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खोरी गांव में तोड़फोड़ का मामला: महापंचायत कर घर खाली ना करने की जिद्द पर अड़े ग्रामीण, भारी पुलिस बल तैनात

फरीदाबाद के खोरी गांव में ग्रामीणों ने महापंचायत (Khori village Mahapanchayat) बुलाई. गांव के लोग घरों को खाली नहीं करने की जिद्द पर अड़े हैं. महापंचायत को देखते हुए गांव में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी गई है.

Khori village Mahapanchayat
Khori village Mahapanchayat
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Published : Jul 7, 2021, 1:41 PM IST

फरीदाबाद: एक तरफ प्रशासन खोरी गांव में तोड़फोड़ की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरफ इस मामले को लेकर गांव वालों ने महापंचायत (Khori village Mahapanchayat) की. खबर है कि गांव के लोग घरों को खाली करने को तैयार नहीं हैं. महापंचायत को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि लॉ एंड ऑर्डर बना रह सके. महापंचायत में सभी लोग यहीं मांग कर रहे हैं कि उनके आशियाने ना तोड़े जाएं. क्योंकि वो जीवन भर की कमाई यहां लगा चुके हैं.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां करीब 10 हजार मकानों को तोड़ा जाएगा. इसके लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिए गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार खोरी गांव को 7 जोन में डिवाइड किया गया है. हर जोन में एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया है. अभी तक आई जानकारी के मुताबिक आज जोन वन, जोन टू और जोन थ्री में तोड़फोड़ की जा सकती है.

खोरी गांव में तोड़फोड़ का मामला: महापंचायत कर घर खाली ना करने की जिद्द पर अड़े ग्रामीण

ये है पूरा मामला

बता दें कि, अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. जमीन माफिया ने औने-पौने दाम पर प्रतिबंधित वन जमीन को बेच दिया. खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. यहां करीब 10 हजार मकान बने हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वन जमीन पर बने इस निर्माण को तोड़ने और खाली कराने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें- भूमाफिया-प्रशासन की मिलीभगत से बसते गए लोग, होती रही वसूली! फरीदाबाद के उजड़ते आशियानों की ये है कहानी

करीब दस हजार मकानों को तोड़ा जाएगा, फिलहाल थोड़ी बहुत जगह खाली करवाई जा चुकी है और लोगों ने गांव से जाना भी शुरू कर दिया है और जो लोग अभी वहां से नहीं गए हैं तो प्रशासन उन घरों के खाली होने का इंतजार कर रहा है. बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही किसान नेता गुरनाम चढूनी खोरी गांव पहुंचे थे, और वहां ग्रामीणों और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी.

फरीदाबाद: एक तरफ प्रशासन खोरी गांव में तोड़फोड़ की तैयारी कर रहा है तो दूसरी तरफ इस मामले को लेकर गांव वालों ने महापंचायत (Khori village Mahapanchayat) की. खबर है कि गांव के लोग घरों को खाली करने को तैयार नहीं हैं. महापंचायत को देखते हुए मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि लॉ एंड ऑर्डर बना रह सके. महापंचायत में सभी लोग यहीं मांग कर रहे हैं कि उनके आशियाने ना तोड़े जाएं. क्योंकि वो जीवन भर की कमाई यहां लगा चुके हैं.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यहां करीब 10 हजार मकानों को तोड़ा जाएगा. इसके लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर दिए गए हैं. मिली जानकारी के अनुसार खोरी गांव को 7 जोन में डिवाइड किया गया है. हर जोन में एक ड्यूटी मजिस्ट्रेट को नियुक्त किया गया है. अभी तक आई जानकारी के मुताबिक आज जोन वन, जोन टू और जोन थ्री में तोड़फोड़ की जा सकती है.

खोरी गांव में तोड़फोड़ का मामला: महापंचायत कर घर खाली ना करने की जिद्द पर अड़े ग्रामीण

ये है पूरा मामला

बता दें कि, अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण किया गया है. जमीन माफिया ने औने-पौने दाम पर प्रतिबंधित वन जमीन को बेच दिया. खोरी गांव सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. यहां करीब 10 हजार मकान बने हैं. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वन जमीन पर बने इस निर्माण को तोड़ने और खाली कराने का आदेश दिया है.

ये भी पढ़ें- भूमाफिया-प्रशासन की मिलीभगत से बसते गए लोग, होती रही वसूली! फरीदाबाद के उजड़ते आशियानों की ये है कहानी

करीब दस हजार मकानों को तोड़ा जाएगा, फिलहाल थोड़ी बहुत जगह खाली करवाई जा चुकी है और लोगों ने गांव से जाना भी शुरू कर दिया है और जो लोग अभी वहां से नहीं गए हैं तो प्रशासन उन घरों के खाली होने का इंतजार कर रहा है. बता दें कि अभी कुछ दिनों पहले ही किसान नेता गुरनाम चढूनी खोरी गांव पहुंचे थे, और वहां ग्रामीणों और पुलिस के बीच टकराव की स्थिति बन गई थी.

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