फरीदाबाद: साल 2020 में जब कोरोना की पहली लहर आई तो इसने अपनो को भी दूर कर दिया था. जिसे भी कोरोना होता लोग उससे दूरी बनाना शुरू कर देते. ऐसे भी कई मामले सामने आए जब कोरोना संक्रमित को मदद की दरकार होती थी, लेकिन कोई आगे नहीं आता था.
वहीं अब कोरोना की दूसरी लहर में काफी कुछ बदल गया है. लोगों की सोच में अब काफी बदलाव देखने को मिला है. लोग अब होम आइसोलेशन में रह रहे कोरोना संक्रमितों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं. हम आपको ऐसे ही पति-पत्नी के बारे में बता रहे हैं जो अपने आसपास कोरोना संक्रमितों की मदद में दिन-रात लगे हुए हैं. इन्होंने ना केवल कोरोना संक्रमितों के घर तक नि:शुल्क खाना पहुंचाया बल्कि समय पर मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध करवाई.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए दंपति ने बताया की पहली लहर में लोगों में इस वायरस को लेकर इतना खौफ था कि कोरोना मरीज के आसपास भी नहीं जाते थे. लेकिन दूसरी लहर में जब लोग कोरोना संक्रमित हुए तो लोग मदद के लिए आगे आए. विकास मित्तल ने बताया कि वो अपनी पत्नी के साथ कोरोना संक्रमित लोगों के घर खाना पहुंचाते हैं और जरूरत पड़ने पर मेडिकल सुविधा भी उपलब्ध करवाते हैं.
विकास मित्तल की पत्नी अल्पना ने बताया कि मानवता के नाते हम सभी का फर्ज बनता है कि हम अपने पड़ोसियों की बुरे वक्त में मदद करें. उन्होंने कहा कि वो अपनी कॉलोनी में पैसे इकट्ठा करते हैं और अस्पताल में लोगों को निशुल्क खाना और दूसरी मेडिकल सुविधाएं मुहैया करवाते हैं.
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विकास मित्तल और अल्पना मित्तल ने कोरोना संक्रमितों की मदद करके समाज में पॉजिटिव संदेश देने की कोशिश की है. उनका यही मानना है कि अपने आस-पड़ोस में रह रहे कोरोना संक्रमितों की जितनी हो सके उतनी मदद की जाए. उन्हें घर का खाना दिया जाए और अगर जरूरत हो तो मेडिकल सुविधा उपलब्ध करवाई जाए.