ETV Bharat / state

जमीन माफिया ने कानून ताक पर रखकर ऐसे बसा दिया एक अवैध गांव

करीब 40 साल पहले अरावली की पहाड़ियों पर खोरी गांव को बसाया गया था. खोरी गांव में रहने वाले ज्यादातर लोग प्रवासी हैं, जिस वजह से भू माफियाओं ने उन्हें आसानी से बेवकूफ बनाकर अरावली की जमीन पर रहने के लिए पर्ची थमा दी. इस रिपोर्ट में जानिए आखिर कैसे प्रशासन की नाक के नीचे खोरी गांव को पहाड़ों की गोद में बसा दिया गया.

khori village faridabad
जमीन माफियाओं ने कानून ताक पर रखकर ऐसे बसा दिया एक गांव
author img

By

Published : Jun 16, 2021, 4:18 PM IST

Updated : Jun 16, 2021, 4:34 PM IST

फरीदाबाद: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फरीदाबाद के खोरी गांव (khori village faridabad) में तोड़फोड़ की कार्रवाई की जानी है. गांव के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू है तो वहीं लोगों का गांव से पलायन भी लगातार जारी है. यहां पर सवाल ये उठता है कि आखिर खोरी गांव बसा कैसे? अगर खोरी गांव में बसना अवैध था तो यहां के वासियों के सरकारी कागजात बने कैसे?

चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि फरीदाबाद के जिस खोरी गांव (khori village faridabad) को सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ने का आदेश दिया है वो पूरा का पूरा गांव पत्थर निकालने वाली खदान पर बसा है. वो खदान जो अरावली की पहाड़ियों को काटने के बाद बनी थी और जिसकी जमीन को भू माफियाओं ने लोगों को बेच दिया.

पहाड़ों की खदान में बसा है खोरी गांव

ये बात सन 1990 के आसपास की है. जब प्रशासन द्वारा अरावली में कई जगहों पर पत्थर की अवैध खदानों को बंद किया गया था. उस वक्त पत्थर की खदानों को तो बंद कर दिया गया, लेकिन इन खदानों को भरने के लिए किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई.

khori gaon encroachment
भूमाफिया-प्रशासन की मिलीभगत से बसते गए लोग, होती रही वसूली!

जिसके बाद भू माफियाओं ने प्रशासन की इस लापरवाही का फायदा उठाया और खाली पड़ी जमीन को गरीब लोगों को बेच कर अपनी जेब भरने का काम किया. दरअसल, पहाड़ खोदे जाने के बाद काफी समतल जगह इन खदानों में बन गई. जिसका फायदा भू माफियाओं ने उठाया और इस समतल हुई जमीन की प्लॉटिंग कर लोगों को बेच दी. पूरा खोरी गांव एक तरह से पहाड़ की गोद में बसा है और खदान में ही लोगों ने मकान बनाए हैं.

ये भी पढ़िए: खोरी गांव तोड़फोड़: प्रशासन ने काटी बिजली-पानी की सप्लाई, भूखे-प्यासे घरों में डटे लोग

आपको जान कर हैरानी होगी कि खोरी गांव के लोगों के सभी सरकारी कागजात बने हैं. यहां रहने वाले वासूदेव कहते हैं कि उन्होंने अपना आधार कार्ड बनावाया है. पैन कार्ड बनवाया है. हालांकि इसके लिए उनसे अधिकारियों ने पैसे ज्यादा वसूले, लेकिन सभी काम हुए हैं.

faridabad khori village illegal encroachment
आधार कार्ड दिखाता खोली गांव का ग्रामीण

स्थानीय लोगों के मुताबिक फरीदाबाद में भू-माफियाओं (Land Mafia Faridabad) ने प्रवासी लोगों को अरावली की जमीन पर रहने के लिए पर्ची काटकर दी. ये पर्ची 500 रुपये से लेकर हजार रुपये तक काटी गई. पर्ची का मतलब ये था कि मकान बाने वाली जमीन पर कोई दूसरा दावा नहीं कर सकेगा. पर्ची के बाद लोगों को कब्जा दिया जाता था. इसके बाद लोगों को एक हजार रुपये गज के हिसाब से प्लॉट दिए गए.

ये भी पढ़िए: बड़ी खबर: फरीदाबाद के खोरी गांव में तोड़फोड़ से पहले एक शख्स ने किया सुसाइड

अब जब इन मकानों को तोड़ने का नंबर आया तो ना सिर्फ भू माफिया गायब हैं बल्कि वो अधिकारी भी गायब हैं जिन्होंने ज्यादा रुपये लेकर खोरी गांव में बिजली-पानी की व्यवस्था की थी. खोरी गांव के वासी कहते हैं कि माना उनके घर अवैध हैं, लेकिन ये गांव एक दिन में तो बसा नहीं. जब गांव बसना शुरू हुआ था तो तब क्यों ये कार्रवाई नहीं की गई. अब 40 साल बाद क्यों उनके आशियानों को तोड़ा जा रहा है?

