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कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे बैठा 'भविष्य', 15 साल से ताक रहा विकास की राह

स्कूल की जर्जर हालत से नाराज ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी स्कूल में क्लासरूम न होने के चलते कड़कड़ाती हुई ठंड में बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने के लिए मजबूर हैं. उन्होने चेतावनी दी है कि जब तक स्कूल की इमारत नहीं बन जाती और स्कूल 12 वीं तक अपग्रेड नहीं हो जाता है तब तक ताला नहीं खोला जाएगा.

government school of baroli
कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे बैठा 'भविष्य'
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Published : Dec 29, 2019, 2:34 PM IST

फरीदाबाद: जिले के बडौली गांव में राजकीय उच्च विद्यालय की हालत जर्जर हो चुकी है. वहीं स्कूल को 12वीं तक अपग्रेड करने की मांग भी लगातार उठाई जा रही है, लेकिन उसके बावजूद सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. नाराज ग्रामीणों और छात्रों ने तो स्कूल पर तक ताला लगाकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. उनकी मांग है कि शिक्षा मंत्री खुद इस मामले में संज्ञान लें और छात्रों की इस समस्या का समाधान करें.

खुले आसमान के नीचे बैठे बच्चे
स्कूल की जर्जर हालत से नाराज ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी स्कूल में क्लासरूम न होने के चलते कड़कड़ाती हुई ठंड में बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक स्कूल की इमारत नहीं बन जाती और स्कूल 12 वीं तक अपग्रेड नहीं हो जाता है तब तक ताला नहीं खोला जाएगा.

कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे बैठा 'भविष्य'

लैंटर टूट-टूटकर गिर रहे हैं नीचे- ग्रामीण
सब पढें और सब बढें, लेकिन डर के साए में पढ़ने वाले बच्चे कैसे आगे बढ़ सकते हैं. ऐसी ही तस्वीरें फरीदाबाद के बडौली गांव से सामने आई है. जहां 10वीं तक बना सरकारी राजकीय उच्च विद्यालय जर्जर हालत में पड़ा हुआ है. हालात ये हैं कि स्कूल की इमारत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है और स्कूल में लगे लैंटर भी टूट-टूटकर नीचे गिर रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः रेवाड़ी: मेट्रो अस्पताल को मिली NABH मान्यता, इलाज के लिए लोगों को नहीं जाना पड़ेगा गुरुग्राम

गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल पर जड़ा ताला
स्कूल की इस जर्जर इमारत की हालत के कारण स्कूल में पढ़ने वाले नन्हे मुन्ने बच्चे कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. जिससे गुस्साए बच्चों और ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया और जमकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की.

15 साल से जर्जर हालत
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि 15 साल से ये स्कूल विकास की राह तलाश रहा है लेकिन हालात ये है कि छतें टूट-टूटकर गिरने लगी हैं और बारिश आने से परिसर में पानी भर जाता है. ऐसे में बच्चे न तो क्लासरूम के अंदर और न ही बाहर पढ़ सकते हैं. उन्होंने बताया कि उनके गांव में 12 वीं तक स्कूल न होने के चलते गांव की बेटियों को दूर शहर में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है.

ये भी पढ़ेंः हरियाणा के किसानों के लिए घाटे का सौदा बन रही है खेती, देखें ये रिपोर्ट

बच्चियों के लिए 12वीं तक के स्कूल की जरुरत- ग्रामीण
लोगों का कहना है कि आज कल पहले ही बच्चियों के साथ हो रही घटनाओं से उन्हें बाहर भेजने में डर लगता है. लेकिन पढ़ाई-लिखाई के लिए मजबूरन उन्हें भेज रहे हैं. ऐसे में अगर गांव में ही 12 वीं तक का स्कूल बन जाएगा तो उन्हें अपनी बच्चियों को बाहर दूसरे शहरों में नहीं भेजना पड़ेगा.

मांगे नहीं मानी तो स्कूल पर लगा रहेगा ताला- ग्रामीण
बडौली गांव के लोगों की मांग है कि स्कूल को अपग्रेड करके 12वीं तक किया जाए. जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक स्कूल से ताला लगा ही रहेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

ऐसे में जरूरी है कि लापरवाही परत रहे इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जर्जर स्कूल की हालत में सुधार लाया जाए ताकि बच्चों को भविष्य बनाने में कोई समस्या ना हो.

