फरीदाबाद: फरीदाबाद नगर निगम में 200 करोड़ के घोटाले को लेकर (faridabad nagar nigam scam) विजिलेंस विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई की जा रही है. जिसके चलते विजिलेंस विभाग ने हाल ही में एक ठेकेदार की गिरफ्तारी की थी और एक नंबर जारी कर कहा था कि घोटाले संबंधित किसी भी प्रकार का सबूत इन नंबरों पर दे सकता है. जिसे लेकर एनआईटी फरीदाबाद के विधायक नीरज शर्मा शनिवार को घोटाले से संंबंधित दस्तावेज लेकर विजिलेंस विभाग के दफ्तर में पहुंचे. जहां विजिलेंस विभाग के ACP अनिल कुमार के साथ कई सबूत साझा किए.
इस दौरान विधायक नीरज शर्मा ने कहा कि नगर निगम के 200 करोड़ के घोटाले में (faridabad rs 200 crore scam) उनकी मौत भी हो गई, तो घोटाले से संबंधित सबूतों की कई फोटो कॉपी अलग-अलग गह रखी है. नीरज शर्मा ने कहा कि मामला भ्रष्टाचार का है, लेकिन इस मामले को कुछ और रंग दिया जा रहा है. उनका दावा है कि इस मामले में चपरासी का नाम आया है, लेकिन यह बात गले नहीं उतर रही है, जो बड़े मगरमच्छ हैं उनसे कोई पूछताछ नहीं की जा रही है. विधायक ने कहा कि इस मामले में केवल एक ठेकेदार की गिरफ्तारी से काम नहीं बन सकता. कई बड़े मगरमच्छ को बचाने के लिए छोटे कर्मचारियों और अधिकारियों को निशाना बनाया जा रहा है.
क्या है मामला: पिछले डेढ़ साल से फरीदाबाद का नगर निगम घोटाला सुर्खियों में रहा है क्योंकि सतबीर ठेकेदार ने बिना कोई काम किए लगभग 200 करोड़ के आसपास की पेमेंट नगर निगम से ली थी. इस पूरे मामले में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने खुद संज्ञान लिया और इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाई जा रही थी. आखिरकार मुख्य आरोपी ठेकेदार की गिरफ्तारी कर ली (faridabad nagar nigam scam accused arrested) गई थी. जिसके बाद एनआईटी फरीदाबाद के विधायक नीरज शर्मा का दावा है कि 200 करोड़ रुपये के घोटाले में कई बड़े-बड़े अधिकारी और सफेद पोशाक वाले नेता भी शामिल है. क्योंकि नगर निगम से 50 लाख रुपये से उपर के टेंडर पर मुख्य अभियंता की अनुमति चाहिए होती है और 1 करोड रू से उपर के टेंडर पर नगर निगम आयुक्त की अनुमति चाहिए होती है.
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ऐसे में बिना बड़े अधिकारियों की मिलीभगत के इतना बड़ा घोटाला होना असंभव है. साथ ही विधायक नीरज शर्मा ने फरीदाबाद की जनता से घोटाला से संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी या दस्तावेजों के बारे में पता होने पर विजिलेंस विभाग को सूचित करने की अपील की है. जिसके लिए विजिलेंस विभाग ने हाल ही में एक नंबर भी जारी किया है. नीरज शर्मा ने कहा कि अगर उस पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, तो वह मुझे अवगत करवाए नीरज शर्मा उनकी आवाज दबने नहीं देगा.
इसके अलावा शनिवार को विजिलेंस विभाग के दफ्तर पहुंचे विधायक नीरज शर्मा सरकार से 27 अक्टूबर 2019 को चंडीगढ़ जाने वाले अधिकारियों और चार्टड प्लेन से यात्रा करने वाले बड़े-बड़े अधिकारियों की डिटेल निकलवाने की मांग की है. विधायक नीरज शर्मा ने विजिलेंस विभाग को बताया कि कई ऐसे अधिकारी है, जो देश छोड के भागने की तैयारी में है. इसलिए जो भी इस घोटाले में संलिप्त है उनके पासपोर्ट जब्त करने की मांग की है.
वहीं पूरे मामले को लेकर कांग्रेस विधायक नीरज शर्मा ने अपने आप को जान का खतरा भी बताया है. उन्होंने कहा कि विधानसभा में लगातार इस मामले को उठाने पर स्टेट विजिलेंस ने इस पर कार्रवाई की है. उसके बाद से उनकी जान को भी खतरा है. उनका कहना है कि जब तक वह जिंदा है, तब तक इस भ्रष्टाचार के मामले को उजागर करके रहेंगे. नीरज शर्मा ने घोटाले में शामिल बड़े अधिकारियों के नाम भी बताए हैं. उनका दावा है कि नेता बिरादरी के लोगों का भी नाम जांच में सामने आ सकता है. इतने बड़े घोटाले में केवल अधिकारी ही नहीं सफेद पोशाक पहनने वाले नेता लोग भी शामिल हैं, क्योंकि नगर निगम में पहले भी भ्रष्टाचार होता रहा है. इसलिए इस मामले की जांच की निष्पक्षता पर भी सवाल उठ रहे हैं.
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नीरज शर्मा ने बताया कि जब इस घोटाले का सच उजागर हुआ था, तो नगर निगम के रिकॉर्ड रूम में आग लगा दी गई थी. जिसके बारे में आज तक यह पता नहीं चल पाया है कि आखिर आग लगने के क्या कारण थे और जो रिकॉर्ड गायब हुआ था, क्या उसकी पुलिस एफआईआर कराई गई थी. नीरज शर्मा का दावा है कि जनता के खून पसीने की कमाई को अधिकारी और कुछ सफेद पोशाक पहने नेत दोनों हाथों से लूटने का काम कर रहे हैं.
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