फरीदाबाद: अरावली वन क्षेत्र में बसे खोरी गांव (khori village encroachment) के जंगल की जमीन को नगर निगम के द्वारा पूरी तरह से खाली करा दिया गया है. नगर निगम के द्वारा यहां पर करीब आठ हजार मकानों को तोड़ा गया है. सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के आदेश पर धार्मिक स्थानों को भी नगर निगम के द्वारा तोड़ा गया है. खोरी गांव में बने करीब 40 साल से भी ज्यादा पुराना शिव मंदिर और मस्जिद को तोड़ा गया है. 19 अगस्त को धार्मिक स्थानों पर तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
कई लोग सोशल मीडिया पर मंदिर और मस्जिद तोड़ने की खबर को धार्मिक रंग देने की कोशिश कर रहे हैं. जबकि सच ये है कि ये कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर की गई है. कोर्ट ने अरावली के जंगल की जमीन पर अतिक्रमण कर किए गए निर्माण को तोड़ने के आदेश दिए थे. तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम देते समय भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया और ये पूरी कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का हवाला देते हुए की गई. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में खोरी गांव में बने मकानों को जंगल की जमीन पर बनाए जाने के चलते तोड़फोड़ के आदेश दिए थे जिसके बाद नगर निगम फरीदाबाद की तरफ से इस पूरी कार्रवाई को पूरा किया गया. खोरी गांव में अब तोड़फोड़ पूरी हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली वन क्षेत्र में बने फार्म हाउस को लेकर तोड़फोड़ जारी है.
ये भी पढ़ें- खोरी गांव के बाद अब सोहना के इन क्षेत्रों में टूट सकते हैं लोगों के आशियाने, वन विभाग ने की तैयारी
खोरी गांव में तोड़े गए मंदिर मस्जिद के बीच में करीब 2 किलोमीटर का फासला है और दोनों को ही एक दिन में तोड़ा गया. धार्मिक संस्थानों को तोड़े जाने से पहले ही पुलिस के द्वारा खोरी गांव में आने जाने वाले रास्तों को रोक दिया गया था और धार्मिक संस्थानों को खाली कराने के बाद तोड़फोड़ की कार्रवाई को अंजाम दिया गया.
गौरतलब है कि खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. यहां करीब 10 हजार मकान अतिक्रमण कर बनाए गए थे. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वन जमीन पर बने इस निर्माण को तोड़ने और खाली कराने का आदेश दिया था. जिसके बाद खोरी गांव में अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई की गई. इस दौरान हजारों लोग बेघर भी हुए. खोरी गांव का मुद्दा पूरे देश के साथ-साथ यूएन तक भी पहुंचा था. हरियाणा सरकार की तरफ से बेघर हुए लोगों के पुनर्वास को ध्यान में रखते हुए एक नीति भी लाई गई थी. इस नीति में कुछ बिंदुओं को पूरा करने के बाद यहां के लोगों को मकान मिल पाएगा. फरीदाबाद की डबुआ कॉलोनी और बापू नगर में गांव खोरी के लोगों को बसाया जाएगा.
ये भी पढ़ें- खोरी गांव के बाद अरावली में VIP हस्तियों के फार्म हाउस पर चलेगा बुल्डोजर, प्रशासन ने की तैयारी