फरीदाबाद: जिले के बडौली गांव में राजकीय उच्च विद्यालय की हालत जर्जर हो चुकी है. वहीं स्कूल को 12वीं तक अपग्रेड करने की मांग भी लगातार उठाई जा रही है, लेकिन उसके बावजूद सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं है. नाराज ग्रामीणों और छात्रों ने तो स्कूल पर तक ताला लगाकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की. उनकी मांग है कि शिक्षा मंत्री खुद इस मामले में संज्ञान लें और छात्रों की इस समस्या का समाधान करें.

खुले आसमान के नीचे बैठे बच्चे
स्कूल की जर्जर हालत से नाराज ग्रामीणों का आरोप है कि सरकारी स्कूल में क्लासरूम न होने के चलते कड़कड़ाती हुई ठंड में बच्चे खुले आसमान के नीचे पढ़ने के लिए मजबूर हैं. उन्होंने चेतावनी दी है कि जब तक स्कूल की इमारत नहीं बन जाती और स्कूल 12 वीं तक अपग्रेड नहीं हो जाता है तब तक ताला नहीं खोला जाएगा.

कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे बैठा 'भविष्य'

लैंटर टूट-टूटकर गिर रहे हैं नीचे- ग्रामीण
सब पढें और सब बढें, लेकिन डर के साए में पढ़ने वाले बच्चे कैसे आगे बढ़ सकते हैं. ऐसी ही तस्वीरें फरीदाबाद के बडौली गांव से सामने आई है. जहां 10वीं तक बना सरकारी राजकीय उच्च विद्यालय जर्जर हालत में पड़ा हुआ है. हालात ये हैं कि स्कूल की इमारत पूरी तरह से क्षतिग्रस्त है और स्कूल में लगे लैंटर भी टूट-टूटकर नीचे गिर रहे हैं.

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गुस्साए ग्रामीणों ने स्कूल पर जड़ा ताला
स्कूल की इस जर्जर इमारत की हालत के कारण स्कूल में पढ़ने वाले नन्हे मुन्ने बच्चे कड़कड़ाती ठंड में खुले आसमान के नीचे पढ़ने को मजबूर हैं. जिससे गुस्साए बच्चों और ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर ताला लगा दिया और जमकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की.

15 साल से जर्जर हालत
ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि 15 साल से ये स्कूल विकास की राह तलाश रहा है लेकिन हालात ये है कि छतें टूट-टूटकर गिरने लगी हैं और बारिश आने से परिसर में पानी भर जाता है. ऐसे में बच्चे न तो क्लासरूम के अंदर और न ही बाहर पढ़ सकते हैं. उन्होंने बताया कि उनके गांव में 12 वीं तक स्कूल न होने के चलते गांव की बेटियों को दूर शहर में पढ़ने के लिए जाना पड़ता है.

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बच्चियों के लिए 12वीं तक के स्कूल की जरुरत- ग्रामीण
लोगों का कहना है कि आज कल पहले ही बच्चियों के साथ हो रही घटनाओं से उन्हें बाहर भेजने में डर लगता है. लेकिन पढ़ाई-लिखाई के लिए मजबूरन उन्हें भेज रहे हैं. ऐसे में अगर गांव में ही 12 वीं तक का स्कूल बन जाएगा तो उन्हें अपनी बच्चियों को बाहर दूसरे शहरों में नहीं भेजना पड़ेगा.

मांगे नहीं मानी तो स्कूल पर लगा रहेगा ताला- ग्रामीण
बडौली गांव के लोगों की मांग है कि स्कूल को अपग्रेड करके 12वीं तक किया जाए. जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तब तक स्कूल से ताला लगा ही रहेगा. उन्होंने कहा कि शिक्षा अधिकारी लापरवाही बरत रहे हैं और बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.

ऐसे में जरूरी है कि लापरवाही परत रहे इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और जर्जर स्कूल की हालत में सुधार लाया जाए ताकि बच्चों को भविष्य बनाने में कोई समस्या ना हो.

