चंडीगढ़: मिठाई खाना किसे अच्छा नहीं लगता. शायद ही कोई हो जिसे मिठाई ना भाती हो और जब त्योहार का सीज़न आता है तो मिठाई की दुकानों में रौनक बढ़ जाती है. कुछ दिन बाद दिवाली का त्योहार है और ऐसे में लगभग हर कोई मिठाई की दुकान से अपने लिए बजट के मुताबिक मिठाई खरीदने के लिए जरूर पहुंचता है. वहीं कुछ लोग घर में गुजिया और मिठाई बनाने के लिए मावा खरीदते हैं और ऐसे में उन्हें मिठाई की दुकानों का रुख करना पड़ता है.
त्योहार में मिलावट का खेल : वहीं जब इतनी ज्यादा मिठाई की डिमांड हो तो कुछ मुनाफ़ाखोर अपनी जेब भरने के लिए लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने से नहीं चूकते. यहीं से शुरू होता है मिलावट का काला खेल. डिटर्जेंट से नकली मावा बनाया जाता है और मुनाफे के लिए इसे मार्केट में जमकर खपाया जाता है.
लगातार हो रहा एक्शन : हरियाणा के शहरों की बात करें तो यहां मिलावटखोरों के खिलाफ लगातार एक्शन जारी है और त्योहारों के सीजन को देखते हुए प्रशासन लगातार कार्रवाई कर रहा है. जैसे-जैसे त्योहार नजदीक आ रहा है. वैसे-वैसे प्रशासन और सीएम फ्लाइंग की टीम लगातार छापेमार कार्रवाई कर रही है ताकि लोगों के स्वास्थ्य और जीवन से होने वाले खिलवाड़ पर अंकुश लगाया जा सके साथ ही लोगों को इस बार शुद्ध मिठाई खाने को मिले. इसी कड़ी में भिवानी में फूड सेफ्टी और सीएम फ्लाइंग की ज्वाइंट टीम ने मिठाइयों की दुकानों और फैक्ट्री पर छापेमार करवाई की. इस दौरान सीएम फ्लाइंग और फूड सेफ्टी विभाग ने 4 स्थानों पर छापेमारी की. छापेमारी के दौरान टीम के अधिकारियों ने सैंपल लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है. इसके बाद टीम के अधिकारियों द्वारा पेठे की फैक्ट्री में भी रेड मार कर सैंपल लिए गए हैं.
त्योहार के मौसम में लगातार सैंपल लिए जा रहे हैं. इस बार उम्मीद है कि लोगों को अच्छी और शुद्ध मिठाई खाने को मिलेगी. मिठाई खाने के लिए अच्छी दुकान से मिठाई लें, साथ ही मिठाई के डब्बे पर मैन्युफैक्चरिंग डेट जरूर देखें. 4 मिठाइयों की दुकानों से सैंपल लिए गए हैं. लोगों से अपील है कि यदि कहीं मिलावटी खाद्य पदार्थ बेचे जाने की सूचना मिलती है तो इसकी जानकारी विभाग को दें ताकि लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ पर अंकुश लगाया जा सके. - डॉ. पुनीत, प्रभारी, फूड विभाग
फरीदाबाद-गुरुग्राम में छापेमारी: त्योहार के मौसम में फरीदाबाद में भी मिलावट की ख़बर पर मिठाई बनाने की फैक्ट्री पर छापा डाला गया और मिठाई के सैंपल लिए गए. इस दौरान फूड सप्लाई डिपार्टमेंट की टीम ने फेक्ट्री को अल्टीमेटम भी दिया है. वहीं कुछ दिन पहले गुरुग्राम में भी स्वीट्स की दुकान पर रेड मारकर मिठाई के सैंपल लिए गए थे.
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क्या असल, क्या नकल, कैसे करें पहचान ? : मावे की असलियत का अगर आप पता लगाना चाहते हैं तो मावे को हाथों से रगड़े. असली होने पर उससे घी निकलेगा और उसकी महक काफी देर तक टिकी रहेगी, जबकि नकली होने पर वो रबड़ की तरह टाइट आपको नज़र आएगा. दूसरा आसान तरीका ये है कि मिठाई, पनीर और मावे में मिलावट का पता लगाने के लिए उसे गुनगुने पानी में घोल दें और फिर उसमें आयोडीन टिंचर की कुछ बूंदें डालें. अगर रंग में आपको कोई भी बदलाव ना दिखें तो समझ जाइएगा कि वो पूरी तरह से असली यानि प्योर है. वहीं तीसरा तरीका ये है कि हाथ पर मावा लेकर उसकी गोली बनाएं और उसे हाथ में घुमाएं.अगर ऐसा करने पर गोली में चिकनेपन की जगह क्रैक्स आने लगें तो समझ जाइएगा कि मावा नकली है. चौथा तरीका ये है कि थोड़े से पानी में थोड़ा सा मावा घोलने की कोशिश करें. अगर वो असली वाला होगा तो तुरंत पानी में घुल जाएगा, जबकि नकली होने पर उसे पानी में घुलने में काफी ज्यादा टाइम लगेगा.
मिलावटी मावे के साइड इफेक्ट : आपको बता दें कि मिलावटी मावा आपकी बॉडी के लिए ज़हर से कम नहीं है. इससे जहां कैंसर होने का सबसे बड़ा ख़तरा है तो वहीं इससे आपके पेट और लीवर में इंफेक्शन होने की भी आशंका होती है.
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दिवाली गिफ्ट का नया ट्रेंड : मिलावटी मावे को देखते हुए अब दिवाली पर ट्रेंड भी बदल रहा है. पहले मिठाई बांटी जाती थी पर अब धीरे-धीरे लोग ड्राई फ्रूट्स गिफ्ट करने लगे हैं. वजह ये भी कि मिठाई कुछ दिनों में ख़राब हो जाती है, जबकि ड्राई फ्रूट्स लंबे अरसे तक खा सकते हैं. ऐसे में लोगों को झुकाव ड्राई फ्रूट्स की तरफ बढ़ता जा रहा है.