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अरावली में बने अवैध फार्म हाउसों पर कार्रवाई शुरू, वन विभाग ने थमाए नोटिस

फरीदाबाद वन विभाग (faridabad forest department) ने सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के आदेश पर अरावली में अवैध रूप से बनाए गए फार्म हाउसों (encroachment in aravali) और बैंकेट हॉल को नोटिस देना शुरू कर दिया है.

Aravalli encroachment faridabad
Aravalli encroachment faridabad
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Published : Aug 4, 2021, 6:10 PM IST

फरीदाबाद: खोरी गांव में अतिक्रमण (Khori village demolition) हटाने की कार्रवाई के बाद फरीदाबाद में अब दूसरी बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है. फरीदाबाद वन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के आदेश पर अरावली में अवैध रूप से बने फार्म हाउसों (encroachment in aravali) और बैंकेट हॉल को नोटिस देना शुरू कर दिया है. इस नोटिस के तहत सभी को 7 दिन के अंदर अपने जो भी डॉक्यूमेंट हैं वो जमा कराने हैं और अवैध रूप से बनाए हुए निर्माण को खुद ही हटाना है.

इस नोटिस के तहत 125 फार्म हाउस, संस्थान, बैंकेट हॉल आदि को नोटिस दिए जाएंगे. जिसके तहत आज 51 नोटिस चस्पा किए गए और बाकी नोटिस अगले दिन दिए जाएंगे. इन नोटिस के अंदर बड़े-बड़े संस्थान जैसे मुथूट ग्रुप, मानव रचना यूनिवर्सिटी, एमवीएन अरावली हिल्स के साथ-साथ बड़े-बड़े आश्रम और बैंकेट हॉल भी शामिल रहेंगे. क्योंकि जहां पर ये निर्माण बने हुए हैं वह पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (PLPA) के अंतर्गत अरावली क्षेत्र में आते हैं. हालांकि देखा गया कि ज्यादातर नोटिस जो चस्पा किए गए थे उसको वन विभाग अधिकारियों के जाने के बाद हटा दिया गया.

ये भी पढ़ें- अरावली में अवैध निर्माण करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, जल्द चलेगा बुलडोजर

बता दें कि, वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली में बड़ी तोड़फोड़ को अंजाम दिया गया था. तब अवैध रूप से बने फार्म हाउस को तोड़ा गया था और अब एक बार फिर से दूसरी बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने की तैयारी की जा रही है. दरअसल जब से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गांव खोरी में तोड़फोड़ की जा रही है तभी से ये सवाल उठ रहे थे कि आखिर अरावली में बने फार्म हाउसों पर कार्रवाई कब होगी. खोरी गांव की कई यूनियनों ने भी कोर्ट में फार्म हाउस पर कार्रवाई न करने को लेकर याचिकाएं दायर की थी. जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन अवैध फार्म हाउस पर प्रशासन का पीला पंजा चलेगा.

बता दें कि, पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (Punjab Land Prevention Act- PLPA) को अंग्रेजों के समय में सन 1900 में तैयार किया गया था, तो उस वक्त ये कानून मिट्टी के कटाव को बचाने के लिए लागू किया गया था. ये अधिनियमन के उस समय संयुक्त पंजाब के लिए लागू किया गया था. जो पूरे हरियाणा राज्य के लिए भी लागू है. इस कानून के अंतर्गत कुछ गतिविधियों पर प्रतिबंध रखा गया है. दक्षिणी क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियां शामिल हैं. ये कहा गया था कि यह अधिनियम प्रदेश के कुछ भागों के बेहतर संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने के लिए है. ये एक्ट भूमि के कटाव को रोकने के लिए बनाया गया था, क्योंकि पहले इस प्रकार की सड़कें व नहरें नहीं थी, जो वर्तमान में हैं. इसलिए हरियाणा ने गत वर्ष पीएलपीए में संशोधन किया था.

