नूंह: जीजा-साला की हत्या से जुड़े करीब 25 साल पुराने मामले में नूंह पुलिस की बड़ी लापरवाही सामने आई है, जिसका खुलासा कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुआ. दावा किया जा रहा है कि डबल मर्डर और लूट के इस 25 साल पुराने मामले में फरार घोषित आरोपी के स्थान पर पुलिस ने किसी अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया, लेकिन बाद में इसका पर्दाफाश हो गया. फिलहाल, गिरफ्तार किए गए आरोपी को कोर्ट ने जमानत दे दी है.
25 साल से फरार है आरोपी : मामले में पैरवी कर रहे अधिवक्ता मुजीब ने बताया कि वर्ष 1999 में पीपाका पहाड़ में अज्ञात बदमाशों ने जीजा और साले से लूटपाट कर उनकी हत्या कर दी थी. दोनों एक डंपर में चालक और खलासी के रूप में काम कर रहे थे. इस मामले में पुलिस ने अपनी जांच में उत्तर प्रदेश के मुन्ना को आरोपी माना था, जिसे वर्ष 2011 में फरार घोषित किया गया था.
अक्टूबर 2024 में हुई थी गिरफ्तारी : हालांकि, पुलिस ने बीते साल अक्टूबर माह में उत्तर प्रदेश के संबल निवासी मोहम्मद जफर उर्फ मुन्ना को गिरफ्तार कर अदालत में पेश कर दिया. अधिवक्ता मुजीब ने बताया कि फरार आरोपी मुन्ना था, लेकिन पुलिस ने अपनी ओर से मुन्ना उर्फ जफर को भी इस मामले में जोड़ दिया. अधिवक्ता ने अदालत में पुलिस के इस आधार को चुनौती दी और तर्क दिया कि हत्या के असली दोषियों को आज तक गिरफ्तार नहीं किया गया.
अधिवक्ता ने पुलिस पर लगाया गंभीर आरोप : अधिवक्ता ने आरोप लगाया कि पुलिस ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए गलत सूचना के आधार पर निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार कर करीब साढ़े तीन महीने तक जेल में रखा. अधिवक्ता मोहम्मद मुजीब ने कहा कि पुलिस ने किसी भी पक्ष के साथ न्याय नहीं किया है और वह इस मामले को हाईकोर्ट में भी चुनौती देंगे.
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25 साल बाद पुलिस के हत्थे चढ़ा लूट व हत्या का आरोपी, पुलिस ने ऐसे पाई कामयाबी - NUH POLICE ACTION