्होने यह भी बताया कि इस प्रकार के आपरेशन पशुओं को और ज्यादा स्वस्थ बनाते हैं. और पशुओं को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे इसलिए वह सारी सावधानियां बरतते हैं. आपरेशन के बाद जब तक पशु पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हो जाता, तब तक पशु पीपल फोर एनिमल्स ऑरगनाईजेशन की देखरेख में रहता है.

रवि दूबे, संस्थापक पीपल फॉर एनिमल्स

  • पशुओं के आपरेशन की प्रक्रिया अमेरिका के अनुभवी डॉक्टरों द्वारा संपन्न की जा रही है. WORLD VETS, USA की डाक्टर ने बताया कि दुनियाभर में वह इस प्रकार के आपरेशन करती हैं ये आपरेशन पूरी सतर्कता के साथ किया जाता है. आपरेशन से पहले पशुओं को एनेस्थिसिया के जरिए बेहोश किया जाता है. फिर उनका आपरेशन किया जाता है.
  • डाक्टर विनी, WORLD VETS, USA
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भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड की ​सचिव ने बताया कि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पशुओं के लिए यह कदम काफी सराहनीय है और सभी अनुभवी डाक्टरों की टीम द्वारा आपरेशन किया जा रहा है. साथ ही डॉक्टर ने बताया कि आपरेशन में सभी सावधानियों का पूर्ण रूप से पालन किया जा रहा है, जिससे पशुओं को आपरेशन से पहले, आपरेशन के दौरान व बाद में कोई भी परेशानी न हो.
डॉ. नीलम बाला, सचिव, भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड


आज जनसंख्या वृद्धि एक अहम मुद्दा है चाहे वह इंसानों की हो या जानवरों की। इसी कड़ी में पीपल फोर एनिमल्स नाम की संस्था ने एबीसी(ANIMAL BIRTH CONTROL) कार्यक्रम का आयोजन किया है, जिसके अंतर्गत सड़क पर घूम रहे कुत्ते व बिल्लियों की नसबंदी करवाकर पशु जनसंख्या वृद्धि की दर को नियंत्रित किया जा रहा है। पशुओं के आपरेशन की प्रक्रिया अमेरिका के अनुभवी डॉक्टरों द्वारा संपन्न की जा रही है। WORLD VETS, USA की डाक्टर विनी ने बताया कि दुनियाभर में वह इस प्रकार के आपरेशन करती हैं । जब डाक्टर विनी से पूछा गया कि क्या इस प्रकार के आपरेशन पशुओं के लिए कष्टदायी हैं?, तो डाक्टर विनी ने बताया कि आपरेशन पूरी सतर्कता के साथ किया जाता है आपरेशन से पहले पशुओं को एनेस्थिसिया के जरिए बेहोश किया जाता है और फिर उनका आपरेशन किया जाता है।

बाईट — डाक्टर विनी

कार्यक्रम के आयोजक पीपल फोर एनिमल्स के संस्थापक रवि दुबे ने बताया कि वह ऐसे कार्यक्रम समय समय पर करवाते रहते हैं जिससे पशु जन्मदर को नियंत्रित किया जा सके। उन्होने यह भी बताया कि इस प्रकार के आपरेशन पशुओं को और ज्यादा स्वस्थ बनाते हैं और पशुओं को किसी भी प्रकार का नुकसान न पहुंचे इसलिए वह सारी सावधानियां बरतते हैं और आपरेशन के बाद जब तक पशु पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं हो जाता, तब तक पशु पीपल फोर एनिमल्स आॅरगनाईजेशन की देखरेख में रहता है।

बाईट— रवि दूबे,संस्थापक,पीपल फोर एनिमल्स

भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड की ​सचिव, डॉ. नीलम बाला ने कहा कि राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पशुओं के लिए यह कदम काफी सराहनीय है और सभी अनुभवी डाक्टरों की टीम द्वारा आपरेशन किया जा रहा है साथ ही डॉ. नीलम बाला ने बताया कि आपरेशन में सभी सावधानियों का पूर्ण रूप से पालन किया जा रही है जिससे पशुओं को आपरेशन से पहले, आपरेशन के दौरान व बाद में कोई भी परेशानी न हो।

बाईट — डॉ. नीलम बाला, सचिव, भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड
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