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फरीदाबाद में पीने लायक नहीं नगर निगम की सप्लाई का पानी, 75 में से 63 सैंपल फेल, अधिकारियों ने साधी चुप्पी

फरीदाबाद का पानी अब पीने लायक नहीं रहा. फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग ने रिपोर्ट जारी कर बताया है कि 75 सैंपल में 63 सैंपल फेल हुए हैं.

drinking water problem in faridabad
drinking water problem in faridabad
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Published : Aug 12, 2023, 12:03 PM IST

फरीदाबाद में पीने के पानी की समस्या बढ़ती जा रही है. साफ पेयजल की मांग को लेकर स्थानीय लोग कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. इसके अलावा निगम कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या जस की तस है. इस बीच फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि उनकी टीम ने चार महीनों में अलग-अलग जगह से पानी के 75 सैंपल लिए थे. जिसकी रिपोर्ट आ गई है.

ये भी पढ़ें- फरीदाबाद में किसानों के फसल पंजीकरण की तारीख बढ़ाई गई, अब इस तारीख तक कर सकते हैं रजिस्ट्रेशन

फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में 75 में से 63 पानी के सैंपल नेगेटिव हैं. यानी ये पानी पीने के योग्य नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अप्रैल 2023 से जुलाई 2023 तक ये सैंपल कलेक्ट किए थे. इसमें से मात्र 12 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. गौरतलब है कि जिले में नगर निगम द्वारा बूस्टर एवं ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति घरों तक की जा जाती है. ये पानी वैसे तो पीने के लिए सप्लाई किया जाता है. वास्तव में ये पानी पीने योग्य नहीं है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के कई जगह से ये सैंपल कलेक्ट किए गए. जिसमें गांव करौली, ऊंचा गांव, एनआईटी, गांव संझापुर, तिलपत, ददसिया, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, तिगांव शनि मंदिर, रामनगर, गांधी कॉलोनी, ओल्ड फरीदाबाद, सिरोही, धौज, अशोका एनक्लेव में पीने योग्य पानी बिल्कुल भी नहीं है. उन इलाके के सैंपल फेल आए हैं. वहीं बल्लभगढ़ बाईपास रोड, फावड़ा सिंह चौक, रेलवे स्टेशन, सेक्टर 3 स्थित बूस्टर पंप और ट्यूबवेल, सेक्टर 2-3, सेक्टर 16ए, गोछि गांव में पानी पीने योग्य है. यानी ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि लगभग सेक्टर एरिया का ही पानी पीने योग्य है.

ट्यूबवेल और बूस्टर पंप पर क्लोरिनेशन वाली मोटर लगती है. जिससे जल की आपूर्ति के दौरान उसमें क्लोरीन मिल जाती है. जिससे पानी पीने योग्य बन जाता है. ऐसे में नगर निगम के अधिकारी को पत्र लिखकर क्लोरिनेशन करने के लिए कहा गया है.- डॉक्टर राम भगत, चिकित्सा अधिकारी

वहीं जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेश गुप्ता ने कहा कि क्लोरीन पानी में मौजूद बैक्टीरिया को समाप्त करती है. जिन इलाकों में पानी में क्लोरीन की मात्रा नहीं है. उस क्षेत्र में लोग 20 लीटर पानी में क्लोरीन की एक गोली डालकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें. उसके बाद वो पानी पीने योग्य हो जाता है. जोकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.

ये भी पढ़ें- व्यापारी से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगने का मामला, फरीदाबाद क्राइम ब्रांच ने दो आरोपियों को किया गिरफ्तार

जिन इलाकों में पानी के सैंपल फेल हुए हैं. वहां के लोग अगर उस पानी को पिएंगे तो डायरिया, टाइफाइड, कालरा, पेट में इन्फेक्शन, लूज मोशन संबंधित बीमारियां पैदा हो जाती हैं. हालांकि नगर निगम के अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. गौरतलब है कि फरीदाबाद में पीने के पानी की समस्या जस की तरफ बनी हुई है. जिसको लेकर कई बार जनता में आक्रोश भी देखा गया, लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस समाधान नजर नहीं आ रहा है.

