फरीदाबाद: हरियाणा के फरीदाबाद में किसान परेशान नजर आ रहे (Farmers upset in Faridabad) हैं. किसानों का कहना है कि उन्हें खाद न मिल पाने से फसल बुवाई में देरी हो रही है. किसानों ने राज्य सरकार पर भी अपना आक्रोश जाहिर किया. किसानों ने कहा कि सरकार किसान हितैषी होने का दावा करती है लेकिन धरातल पर स्थिति इसके उलट है. किसानों को खाद के लिए सरकारी खाद की दुकानों के चक्कर काटना पड़ रहा है.
उन्होंने कहा कि फसल कटाई के बाद उन्हें बुवाई के लिए डीएपी खाद की जरूरत होती है, लेकिन सरकार किसानों को उचित मात्रा में डीएपी खाद मुहैया कराने में असफल हो (fertilizer shortage in faridabad) रही है. किसानों का कहना है कि बुवाई के समय किसानों को कई महीने तक सरकारी खाद की दुकानों के चक्कर काटने पड़ते हैं. बावजूद इसके उन्हें खाद नहीं मिल पाती है. उन्होंने कहा कि खेतों में बुवाई से पहले यूरिया खाद की जरूरत होती है लेकिन अब यूरिया खाद के लिए भी किसान दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं.
खाद के लिए पहुंचे किसानों का कहना है कि पिछले दो महीने से सरकारी खाद की दुकानों के चक्कर लगाते हुए किसान परेशान घूम रहे हैं. वहीं सरकारी खाद की दुकान में किसानों का तातां लगा हुआ है. किसानों ने बताया कि पिछले दो महीने से वह खाद के लिए चक्कर लगा रहे हैं, खाद मिलना तो दूर सिर्फ आश्वासन ही मिल पाता (Farmers protest in haryana) है. उसके बाद अगर किसी किसान का खाद मिलने के लिए नंबर भी आ जाए तो उसके साथ नैनो यूरिया और दे रहे हैं.
उनका कहना है कि इससे किसानों पर नैनो यूरिया का खर्चा और बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि जिसका उपयोग कुछ खासा नहीं है. किसानों का कहना है कि नैनो यूरिया को घर में रखने पर भी खतरा है क्योंकि इसे बच्चों की नजर से बचाकर रखना बेहद मुश्किल है. कुल मिलाकर किसानों ने कहा कि उन्हें जो खाद समय पर चाहिए वह उन्हें नहीं मिल पा रही है जिससे फसल उपज में देरी की भी समस्या आ सकती है.
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