फरीदाबाद: हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण द्वारा सेक्टर-45 स्थित मेवला महाराजपुर में 200 करोड़ से अधिक कीमत की जमीन पर किराए के खेल को खत्म कर दिया गया है. प्रशासन ने इन घरों पर जेसीबी चलाना शुरू कर दिया है. इस दौरान लगभग 1000 से अधिक घरों को तोड़ा गया है. घर टूटने के बाद हजारों लोग ठंड में बेघर हो गए हैं. (illegal houses demolished in Faridabad ) (Haryana Urban Development Authority )
आपको बता दें 75 एकड़ जमीन हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण का है, जिसमें से 15 एकड़ जमीन पर स्थानीय लोगों द्वारा घर बनाकर इसे रेंट पर चढ़ा दिया गया था और इस रेट की एवज में स्थानीय लोग मोटा पैसा कमा रहे थे. जब मौके पर अधिकारी की टीम पुलिस फोर्स के साथ जेसीबी लेकर पहुंचे तो स्थानीय लोगों ने इसका विरोध भी किया लेकिन विरोध ज्यादा देर तक नहीं टिक पाया. प्रशासन ने घरों को तोड़ना शुरू कर दिया. लगभग 28 साल पहले प्राधिकरण विभाग ने इस जमीन का अधिग्रहण किया था. अधिग्रहण करने के बाद इस जमीन को वैसे ही छोड़ दिया गया जिसके बाद स्थानीय लोगों ने इस पर कब्जा करना शुरू कर दिया और धीरे-धीरे लगभग 15 एकड़ जमीन पर कुछ लोगों ने मकान बनाना शुरू कर दिया और जिसे रेंट पर लगा दिया, लेकिन अब इस जमीन पर जेसीबी चल गया है.
वहां रहने वाले विनोद भाटी बताते हैं कि हमारे दादा परदादा की जमीन है. हम शुरू से ही यहां पर खेती-बाड़ी करते थे. फिर उसके बाद मकान बनाकर रहने लगे, लेकिन हुडा डिपार्टमेंट कह रहा है कि यह जमीन हमारी है. इस जमीन को लेकर हमने कोर्ट में भी अपनी डाली थी कोर्ट का 2010 में फैसला भी आया, जिसमें 800 गज जमीन हमारे लिए छोड़ दिया गया था. हम बार-बार पूछ रहे हैं, हमारी जमीन कहां है तो हमें कोई नहीं बता रहा है. कई मामलों में अभी भी कोर्ट में तारीख दी जा रही है, लेकिन इसके बावजूद भी अधिकारी आकर तोड़फोड़ कर रहे हैं. अब हम कहां जाएंगे रात हमें कड़ाके की ठंड में बितानी पड़ रही है. सामान हमारे सड़कों पर बिखरे पड़े हैं. (houses demolished in Faridabad)
लोगों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण की गई थी, लेकिन हमने मुआवजा का पैसा नहीं लिया है. हमारा पैसा वैसे के वैसे ही पड़ा है. इसी बात को लेकर हम लड़ाई लड़ रहे हैं और कोर्ट की शरण में हम गए थे. अगली तारीख 17 फरवरी 2023 को है. इसके बावजूद भी यहां तोड़फोड़ हो रही है. हुडा के एसडीओ राजेंद्र सिंह बताते हैं कि यह जमीन हुडा डिपार्टमेंट की है जिसपर लोगों ने अवैध कब्जा कर रखा था. यह लोग कोर्ट भी गए थे. कोर्ट ने हुडा के फेवर में फैसला सुनाया है, जिसके बाद हम अपनी जमीन को कब्जा मुक्त करवा रहे हैं.
गौरतलब है कि यहां पर लगभग 1000 से ज्यादा घर बने हुए थे, जिसको अब फूड डिपार्टमेंट में पुलिस की मदद से जमीन को कब्जा मुक्त करवा लिया है. बता दें फरीदाबाद में कई जगह ऐसी जमीन है जो सरकारी है, लेकिन उसके बावजूद भी लोगों ने उस पर कब्जा कर रखा है. अब देखने वाली बात यह होगी कि जो भी सरकारी जमीन है उस पर से अब प्रशासन कबजा मुक्त कब तक करवाती है. ऐसे में सवाल यह भी उठता है कि जो लोग रेंट पर यहां रह रहे थे, अब उसके लिए क्या आसरा बचा है. क्या यूं हूं सड़कों पर कुछ रातें गुजारेंगे या फिर प्रशासन की तरफ से उनको कोई सहायता दी जाएगी. (Illegal occupation of government land in Faridabad)
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