ये भी पढ़िए: फरीदाबाद के खोरी गांव में बढ़ाई गई पुलिस फोर्स, कल तोड़े जाने हैं 10 हजार मकान

फरीदाबाद: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फरीदाबाद के खोरी गांव (khori village faridabad) में तोड़फोड़ की कार्रवाई की जानी है. गांव के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 लागू है तो वहीं लोगों का गांव से पलायन भी लगातार जारी है. यहां पर सवाल ये उठता है कि आखिर खोरी गांव बसा कैसे? अगर खोरी गांव में बसना अवैध था तो यहां के वासियों के सरकारी कागजात बने कैसे?

चलिए सबसे पहले आपको बताते हैं कि फरीदाबाद के जिस खोरी गांव (khori village faridabad) को सुप्रीम कोर्ट ने तोड़ने का आदेश दिया है वो पूरा का पूरा गांव पत्थर निकालने वाली खदान पर बसा है. वो खदान जो अरावली की पहाड़ियों को काटने के बाद बनी थी और जिसकी जमीन को भू माफियाओं ने लोगों को बेच दिया.

पहाड़ों की खदान में बसा है खोरी गांव

ये बात सन 1990 के आसपास की है. जब प्रशासन द्वारा अरावली में कई जगहों पर पत्थर की अवैध खदानों को बंद किया गया था. उस वक्त पत्थर की खदानों को तो बंद कर दिया गया, लेकिन इन खदानों को भरने के लिए किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की गई.

khori gaon encroachment
भूमाफिया-प्रशासन की मिलीभगत से बसते गए लोग, होती रही वसूली!

जिसके बाद भू माफियाओं ने प्रशासन की इस लापरवाही का फायदा उठाया और खाली पड़ी जमीन को गरीब लोगों को बेच कर अपनी जेब भरने का काम किया. दरअसल, पहाड़ खोदे जाने के बाद काफी समतल जगह इन खदानों में बन गई. जिसका फायदा भू माफियाओं ने उठाया और इस समतल हुई जमीन की प्लॉटिंग कर लोगों को बेच दी. पूरा खोरी गांव एक तरह से पहाड़ की गोद में बसा है और खदान में ही लोगों ने मकान बनाए हैं.

ये भी पढ़िए: खोरी गांव तोड़फोड़: प्रशासन ने काटी बिजली-पानी की सप्लाई, भूखे-प्यासे घरों में डटे लोग

आपको जान कर हैरानी होगी कि खोरी गांव के लोगों के सभी सरकारी कागजात बने हैं. यहां रहने वाले वासूदेव कहते हैं कि उन्होंने अपना आधार कार्ड बनावाया है. पैन कार्ड बनवाया है. हालांकि इसके लिए उनसे अधिकारियों ने पैसे ज्यादा वसूले, लेकिन सभी काम हुए हैं.

faridabad khori village illegal encroachment
आधार कार्ड दिखाता खोली गांव का ग्रामीण

स्थानीय लोगों के मुताबिक फरीदाबाद में भू-माफियाओं (Land Mafia Faridabad) ने प्रवासी लोगों को अरावली की जमीन पर रहने के लिए पर्ची काटकर दी. ये पर्ची 500 रुपये से लेकर हजार रुपये तक काटी गई. पर्ची का मतलब ये था कि मकान बाने वाली जमीन पर कोई दूसरा दावा नहीं कर सकेगा. पर्ची के बाद लोगों को कब्जा दिया जाता था. इसके बाद लोगों को एक हजार रुपये गज के हिसाब से प्लॉट दिए गए.

ये भी पढ़िए: बड़ी खबर: फरीदाबाद के खोरी गांव में तोड़फोड़ से पहले एक शख्स ने किया सुसाइड

अब जब इन मकानों को तोड़ने का नंबर आया तो ना सिर्फ भू माफिया गायब हैं बल्कि वो अधिकारी भी गायब हैं जिन्होंने ज्यादा रुपये लेकर खोरी गांव में बिजली-पानी की व्यवस्था की थी. खोरी गांव के वासी कहते हैं कि माना उनके घर अवैध हैं, लेकिन ये गांव एक दिन में तो बसा नहीं. जब गांव बसना शुरू हुआ था तो तब क्यों ये कार्रवाई नहीं की गई. अब 40 साल बाद क्यों उनके आशियानों को तोड़ा जा रहा है?

ये भी पढ़िए: फरीदाबाद के खोरी गांव में बढ़ाई गई पुलिस फोर्स, कल तोड़े जाने हैं 10 हजार मकान

Last Updated : Jun 16, 2021, 4:34 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.