Intro:


एंकर - फरीदाबाद के गांव बडौली में राजकीय उच्च विद्यालय की जर्जर हालत और 12वीं तक अपग्रेड करने की मांग को लेकर बच्चों और ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला लगा दिया और जमकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। आरोप है कि सरकारी स्कूल में क्लासरूम न होने के चलते कडकडाती हुई ठंड में बच्चे खुले आसमान के नीचे पढने के लिये मजबूर हैं। बार बार शिक्षा विभाग को नोटिस देने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हुई है जिसके चलते मजबूरन आज बच्चों और ग्रामीणों ने स्कूल से ताला लगा दिया और चेतावनी दी है कि जब तक स्कूल की इमारत नहीं बन जाती और स्कूल 12 वीं तक अपग्रेड नहीं हो जाता है तब तक ताला नहीं खोला जायेगा।

वीओ - सब पढें और सब बढें, मगर डर के साये में पढने वाले बच्चे कैसे पढ सकते हैं और कैसे आगे बढ सकते हैं,, ऐसी ही तस्वीरें फरीदाबाद के गांव बडौली से आई है जहां 10वीं तक बना हुआ सरकारी राजकीय उच्च विद्यालय जर्जर हालत में पडा हुआ है जिसके चलते नन्हे मुन्ने देश के भविष्य कडकडाती हुई ठंड में भी खुले आसमान के नीचे पढने के लिये मजबूर है। जिससे गुस्साये बच्चों और ग्रामीणों ने स्कूल के गेट से ताला लगा दिया और जमकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामा देखकर जिला शिक्षा अधिकारी सतेन्द्र कौर वर्मा और तिगांव विधानसभा के विधायक राजेश नागर के पिता रूप सिंह नागर मौके पर पहुंचे और जल्द ही सभी समस्याओं का समाधान करने का अश्वासन दिया।
वहीं मौके पर ग्रामीणों ने गुस्से में आरोप लगाते हुए कहा कि 15 साल से यह स्कूल विकास की बाट जोह रहा है, हालत ये है कि छतें टूट-टूटकर गिरने लगी हैं बरसात आने पर परिसर में पानी भर जाता है। ऐसे में बच्चे न तो क्लासरूम के अंदर पढ सकते हैं और न ही बाहर। उनके गांव में 12 वीं तक स्कूल न होने के चलते गांव की बेटियों को दूर शहर में पढने के लिये जाना पडता है उनकी मांग है कि स्कूल को अपग्रेड करके 12वीं तक किया जाये। जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जायेंगी तक स्कूल से ताला लगा ही रहेगा।
बाईट - ग्रामीण और स्कूली बच्चेBody:वीओ - सब पढें और सब बढें, मगर डर के साये में पढने वाले बच्चे कैसे पढ सकते हैं और कैसे आगे बढ सकते हैं,, ऐसी ही तस्वीरें फरीदाबाद के गांव बडौली से आई है जहां 10वीं तक बना हुआ सरकारी राजकीय उच्च विद्यालय जर्जर हालत में पडा हुआ है जिसके चलते नन्हे मुन्ने देश के भविष्य कडकडाती हुई ठंड में भी खुले आसमान के नीचे पढने के लिये मजबूर है। जिससे गुस्साये बच्चों और ग्रामीणों ने स्कूल के गेट से ताला लगा दिया और जमकर शिक्षा विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। हंगामा देखकर जिला शिक्षा अधिकारी सतेन्द्र कौर वर्मा और तिगांव विधानसभा के विधायक राजेश नागर के पिता रूप सिंह नागर मौके पर पहुंचे और जल्द ही सभी समस्याओं का समाधान करने का अश्वासन दिया।
वहीं मौके पर ग्रामीणों ने गुस्से में आरोप लगाते हुए कहा कि 15 साल से यह स्कूल विकास की बाट जोह रहा है, हालत ये है कि छतें टूट-टूटकर गिरने लगी हैं बरसात आने पर परिसर में पानी भर जाता है। ऐसे में बच्चे न तो क्लासरूम के अंदर पढ सकते हैं और न ही बाहर। उनके गांव में 12 वीं तक स्कूल न होने के चलते गांव की बेटियों को दूर शहर में पढने के लिये जाना पडता है उनकी मांग है कि स्कूल को अपग्रेड करके 12वीं तक किया जाये। जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जायेंगी तक स्कूल से ताला लगा ही रहेगा।
बाईट - ग्रामीण और स्कूली बच्चेConclusion:hr_far_03_school_tala_vis_bite_7203403
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