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फरीदबाद: गर्भवती पत्नी की COVID-19 रिपोर्ट के लिए भटक रहा शख्स, अस्पताल कर्मी नहीं कर रहे सुनवाई

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Published : Jun 18, 2020, 5:38 PM IST

फरीदाबाद में एक शख्स अपनी गर्भवती पत्नी की कोरोना रिपोर्ट लेने के लिए पिछले 5 दिनों से चक्कर काट रहा है, लेकिन अस्पताल कर्मी उसकी एक नहीं सुन रहे हैं. पीड़ित का कहना है कि अस्पताल कर्मियों ने उसकी पत्नी की रिपोर्ट गायब कर दी है, ऐसे में उसे काफी दिक्कत हो सकती है.

faridabad person wandering for covid report of his pregnant wife
र्भवती पत्नी की COVID रिपोर्ट के लिए भटक रहा शख्स

फरीदाबाद: हरियाणा में सबसे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुविधाएं देने का दावा करने वाला फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ खड़ा हुआ है. अस्पताल से एक गर्भवती महिला की कोविड-19 रिपोर्ट का रिकॉर्ड ही कायम कर दिया गया है. पिछले 5 दिनों से एक शख्स अपनी गर्भवती पत्नी की कोविड रिपोर्ट पाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों के दफ्तर दफ्तर चक्कर लगा रहा है और आज उसे विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही का पता चलता है.

फरीदाबाद निवासी पीड़ित प्रेमचंद्र के मुताबिक 5 दिनों से उसकी बीवी की जांच रिपोर्ट ही नहीं दी गई है. पीड़ित पति ने बताया कि उसने अपनी गर्भवती पत्नी का कोरोना 10 जून को कराया था, लेकिन 8 दिन बाद भी उसे रिपोर्ट नहीं मिली है. प्रेमचंद ने बताया कि उन्होंने सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए अपनी पत्नी का कोरोना टेस्ट कराया था और टेस्ट कराने के बाद बाकायदा उनके फोन पर टेस्ट कंपलीट होने का मैसेज भी आया था.

गर्भवती पत्नी की COVID-19 रिपोर्ट के लिए भटक रहा शख्स, देखिए रिपोर्ट

अस्पताल कर्मी नहीं कर रहे पीड़ित की सुनवाई

टेस्ट करवाए हुए 8 दिन हो गए हैं. पिछले पांच दिन से रोजाना वो अस्पताल रिपोर्ट लेने के लिए आ रहे हैं. इतना सब होने के बाद भी सरकारी कर्मचारी उनकी किसी बात को सुनने को तैयार नहीं है. प्रेमचंद्र का कहना है कि जब तक रिपोर्ट नहीं मिलेगी तब तक कोई भी अस्पताल उनकी पत्नी की डिलीवरी के लिए एडमिट नहीं करेगा.

उनकी पत्नी की डिलीवरी की तारीख भी आज यानी गुरुवार, 18 जून की ही है. उनका कहना है कि इस वक्त उसे अपनी गर्भवती पत्नी के साथ होना चाहिए था, लेकिन वो कोरोना रिपोर्ट लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगा रहा है.

मामले में स्वास्थ्य विभाग ने साधी चुप्पी

पीड़ित प्रेमचंद के पास कराए गए टेस्ट का मैसेज है जो उस स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनको भेजा गया है, लेकिन उनकी पत्नी का रिकॉर्ड स्वास्थ्य विभाग के पास कहीं भी मौजूद नहीं है. इस बारे में हमने स्वास्थ विभाग के अधिकारियों से भी बात करने की कोशिश की लेकिन किसी ने भी अपना पक्ष रखने से मना कर दिया. जिससे साफ पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कितनी लापरवाही के साथ काम कर रहे हैं.

ये भी पढ़िए: बिजली विभाग ने 2854 किसानों को जारी किए ट्यूबवेल के लिए बिजली कनेक्शन

फरीदाबाद: हरियाणा में सबसे बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुविधाएं देने का दावा करने वाला फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर से सवालों के घेरे में आ खड़ा हुआ है. अस्पताल से एक गर्भवती महिला की कोविड-19 रिपोर्ट का रिकॉर्ड ही कायम कर दिया गया है. पिछले 5 दिनों से एक शख्स अपनी गर्भवती पत्नी की कोविड रिपोर्ट पाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों के दफ्तर दफ्तर चक्कर लगा रहा है और आज उसे विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही का पता चलता है.

फरीदाबाद निवासी पीड़ित प्रेमचंद्र के मुताबिक 5 दिनों से उसकी बीवी की जांच रिपोर्ट ही नहीं दी गई है. पीड़ित पति ने बताया कि उसने अपनी गर्भवती पत्नी का कोरोना 10 जून को कराया था, लेकिन 8 दिन बाद भी उसे रिपोर्ट नहीं मिली है. प्रेमचंद ने बताया कि उन्होंने सारी प्रक्रिया पूरी करते हुए अपनी पत्नी का कोरोना टेस्ट कराया था और टेस्ट कराने के बाद बाकायदा उनके फोन पर टेस्ट कंपलीट होने का मैसेज भी आया था.

गर्भवती पत्नी की COVID-19 रिपोर्ट के लिए भटक रहा शख्स, देखिए रिपोर्ट

अस्पताल कर्मी नहीं कर रहे पीड़ित की सुनवाई

टेस्ट करवाए हुए 8 दिन हो गए हैं. पिछले पांच दिन से रोजाना वो अस्पताल रिपोर्ट लेने के लिए आ रहे हैं. इतना सब होने के बाद भी सरकारी कर्मचारी उनकी किसी बात को सुनने को तैयार नहीं है. प्रेमचंद्र का कहना है कि जब तक रिपोर्ट नहीं मिलेगी तब तक कोई भी अस्पताल उनकी पत्नी की डिलीवरी के लिए एडमिट नहीं करेगा.

उनकी पत्नी की डिलीवरी की तारीख भी आज यानी गुरुवार, 18 जून की ही है. उनका कहना है कि इस वक्त उसे अपनी गर्भवती पत्नी के साथ होना चाहिए था, लेकिन वो कोरोना रिपोर्ट लेने के लिए स्वास्थ्य विभाग के चक्कर लगा रहा है.

मामले में स्वास्थ्य विभाग ने साधी चुप्पी

पीड़ित प्रेमचंद के पास कराए गए टेस्ट का मैसेज है जो उस स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उनको भेजा गया है, लेकिन उनकी पत्नी का रिकॉर्ड स्वास्थ्य विभाग के पास कहीं भी मौजूद नहीं है. इस बारे में हमने स्वास्थ विभाग के अधिकारियों से भी बात करने की कोशिश की लेकिन किसी ने भी अपना पक्ष रखने से मना कर दिया. जिससे साफ पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कितनी लापरवाही के साथ काम कर रहे हैं.

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