फरीदाबाद: एक तरफ बारिश की मार दूसरी और सरकार की सरसों की खरीद न होने से किसान परेशान. फरीदाबाद में बल्लभगढ़ अनाज मंडी में सरसों की सरकारी खरीद न होने से किसानों की परेशानियां और भी बढ़ गई है. ईटीवी भारत से बातचीत में बल्लभगढ़ के किसान ने कहा कि, काफी लंबे समय से हम सरसों लेकर मंडी में आते हैं. पर हमारी सरसों की फसल सरकार नहीं खरीद रही. किसानों ने सरकार से अपील की हमारी भी फरियाद सुनो सरकार. सरसों की खरीद न होने से किसानों के चेहरों पर रोष नजर आ रहा है. किसानों ने सरकार से अपील की कि सरसों की सरकारी खरीद जल्द से जल्द करें.
बारिश की मार ने गेहूं की फसल और किसान दोनों को ही बर्बादी की कगार की ओर धकेल दिया है. तेज हवाओं के साथ आई बारिश ने गेहूं की खड़ी फसल को जमीन में लेटा गई. किसान अब बेमौसमी बारिश और अपनी किस्मत को कोस रहा है. क्योंकि गेहूं को जो दाना अभी तक हरा नजर आ रहा है, वह पकने तक सूख जाएगा. सूखे हुए दानों का सीधा असर उत्पादन और गुणवत्ता पर पड़ेगा. उत्पादन और गुणवत्ता में कमी फसल की रेट को नुकसान पहुंचाएंगे. जब किसान अपनी फसल को मंडियों में लेकर पहुंचेंगे तो उन्हें एमएसपी से भी कम रेट मिलेंगे. ऐसे में सरकार खेतों में हुए नुकसान के लिए कुछ मुआवजा किसान को दें, ताकि उसे कुछ राहत मिल सके.
मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर 500 से अधिक किसानों का रजिस्ट्रेशन है. जिसमें से सात से आठ रजिस्टर किसान मंडी में आ चुके हैं. वहीं, आगे और आने की उम्मीद है. 4750-60 के करीब अभी तक प्राइवेट खरीद हो चुकी है. वहीं, फसलों की सरकारी खरीद के लिए कुछ मापदंड निर्धारित है. जो की गुणवत्ता के आधार पर है. ऐसे में सरकारी एजेंसी हैफेड नमूनों की जांच करती है. जिसके बाद फसल की खरीद की जाती है. फिलहाल सरकारी खरीद ज्यादा ना होने के कारण फसलों में नमी होना है.
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