फरीदाबाद: कोरोना काल में पहले ही महंगाई के पर लग गए थे, जिसके बाद लगातार महंगाई लगातार बढ़ती जा रही थी. ऐसे में अब पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस की मूल वृद्धि ने आम लोगों के बजट में सेंध लगा दी है. महंगाई के इस दौर में अब फल और सब्जियों के दाम भी आसमान छू रहे हैं. फलों और सब्जियों के बढ़ते दाम ने घर के बजट को बिगाड़ (fruits and vegetables price hike in haryana) दिया है. कुछ सब्जियों के दाम तो फलों से भी महंगे हो गए हैं. गर्मी के इस मौसम में जिस नींबू पानी को पीकर लोग ताजगी महसूस करते हैं. आज उसी नींबू के भाव ने बाजार में गर्मी बढ़ाई (lemon Price in Haryana) हुई है.
पेट्रोल-डीजल और घरेलू ईंधन के दामों में बढ़ोतरी ने सब्जियां के भावों को भी आसमान पर पहुंचा दिया है. सब्जियों के लगातार बढ़ रहे दामों में अभी तक लगभग दोगुनी बढ़ोतरी हो गई है. जिसके चलते आम आदमी की जेब पर भारी असर पड़ रहा है. आलम यह हो रहा है कि सब्जी मंडी में सब्जी खरीदने आने वाले लोग सब्जियों में कटौती करते नजर (vegetable price in haryana) आ रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ सब्जी बेचने वाले दुकानदारों पर भी महंगाई की मार पड़ रही है.
फरीदाबाद की सब्जी मंडी में सब्जी खरीदने आए लोगों ने बताया कि सभी सब्जियों के दाम लगभग दोगुने हो चुके हैं. कई सारी सब्जियां तो ऐसी हैं, जो उनकी पहुंच से दूर हो चुकी है. ऐसे में महिलाओं ने बताया कि उनको रसोई चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सबसे ज्यादा महंगाई की मार नींबू पर पड़ रही है. मंडी में इस समय नीबू 250 रुपये प्रति किलो से ऊपर बेचा जा रहा है. जिसके चलते मंडी में आने वाले कम ही लोग नींबू की खरीदारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं. जानें अब तक कितनी महंगी हुई सब्जियां
सब्जी | प्रति किलोग्राम दाम (पहले) | प्रति किलोग्राम दाम (अब) |
अदरक | 30 रुपये | 50 रुपये |
भिंडी | 40 रुपये | 100 रुपये |
बैंगन | 20 रुपये | 40 रुपये |
नींबू | 70 रुपये | 250 रुपये |
शिमला मिर्च | 30 रुपये | 80 रुपये |
कद्दू | 15 रुपये | 40 रुपये |
मिर्च | 50 रुपये | 100 रुपये |
कटहल | 20 रुपये | 50 रुपये |
प्याज | 25 रुपये | 40 रुपये |
आलू | 15 रुपये | 25 रुपये |
टमाटर | 15 रुपये | 40 रुपये |
तोरई | 40 रुपये | 100 रुपये |
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लोगों का मानना है कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों का सीधा असर सब्जियों पर भी पड़ रहा है. बड़ी मंडियों से सब्जियां खरीद कर बेचने वाले विक्रेताओं ने बताया कि वे लोग पहले लगभग 4 हजार की सब्जियां खरीदते थे और उससे अपना गुजारा कर लेते थे, लेकिन आज वह 10 हजार की सब्जियां खरीद कर बेचते हैं. उसके बावजूद भी उनको मुनाफा नहीं हो रहा है. क्योंकि लोग बेहद कम मात्रा में सब्जी खरीदते हैं और कई बार तो सब्जी नहीं बिक पाने के कारण खराब भी हो जाती है.
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