फरीदाबाद: जहां एक तरफ देश डिजिटलीकरण की तरफ बढ़ रहा है और सारी चीजों में डिजिटलाइजेशन हो रहा है. ऐसे में ठगों ने बभी ठगी की वारदातों को अंजाम देने के लिए डिजिटल रास्ता अख्तियार कर लिया है. जिसके तहत ठग ऑनलाइन माध्यमों से साइबर ठगी की वारदातों को अंजाम (cyber fraud in Faridabad) दे रहे है. पूरे प्रदेश में ओटीपी और लिंक भेजकर बैंक अकाउंट साफ किये जाने की वारदातें सुनने को मिलती है. वहीं फरीदाबाद में साइबर ठगी के लिए ठगों ने लोगों को बूस्टर डोज के नाम पर शिकार बनाना शुरू कर दिया है.
फरीदाबाद में साइबर ठगी करने के लिए ठग लोगों को फोन करके खुद को स्वास्थ्य कर्मी बताकर पूरी जानकारी लेते है और ठग की वारदात को अंजाम देते है. जिले में अब तक ऐसे 4 मामले सामने आ चुके है. जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से सावधान रहने की अपील की है. साथ ही किसी भी कॉल करने वाले व्यक्ति को अपने निजी जानकारी और ओटीपी (One Time Password) बताने से मना किया है.
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फरीदाबाद में बूस्टर डोज के नाम पर ठगी
साइबर ठग पहले तो लोगों के पास फोन करते हैं और फिर उनसे कोरोना के लिए लगने वाली वैक्सीन की दोनों डोज के बारे में जानकारी लेते हैं. जिन लोगों को वैक्सीन की दोनों दो डोज लग चुकी होती हैं, उनको बूस्टर डोज लगवाने और उनका रजिस्ट्रेशन करने का लालच (cyber fraud by booster dose in Faridabad) देते हैं. बूस्टर डोज के रजिस्ट्रेशन के नाम पर एक ओटीपी उनको भेजा जाता है और साइबर ठगों को यह ओटीपी बताने पर पलक झपकते ही उसका बैंक अकाउंट खाली कर देते हैं.
फरीदाबाद में अभी तक इस तरह के 4 मामले सामने आए हैं. जिनमें साइबर ठगों ने स्वास्थ्य कर्मी बनकर फोन कर उनसे ओटीपी की मांग की. लेकिन वक्त रहते इन लोगों ने साइबर ठगों की मंशा को भांप लिया और वह अपने साथ होने वाली ठगी से बच गए. एनआईटी नंबर 2 में रहने वाली अंजू सिंह को कॉल आया और उनको पूछा गया कि क्या आपके माता-पिता को बूस्टर डोज लग चुकी है. अंजू ने ना में जवाब दिया. जिसपर उनसे बोला गया कि बूस्टर डोज लगवाने से पहले रजिस्ट्रेशन करवाना बेहद जरूरी है और कहा गया कि आपके मोबाइल पर रजिस्ट्रेशन का एक ओटीपी भेजा जा रहा है, उसको बता दीजिए, लेकिन अंजू की सतर्कता ने उन्हें ठगी से बचा लिया.
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ऐसा ही कुछ हुआ ओल्ड फरीदाबाद के रहने वाले संजय नागर और सराय निवासी मुकेश झा के साथ भी हुआ. इनको भी इसी तरह से साइबर ठगों ने फोन कर बूस्टर डोज लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन करने को कहा और ओटीपी मांगा लेकिन इन लोगों की सतर्कता ने इनको ठगी होने से बचा लिया.
वहीं फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग के सिविल सर्जन डॉ. विनय गुप्ता ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मियों की तरफ से किसी प्रकार की कोई फोन कॉल बूस्टर डोज के रजिस्ट्रेशन के लिए नहीं की जा रही है. जो लोग बूस्टर डोज लगवा रहे हैं, उनका रजिस्ट्रेशन अस्पताल के अंदर ही किया जा रहा है. स्वास्थ्य कर्मियों की तरफ से सिर्फ लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए कहा जा रहा है. सिविल सर्जन ने बताया कि बूस्टर डोज लगवाने या फिर दूसरी वैक्सीन लगवाने के लिए किसी प्रकार की कोई ओटीपी की आवश्यकता नहीं पड़ती. इसी के साथ स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से इस तरह की फोन कॉल आने पर ओटीपी नहीं शेयर करने की अपील की है.
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