ये भी पढ़ें: खोरी गांव में तोड़फोड़ के बाद अब अरावली में बने अवैध फार्म हाउसों पर होगी कार्रवाई

फरीदाबाद: खोरी गांव में अतिक्रमण (Khori village demolition) हटाने की कार्रवाई के बाद फरीदाबाद में अब दूसरी बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है. फरीदाबाद वन विभाग ने सुप्रीम कोर्ट (supreme court) के आदेश पर अरावली में अवैध रूप से बने फार्म हाउसों (encroachment in aravali) और बैंकेट हॉल को नोटिस देना शुरू कर दिया है. इस नोटिस के तहत सभी को 7 दिन के अंदर अपने जो भी डॉक्यूमेंट हैं वो जमा कराने हैं और अवैध रूप से बनाए हुए निर्माण को खुद ही हटाना है.

इस नोटिस के तहत 125 फार्म हाउस, संस्थान, बैंकेट हॉल आदि को नोटिस दिए जाएंगे. जिसके तहत आज 51 नोटिस चस्पा किए गए और बाकी नोटिस अगले दिन दिए जाएंगे. इन नोटिस के अंदर बड़े-बड़े संस्थान जैसे मुथूट ग्रुप, मानव रचना यूनिवर्सिटी, एमवीएन अरावली हिल्स के साथ-साथ बड़े-बड़े आश्रम और बैंकेट हॉल भी शामिल रहेंगे. क्योंकि जहां पर ये निर्माण बने हुए हैं वह पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (PLPA) के अंतर्गत अरावली क्षेत्र में आते हैं. हालांकि देखा गया कि ज्यादातर नोटिस जो चस्पा किए गए थे उसको वन विभाग अधिकारियों के जाने के बाद हटा दिया गया.

ये भी पढ़ें- अरावली में अवैध निर्माण करने वालों को सुप्रीम कोर्ट से नहीं मिली राहत, जल्द चलेगा बुलडोजर

बता दें कि, वर्ष 2019 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अरावली में बड़ी तोड़फोड़ को अंजाम दिया गया था. तब अवैध रूप से बने फार्म हाउस को तोड़ा गया था और अब एक बार फिर से दूसरी बड़ी कार्रवाई को अंजाम देने की तैयारी की जा रही है. दरअसल जब से सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर गांव खोरी में तोड़फोड़ की जा रही है तभी से ये सवाल उठ रहे थे कि आखिर अरावली में बने फार्म हाउसों पर कार्रवाई कब होगी. खोरी गांव की कई यूनियनों ने भी कोर्ट में फार्म हाउस पर कार्रवाई न करने को लेकर याचिकाएं दायर की थी. जिसके बाद अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इन अवैध फार्म हाउस पर प्रशासन का पीला पंजा चलेगा.

बता दें कि, पंजाब लैंड प्रिवेंशन एक्ट-1900 (Punjab Land Prevention Act- PLPA) को अंग्रेजों के समय में सन 1900 में तैयार किया गया था, तो उस वक्त ये कानून मिट्टी के कटाव को बचाने के लिए लागू किया गया था. ये अधिनियमन के उस समय संयुक्त पंजाब के लिए लागू किया गया था. जो पूरे हरियाणा राज्य के लिए भी लागू है. इस कानून के अंतर्गत कुछ गतिविधियों पर प्रतिबंध रखा गया है. दक्षिणी क्षेत्र में अरावली की पहाड़ियां शामिल हैं. ये कहा गया था कि यह अधिनियम प्रदेश के कुछ भागों के बेहतर संरक्षण और सुरक्षा प्रदान करने के लिए है. ये एक्ट भूमि के कटाव को रोकने के लिए बनाया गया था, क्योंकि पहले इस प्रकार की सड़कें व नहरें नहीं थी, जो वर्तमान में हैं. इसलिए हरियाणा ने गत वर्ष पीएलपीए में संशोधन किया था.

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