फरीदाबाद में पीने के पानी की समस्या बढ़ती जा रही है. साफ पेयजल की मांग को लेकर स्थानीय लोग कई बार प्रदर्शन कर चुके हैं. इसके अलावा निगम कार्यालय के चक्कर काट चुके हैं, लेकिन उनकी समस्या जस की तस है. इस बीच फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग ने एक रिपोर्ट जारी कर कहा कि उनकी टीम ने चार महीनों में अलग-अलग जगह से पानी के 75 सैंपल लिए थे. जिसकी रिपोर्ट आ गई है.

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फरीदाबाद स्वास्थ्य विभाग की रिपोर्ट में 75 में से 63 पानी के सैंपल नेगेटिव हैं. यानी ये पानी पीने के योग्य नहीं है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने अप्रैल 2023 से जुलाई 2023 तक ये सैंपल कलेक्ट किए थे. इसमें से मात्र 12 सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. गौरतलब है कि जिले में नगर निगम द्वारा बूस्टर एवं ट्यूबवेल से पानी की आपूर्ति घरों तक की जा जाती है. ये पानी वैसे तो पीने के लिए सप्लाई किया जाता है. वास्तव में ये पानी पीने योग्य नहीं है.

स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के कई जगह से ये सैंपल कलेक्ट किए गए. जिसमें गांव करौली, ऊंचा गांव, एनआईटी, गांव संझापुर, तिलपत, ददसिया, हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, तिगांव शनि मंदिर, रामनगर, गांधी कॉलोनी, ओल्ड फरीदाबाद, सिरोही, धौज, अशोका एनक्लेव में पीने योग्य पानी बिल्कुल भी नहीं है. उन इलाके के सैंपल फेल आए हैं. वहीं बल्लभगढ़ बाईपास रोड, फावड़ा सिंह चौक, रेलवे स्टेशन, सेक्टर 3 स्थित बूस्टर पंप और ट्यूबवेल, सेक्टर 2-3, सेक्टर 16ए, गोछि गांव में पानी पीने योग्य है. यानी ऐसे में साफ तौर पर कहा जा सकता है कि लगभग सेक्टर एरिया का ही पानी पीने योग्य है.

ट्यूबवेल और बूस्टर पंप पर क्लोरिनेशन वाली मोटर लगती है. जिससे जल की आपूर्ति के दौरान उसमें क्लोरीन मिल जाती है. जिससे पानी पीने योग्य बन जाता है. ऐसे में नगर निगम के अधिकारी को पत्र लिखकर क्लोरिनेशन करने के लिए कहा गया है.- डॉक्टर राम भगत, चिकित्सा अधिकारी

वहीं जिला नागरिक बादशाह खान अस्पताल के चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर योगेश गुप्ता ने कहा कि क्लोरीन पानी में मौजूद बैक्टीरिया को समाप्त करती है. जिन इलाकों में पानी में क्लोरीन की मात्रा नहीं है. उस क्षेत्र में लोग 20 लीटर पानी में क्लोरीन की एक गोली डालकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें. उसके बाद वो पानी पीने योग्य हो जाता है. जोकि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है.

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जिन इलाकों में पानी के सैंपल फेल हुए हैं. वहां के लोग अगर उस पानी को पिएंगे तो डायरिया, टाइफाइड, कालरा, पेट में इन्फेक्शन, लूज मोशन संबंधित बीमारियां पैदा हो जाती हैं. हालांकि नगर निगम के अधिकारियों ने इस पूरे मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. गौरतलब है कि फरीदाबाद में पीने के पानी की समस्या जस की तरफ बनी हुई है. जिसको लेकर कई बार जनता में आक्रोश भी देखा गया, लेकिन अभी तक इसका कोई ठोस समाधान नजर नहीं आ रहा है.

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