फरीदाबाद: वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया परेशानियों के बीच घिर गई. हर तरफ कई तरह के संकट देखे गए. बात, अगर शिक्षा की करें, तो सबसे ज्यादा दिक्कत प्रोफेशनल कोर्स में दाखिला लेने वाले छात्रों को हुई. ये वो छात्र हैं जो स्कूल से निकलकर प्रोफेशनल कोर्स में दाखिल लेने चाहते थे, लेकिन कोरोना ने ऐसे समय में दस्तक दी कि उनकी सारी मेहनत पर पानी फिर गया.
कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों ने बताया कि इससे सबसे ज्यादा नुकसान उन बच्चों को हुआ जो प्रोफेशनल कोर्स पाने के लिए तैयारी कर रहे थे. छात्रों का कहना है कि प्रतिशत के आधार पर दाखिला हुआ और ऐसे कई बच्चे हैं जो अपने मनपसंद कोर्स में एडमिशन नहीं ले सके.
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एनजीएफ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के चेयरमैन अश्वनी प्रभाकर ने बताया कि कोरोना के कारण युवाओं को प्रोफेशनल कोर्स में दाखिल लेने के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. बहुत से बच्चे इस बार दाखिला नहीं ले पाए. प्रवेश परीक्षा ना होने से प्रतिभाशाली बच्चे भी पीछे रह गए. कोरोना के कारण शिक्षा क्षेत्र में हुए नुकसान की भरपाई नहीं हो सकती.
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कोरोना के कारण साल 2020 में काफी कम बच्चे ही प्रोफेशनल कोर्स में दाखिल ले सके. ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर कोर्स के लिए परीक्षाएं नहीं हुईं और 10वीं और 12वीं में जो अंक मिले उस आधार पर एडमिशन की गई.
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ऐसे में साल 2021 में प्रोफेशनल कोर्स में कंपटीशन काफी बढ़ जाएगा, क्योंकि साल 2021 में वो बच्च भी परीक्षा देंगे जो साल 2020 में दाखिला नहीं ले सके. सरकार का चाहिए कि प्रोफेशनल कोर्स में सीटों को बढ़ाया जाए, ताकि छात्रों की मुश्किलों को कुछ हद तक कम किया जा सके.