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अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला: लोगों के मन को मोह रही हस्तशिल्प कला और नृत्य झांकियां

अगर आप हस्तशिल्प कला के शौकीन हैं तो आपके शौक को पूरा करने के लिए फरीदाबाद सूरजकुंड की पहाड़ियों में 34वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला लगा है, जिसे हस्तशिल्प और कला का महाकुंभ कहा जाता है.

International Surajkund Fair faridabad
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Published : Feb 2, 2020, 9:35 AM IST

Updated : Feb 2, 2020, 9:54 AM IST

फरीदाबाद: खूबसूरत सूरजकुंड पहाड़ियों में 34वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला शुरू हो चुका है. ये मेला उन लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, जो लोग हस्तशिल्प और कला के शौकीन हैं.

इस मेले में आप हस्तशिल्प और विभिन्न प्रकार की कलाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देख सकते हैं. राजस्थान के सांस्कृतिक नृत्य से लेकर कंट्री पाटनर उज़्बेकिस्तान तक के सांस्कृतिक नृत्य आपको देखने को मिलेंगे.

अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की झांकियां

मेले में सांस्कृतिक झांकियां

जैसे ही आप मेले के अंदर पहुंचेंगे. अलग-अलग राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झांकियां आपको चारों तरफ दिखाई देंगी जो आप को अपनी ओर आकर्षित करेंगे. मेले में आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल सहित अन्य राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले की चौपाल पर आपको देखने को मिलेंगे.

मेले में आए दूसरे राज्यों से कलाओं में निपुण हस्तशिल्प के कलाकारों का कहना है कि सूरजकुंड मेला एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां भारत के अलग-अलग राज्यों से आकर तो हस्तशिल्प कलाकार और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने वाले कलाकार मिलते हैं बल्कि दूसरे देशों के हस्तशिल्प कलाकारों से भी उनकी मेले में मुलाकात होती है. उनको ये जानने का मौका मिलता है कि किस तरह से हस्तशिल्प की कला को प्रत्येक देश और राज्य बढ़ा रहा है.

मेले में हस्तशिल्प की झलक

उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से मेले में आ रहे हैं और जब भी वह मेले में आते हैं उनको बेहद खुशी होती है. मेले में चाहे हस्तशिल्प की झलक हो या फिर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक हो या फिर मशहूर रेशम के धागों वाली साड़ियों की कला हो या फिर अन्य कोई कला सभी कलाओं का यहां पर संगम हो जाता है. एक ही मैदान में सभी कलाओं का संगम होते ही दृश्य बेहद मनमोहक बन जाता है.

मेले में आए हस्तशिल्प कलाकार

मेले की शुरुआत में आए दर्शकों का कहना है कि उन्हें ये महिला बेहद पसंद है क्योंकि यहां पर अलग-अलग देशों का अलग-अलग राज्यों का संस्कृति देखने को उनको अवसर प्राप्त होता है. वे हर बार मेले में आते हैं. हस्तशिल्प कलाकार यहां से बेहतर संगम कहीं भी नहीं देखा जा सकता और यहां पर वह चीजें भी देखने को मिलती हैं, जो हम सिर्फ इंटरनेट पर देख सकते हैं.

ये भी पढ़ें - हिसार के राखीगढ़ी में सरकार बनाएगी आइकोनिक म्युजियम, आम बजट में वित्त मंत्री ने किया ऐलान

अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला फरीदाबाद के सूरजकुंड पहाड़ियों में अपने दर्शकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं. मेले में आने वाले दर्शकों में खासी खुशी देखने को मिल रही है. वहीं मेले में आए हस्तशिल्प के कलाकार भी खासे उत्साह में नजर आ रहे हैं.

फरीदाबाद: खूबसूरत सूरजकुंड पहाड़ियों में 34वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला शुरू हो चुका है. ये मेला उन लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, जो लोग हस्तशिल्प और कला के शौकीन हैं.

इस मेले में आप हस्तशिल्प और विभिन्न प्रकार की कलाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी देख सकते हैं. राजस्थान के सांस्कृतिक नृत्य से लेकर कंट्री पाटनर उज़्बेकिस्तान तक के सांस्कृतिक नृत्य आपको देखने को मिलेंगे.

अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले की झांकियां

मेले में सांस्कृतिक झांकियां

जैसे ही आप मेले के अंदर पहुंचेंगे. अलग-अलग राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झांकियां आपको चारों तरफ दिखाई देंगी जो आप को अपनी ओर आकर्षित करेंगे. मेले में आंध्र प्रदेश, राजस्थान, हिमाचल सहित अन्य राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले की चौपाल पर आपको देखने को मिलेंगे.

मेले में आए दूसरे राज्यों से कलाओं में निपुण हस्तशिल्प के कलाकारों का कहना है कि सूरजकुंड मेला एक ऐसा प्लेटफार्म है, जहां भारत के अलग-अलग राज्यों से आकर तो हस्तशिल्प कलाकार और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने वाले कलाकार मिलते हैं बल्कि दूसरे देशों के हस्तशिल्प कलाकारों से भी उनकी मेले में मुलाकात होती है. उनको ये जानने का मौका मिलता है कि किस तरह से हस्तशिल्प की कला को प्रत्येक देश और राज्य बढ़ा रहा है.

