फरीदाबाद: हरियाणा के खोरी गांव में हजारों परिवार इस समय मायूस हैं. कुछ ही घंटे बचे हैं और इनके आशियानों पर प्रशासन का पीला पंजा चलने वाला है. करीबन 10 हजार मकान तोड़ दिए जाएंगे. इन मकानों को तोड़ने का आदेश सुप्रीम कोर्ट ने दिया है. अब यहां के बाशिंदे इसी फिक्र में हैं कि आखिर अब वो जाएंगे कहां?
घर तोड़ेंगे... तो जाएंगे कहां?
बिहार की राजेश करीबन 20 सालों से खोरी गांव में अपने परिवार के साथ रह रही हैं. राजेश बताती हैं कि उन्होंने एक-एक पैसा इकट्ठा करके अपना मकान बनाया था, लेकिन आज उन्हीं को उनके घर से बेघर किया जा रहा है. ये अन्याय नहीं तो और क्या है?
बेसहारा खोरी वालों को कौन देगा सहारा?
खोरी गांव के लोग बताते हैं जब वो यहां रहने आए थे तो पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने उनसे एक-एक ईंट का पैसा लिया था, आखिर तब सरकार और सुप्रीम ने कुछ क्यों नहीं किया? लोग बताते हैं कि आज जब वो यहां अपनी आधी जिंदगी गुजार चुके हैं, तो उन्हें धक्के देकर निकाला जा रहा है.
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सरकार से ग्रामीणों की मांग
खोरी गांव में प्रशासन की तैयारियों को देख ग्रामीणों की जिंगदी रुक सी गई है. ग्रामीण अपने घरों से सामान निकाल रहे हैं. छोटे-छोटे बच्चों को कोरोना काल में कहां लेकर जाएंगे ये किसी को नहीं पता. इन ग्रामीणों की मांग है कि कम से कम उनके रहने की व्यवस्था सरकार द्वारा की जाए.
खोरी गांव का मिट जाएगा वजूद!
12 जून के बाद खोरी गांव के हजारों लोग बेघर हो जाएंगे. हर किसी को यही चिंता है कि बिना छत के आखिर गुजारा कैसे होगा? हालांकि सुप्रीम कोर्ट का आदेश सर्वोपरि है, लेकिन आज जो स्थिति बनी है उसकी जिम्मेदार भी सरकार है...प्रशासन है...वोटों के लिए नेता यहां हुजूम लगाए दिखते हैं, लेकिन जब आज इन पर मुसिबत आन पड़ी है तो इनकी फिक्र करने वाला कोई नहीं है.
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खोरी गांव पर क्या है सुप्रीम कोर्ट का आदेश
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली क्षेत्र के गांव खोरी में अब फिर से तोड़फोड़ की जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने फरीदाबाद नगर निगम को 6 हफ्ते में कार्रवाई करके रिपोर्ट देने के आदेश दिए हैं. जिला प्रशासन ये कार्रवाई 12 जून से शुरू करेगा.
बता दें कि अरावली क्षेत्र के खोरी गांव में करीब 100 एकड़ जमीन पर अतिक्रमण था, नगर निगम ने पिछले वर्ष सितंबर में यहां कार्रवाई की थी. ऐसे ही इस वर्ष दो अप्रैल को भी खोरी गांव में बड़ी तोड़फोड़ की गई थी.
अब गांव खोरी सूरजकुंड क्षेत्र (फरीदाबाद) के अलावा प्रहलादपुर क्षेत्र, राजधानी दिल्ली तक फैला हुआ है. अधिकांश अतिक्रमण करने वालों ने बिजली और पानी का इंतजाम दिल्ली से ही किया हुआ है. यही कारण है कि अब यहां प्रशासन का पीला पंजा चलाया जाएगा.
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