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शहीदों के परिवार के लिए BSF की पहल, सूरजकुंड मेले में स्टॉल लगाकर बना रहे आत्मनिर्भर

देश की सीमाओं की सुरक्षा करने के दौरान शहीद हुए परिवारों के हाथों से बनाया गए उत्पाद सूरजकुंड मेले में लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे है. सीमा सुरक्षा बल में शहीद होने वाले सैनिक के परिवार के लोग सूरजकुंड मेले में बढ़चढ़ हिस्सा ले रहे हैं. बीडब्ल्यू-डब्ल्यूए संस्था द्वारा ये अनूठा कदम उठाया गया है.

surajkund mela 2020 in faridabad
सूरजकुंड मेले में स्टॉल लगाकर बना रहे आत्मनिर्भर
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Published : Feb 14, 2020, 10:25 AM IST

Updated : Feb 14, 2020, 11:12 AM IST

फरीदाबादः 34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहां देश व विदेशों से आए क्राफ्टमैन व बुनकर अपनी प्रतीभा को बनाई गई वस्तुओं से दर्शा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बीएसएफ द्वारा भी सूरजकुंड मेले में शहीदों के परिवारों के लिए अच्छी पहल की गई है. बीएसएफ का इसके पीछे मकसद है कि शहीद के परिवारों को सम्मान देकर आत्मनिर्भर बनाया जाए.

BWWA की अच्छी पहल

देश की सीमाओं की सुरक्षा करने के दौरान शहीद हुए परिवारों के हाथों से बनाया गए उत्पाद सूरजकुंड मेले में लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे है. सीमा सुरक्षा बल में शहीद होने वाले सैनिक के परिवार के लोग सूरजकुंड मेले में बढ़चढ़ हिस्सा ले रहे हैं. बीडब्ल्यू-डब्ल्यूए संस्था द्वारा ये अनूठा कदम उठाया गया है.

शहीद के परिवार को आत्मनिर्भर बनाना है उद्देश्य

संस्था का मुख्य मकसद शहीद के परिवार की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए उन्हें पहले काम सिखाती है और फिर उसके बाद उनसे उत्पाद तैयार कराती है. बाद में उस उत्पाद को खरीदती है जिसका मुख्य मकसद इन परिवारों को स्वावलंबी बनाना है और आर्थिक तौर से मदद भी करना है.

शहीदों के परिवार के लिए BSF की अनूठी पहल, सूरजकुंड मेले में स्टॉल लगाकर बना रहे आत्मनिर्भर

ये भी पढ़ेंः पुलवामा हमले का एक सालः आर्थिक तंगी से जूझ रहा शहीद का परिवार

सूरजकुंड मेले में बढ़ी डिमांड

500 से भी ज्यादा तरह के उत्पाद वर्तमान में बीएसएफ की संस्था शहीदों के परिवारों से तैयार करा रही है और शहीदों के परिवारों द्वारा निर्मित किए गए उत्पाद बाजार के दूसरे उत्पादों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. सूरजकुंड मेले में लोग भारी संख्या में इन उत्पादों को खरीदने आ रहे हैं.

क्या है BWWA?
गौरतलब है कि BWWA की स्थापना 18 सितंबर 1992 में हुई थी. इसके गठन का उद्देश्य सीमा प्रहरियों के परिजनों का कल्याण है. समय के साथ-साथ संगठन ने अपने मूल उद्देश्य के साथ ही विभिन्न कल्याणकारी सांचे में खुद को बखूबी ढाला है और आज ये संस्था समाज कल्याण के क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम बन चुकी है. सीमा सुरक्षा बल के संगठन BWWA (BSF Wives Welfare Association) कि शाखाएं देश के अलग-अलग हिस्सों में खुली हुई हैं.

लोग जमकर कर रहे हैं खरीददारी
मेला दुकान इंचार्ज मनोज कुमार ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल में तैनात शहीदों के परिवारों के हाथों से बने विभिन्न तरह के प्रोडक्ट सूरजकुंड मेले में लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं और लोग बीएसएफ की दुकान से इनकी खरीदारी भी कर रहे हैं.

फरीदाबादः 34 वें अंतरराष्ट्रीय सूरजकुंड मेले में जहां देश व विदेशों से आए क्राफ्टमैन व बुनकर अपनी प्रतीभा को बनाई गई वस्तुओं से दर्शा रहे हैं. वहीं दूसरी ओर बीएसएफ द्वारा भी सूरजकुंड मेले में शहीदों के परिवारों के लिए अच्छी पहल की गई है. बीएसएफ का इसके पीछे मकसद है कि शहीद के परिवारों को सम्मान देकर आत्मनिर्भर बनाया जाए.

BWWA की अच्छी पहल

देश की सीमाओं की सुरक्षा करने के दौरान शहीद हुए परिवारों के हाथों से बनाया गए उत्पाद सूरजकुंड मेले में लोगों को अपनी तरफ आकर्षित कर रहे है. सीमा सुरक्षा बल में शहीद होने वाले सैनिक के परिवार के लोग सूरजकुंड मेले में बढ़चढ़ हिस्सा ले रहे हैं. बीडब्ल्यू-डब्ल्यूए संस्था द्वारा ये अनूठा कदम उठाया गया है.

शहीद के परिवार को आत्मनिर्भर बनाना है उद्देश्य

संस्था का मुख्य मकसद शहीद के परिवार की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए उन्हें पहले काम सिखाती है और फिर उसके बाद उनसे उत्पाद तैयार कराती है. बाद में उस उत्पाद को खरीदती है जिसका मुख्य मकसद इन परिवारों को स्वावलंबी बनाना है और आर्थिक तौर से मदद भी करना है.

शहीदों के परिवार के लिए BSF की अनूठी पहल, सूरजकुंड मेले में स्टॉल लगाकर बना रहे आत्मनिर्भर

ये भी पढ़ेंः पुलवामा हमले का एक सालः आर्थिक तंगी से जूझ रहा शहीद का परिवार

सूरजकुंड मेले में बढ़ी डिमांड

500 से भी ज्यादा तरह के उत्पाद वर्तमान में बीएसएफ की संस्था शहीदों के परिवारों से तैयार करा रही है और शहीदों के परिवारों द्वारा निर्मित किए गए उत्पाद बाजार के दूसरे उत्पादों को कड़ी टक्कर दे रहे हैं. सूरजकुंड मेले में लोग भारी संख्या में इन उत्पादों को खरीदने आ रहे हैं.

क्या है BWWA?
गौरतलब है कि BWWA की स्थापना 18 सितंबर 1992 में हुई थी. इसके गठन का उद्देश्य सीमा प्रहरियों के परिजनों का कल्याण है. समय के साथ-साथ संगठन ने अपने मूल उद्देश्य के साथ ही विभिन्न कल्याणकारी सांचे में खुद को बखूबी ढाला है और आज ये संस्था समाज कल्याण के क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम बन चुकी है. सीमा सुरक्षा बल के संगठन BWWA (BSF Wives Welfare Association) कि शाखाएं देश के अलग-अलग हिस्सों में खुली हुई हैं.

लोग जमकर कर रहे हैं खरीददारी
मेला दुकान इंचार्ज मनोज कुमार ने बताया कि सीमा सुरक्षा बल में तैनात शहीदों के परिवारों के हाथों से बने विभिन्न तरह के प्रोडक्ट सूरजकुंड मेले में लोगों को खूब पसंद आ रहे हैं और लोग बीएसएफ की दुकान से इनकी खरीदारी भी कर रहे हैं.

Last Updated : Feb 14, 2020, 11:12 AM IST
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