फरीदाबाद: फरीदाबाद में इस वक्त 230 से ज्यादा छोटे और बड़े उद्योग शुरू हो चुके हैं, लेकिन परेशानियों के साथ शुरू हुए इन उद्योग संचालकों को अभी भी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उद्योग संचालक सरकार से मदद की आस लगाए बैठे हैं. साथ ही कई उद्योग संचालक सरकार से कर्मचारियों को ईएसआई फंड से सैलरी देने की मांग कर करे हैं.
लॉकडाउन के कारण आर्थिक नुकसान झेल रहे शहर के आधा दर्जन औद्योगिक संगठनों ने इंडस्ट्री चलाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत अन्य मंत्रियों को पत्र लिखकर सुझाव भेजे हैं, ताकि संकट की इस घड़ी में इंडस्ट्री को फिर से गति जी दी जा सके. इन सुझावों से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने और रोजगार बनाए रखने में मदद मिलेगी.
संगठनों का कहना है कि केंद्र और राज्य सरकार ने जो भी रियायतें दी हैं, उनसे कोई खास लाभ नहीं हो रहा है. औद्योगिक संगठन फरीदाबाद चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज, डीएलएफ इंडस्ट्री एसोसिएशन, फरीदाबाद आईएमटी इंडस्ट्री एसोसिएशन, स्मॉल इंडस्ट्री एसोसिएशन और लघु उद्योग भारती के प्रतिनिधियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक कर ये सुझाव श्रम एवं रोजगार मंत्री संतोष गंगवार और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी को भेजकर राहत की मांग की है.
डीएलएफ इंडस्ट्री के प्रधान एलपी मल्होत्रा ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया कि पिछले 2 महीने से लॉकडाउन होने के कारण इंडस्ट्रीज पूरी तरह से ठप पड़ी हुई है, जिस कारण उद्यमियों के सामने कई प्रकार की परेशानियां हैं. उन्होंने बताया कि औद्योगिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि कर्मचारियों को वेतन ईएसआई फंड से दी जाए.
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उन्होंने कहा कि ज्यादातर फैक्ट्री मालिक मार्च महीने का वेतन कर्मचारियों को दे चुके हैं, लेकिन अप्रैल में फैक्ट्रियां बंद रही जिस वजह से फैक्ट्री मालिकों के पास भी पैसे नहीं है. उन्होंने कहा कि जो 25 फीसदी बिजली के फिक्स चार्ज में छूट देने की घोषणा की है, इससे फायदा नहीं होने वाला है, क्योंकि इंडस्ट्री पूरी तरह से बंद है. बिजली की कोई खपत नहीं हुई. ऐसे में पूरा फिक्स चार्ज माफ किया जाए और ये फिक्स चार्ज 6 महीने के लिए माफ होना चाहिए.