मेले में हस्तशिल्प की झलक

उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से मेले में आ रहे हैं और जब भी वह मेले में आते हैं उनको बेहद खुशी होती है. मेले में चाहे हस्तशिल्प की झलक हो या फिर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक हो या फिर मशहूर रेशम के धागों वाली साड़ियों की कला हो या फिर अन्य कोई कला सभी कलाओं का यहां पर संगम हो जाता है. एक ही मैदान में सभी कलाओं का संगम होते ही दृश्य बेहद मनमोहक बन जाता है.

मेले में आए हस्तशिल्प कलाकार

मेले की शुरुआत में आए दर्शकों का कहना है कि उन्हें ये महिला बेहद पसंद है क्योंकि यहां पर अलग-अलग देशों का अलग-अलग राज्यों का संस्कृति देखने को उनको अवसर प्राप्त होता है. वे हर बार मेले में आते हैं. हस्तशिल्प कलाकार यहां से बेहतर संगम कहीं भी नहीं देखा जा सकता और यहां पर वह चीजें भी देखने को मिलती हैं, जो हम सिर्फ इंटरनेट पर देख सकते हैं.

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अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला फरीदाबाद के सूरजकुंड पहाड़ियों में अपने दर्शकों का स्वागत करने के लिए तैयार हैं. मेले में आने वाले दर्शकों में खासी खुशी देखने को मिल रही है. वहीं मेले में आए हस्तशिल्प के कलाकार भी खासे उत्साह में नजर आ रहे हैं.

Intro:एंकर-- अगर आप हस्तशिल्प और कला के शौकीन है तो आपके शौक को पूरा करने के लिए फरीदाबाद सूरजकुंड की पहाड़ियों में 34 वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला जिसको हस्तशिल्प और कला का महाकुंभ कहा जाता है शुरू हो चुका है जितना उत्साह यहां आने वाले कलाकारों और हस्तशिल्प कारों में हैं उतना ही खुशी और उत्साह मेले में आने वाले दर्शकों में भी हैBody:

वीओ- फरीदाबाद की खूबसूरत सूरजकुंड पहाड़ियों में 34 वां अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेला शुरू हो चुका है यह मेला उन लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण है जो लोग हस्तशिल्प और कला के शौकीन है इस मेले में आप हस्तशिल्प और विभिन्न प्रकार की कलाओं के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों केबी नजारे देखेंगे मेले में राजस्थान के सांस्कृतिक नृत्य से लेकर कंट्री पाटनर उज़्बेकिस्तान तक के सांस्कृतिक नृत्य आपको देखने को मिलेंगे जैसे ही आप मेले के अंदर पहुंचेंगे अलग-अलग राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झांकियां आपको चारों तरफ दिखाई देंगी जो आप को अपनी ओर आकर्षित करेंगे मेले में आंध्र प्रदेश राजस्थान हिमाचल सहित अन्य राज्यों के सांस्कृतिक कार्यक्रम मेले की चौपाल पर आपको देखने को मिलेंगे मेले में आए दूसरे राज्यों से कलाओं में निपुण हस्तशिल्प के कलाकारों का कहना है सूरजकुंड मेला एक ऐसा प्लेटफार्म है जहां भारत के अलग-अलग राज्यों से आकर तो हस्तशिल्प कलाकार और सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश करने वाले कलाकार मिलते हैं बल्कि दूसरे देशों के हस्तशिल्प कलाकारों से भी उनकी मेले में मुलाकात होती है और उनको यह जानने का मौका मिलता है कि किस तरह से हस्तशिल्प की कला को प्रत्येक देश व राज्य बढ़ा रहा है उन्होंने कहा कि वह पिछले कई सालों से मेले में आ रहे हैं और जब भी वह मेले में आते हैं उनको बेहद खुशी होती है उन्होंने कहा कि मेले में चाहे हस्तशिल्प की झलक हो या फिर सांस्कृतिक कार्यक्रमों की झलक हो या फिर मशहूर रेशम के धागों वाली साड़ियों की कला हो या फिर अन्य कोई कला सभी कलाओं का यहां पर संगम हो जाता है और एक ही मैदान में सभी कलाओं का संगम होते ही दृश्य बेहद मनमोहक बन जाता है

बाईट-- बाल कृष्णा, आंध्र प्रदेश से आए हस्तशिल्प कलाकार

बाईट- ज्ञान चंद ,शर्मा राजस्थान से आए हस्तशिल्प कलाकार

वीओ-- वहीं मेले की शुरुआत में आए दर्शकों का कहना है कि उन्हें यह महिला बेहद पसंद है क्योंकि यहां पर अलग-अलग देशों का अलग-अलग राज्यों का संस्कृति देखने को उनको अवसर प्राप्त होता है और वह हर बार मेले में आते हैं उन्होंने कहा की हस्तशिल्प कलाकार यहां से बेहतर संगम कहीं भी नहीं देखा जा सकता और यहां पर वह चीजें भी देखने को मिलती हैं जो हम सिर्फ इंटरनेट पर देख सकते हैं

बाईट- मेले में आई महिलाएंConclusion:अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला फरीदाबाद के सूरजकुंड पहाड़ियों में अपने दर्शकों का स्वागत करने के लिए तैयार है मेले में आने वाले दर्शकों में खासी खुशी देखने को मिल रही है वहीं मेले में आए हस्तशिल्प के कलाकार भी खासे उत्साह में नजर आ रहे हैं
Last Updated : Feb 2, 2020, 9:54 AM IST
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