फरीदाबाद: हर साल दीवाली के सीजन में बाजार भीड़ से गुलज़ार रहते थे. हर तरफ रौनक दिखती थी, लेकिन इस बार दिवाली पर कोरोना का संकट मंडरा रहा है. बाजारों से रौनक गायब है और दुकानदार ग्राहकों की राह देख रहे हैं. दुकानदारों को उम्मीद थी कि दीवाली के नजदीक आते ही उनकी खरीदारी बढ़ेगी, लेकिन दशहरे के बाद भी बाजार खाली पड़े हैं और पिछले साल की तुलना में महज 20 फीसदी काम ही रह गया है.
पिछले साल की दीवाली को याद करते हुए दुकानदार बताते हैं कि इन दिनों में उनके पास खाना खाने तक की फुर्सत नहीं होती थी. लेकिन अब वो सुबह से ही दुकान पर खाली बैठकर ग्राहक के आने की राह देखते हैं. कोरोना के कारण पूरी मार्केट खत्म हो चुकी है.
सूने पड़े बाजार, खाली बैठे दुकानदार
कपड़ा व्यापारी बृजेश चौधरी ने बताया कि वो 20 साल से कपड़े का काम कर रहे हैं और पहली बार ऐसा दीवाली सीजन आया है. जिसमें उनको ग्राहक की राह देखनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि पहले लॉकडाउन होने के कारण उनकी दुकानें बंद रही. उसके बाद अभी तक भी लोगों के अंदर से कोरोना वायरस का डर नहीं गया है, जिसके चलते लोग खरीदारी करने के लिए नहीं आ रहे हैं.
दुकानदारों को ग्राहकों का इंतजार
मार्केट में इलेक्ट्रॉनिक की दुकान चला रहे नरेश भटेजा ने बताया की पिछले साल दीवाली पर इस समय उनकी दुकान पर भीड़ रहा करती थी और उनके यहां पर 5 से 6 वर्कर काम किया करते थे, लेकिन अब उनकी दुकान पर केवल एक ही कर्मचारी काम करता है और सुबह से शाम तक वो खाली बैठे रहते हैं. उन्होंने कहा कि लोगों के पास पैसा नहीं है, इसलिए इलेक्ट्रॉनिक के सामान भी नहीं खरीदे जा रहे हैं.
दीवाली पर लोग बर्तन खरीदने को शुभ मानते हैं. बर्तन व्यापारी हर साल दीवाली पर अच्छा मुनाफा कमाते थे, लेकिन इस बार की दीवाली उनके लिए निराशा लेकर आई है. कोरोना की मार ऐसी पड़ी कि जो ग्राहक पहले 2 से 3 हजार रुपये का सामान खरीदता था, वो अब 500 से एक हजार रुपये का सामान खरीद रहा है.
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