फरीदाबाद: डिजिटल होती दुनिया में सबसे जरूरी चीजों में से एक है डिजिटल शिक्षा. शायद इसी बात को समझा फरीदाबाद के 80 साल के बुजुर्ग अरुण मेहरा ने. जो गरीब लड़कियों को फ्री में डिजिटल शिक्षा दे रहे हैं. ईटीवी भारत से बातचीत में अरुण मेहरा ने बताया कि फरीदाबाद सेक्टर19 में वो अपने माता पिता की याद में स्नेह नाम से आश्रम चला रहे हैं. इस आश्रम में वो गरीब परिवार की युवतियों को कंप्यूटर की निशुल्क ट्रेनिंग देकर डिजिटल शिक्षा देने का काम करते हैं. ताकि वो आत्मनिर्भर बनकर अपना और अपने परिजनों का भरण पोषण कर सके.
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समाजसेवी अरुण मेहरा ने तबाया कि वो आश्रम जनक सेवा समिति के सहयोग से चला रहे हैं. जिसमें फैशन डिजाइनिंग, पर्सनालिटी डेवलपमेंट, ब्यूटीशियन, कंप्यूटर क्लासेस, इंग्लिश स्पीकिंग समेत कई कोर्स निशुल्क करवा रहे हैं. यही वजह है कि फरीदाबाद में इन दिनों अरुण मेहरा चर्चा का विषय बने हुए हैं. अरुण मेहरा ने बताया कि वो अभी तक 200 से अधिक युवतियों की आर्थिक स्थिति सुधार चुके हैं. उन्होंने कहा कि मुझे ये करना अच्छा लगता है. दिल को संतुष्टि मिलती है. उन्होंने कहा कि इस धरती पर हमने जन्म लिया है और एक दिन हम चले जाएंगे, लेकिन कुछ ऐसा करें ताकि समाज को एक अच्छा मैसेज आएं.
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यही वजह है कि उन्होंने अपने माता पिता की याद में पहले वृद्धाश्रम का निर्माण करवाया. उसके बाद अब ग्रीन फील्ड कॉलोनी फरीदाबाद में खुद के घर में गरीब बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं. 80 साल के बुजुर्ग ने कहा कि वो स्वामी विवेकानंद को अपना आदर्श मानते हैं और उन्हीं की कृपा से ये सेवा कर पा रहे हैं. फंड के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये सब ऊपर वाले की देन है. कुछ मैं इकट्ठा करता हूं. कुछ लोग चंदा दे जाते हैं. आपको बता दें कि अरुण मेहरा एक शूटर रह चुके हैं. उनका सपना फौज में जाना था. फौज में उनका चयन भी हो गया, लेकिन उनके पिताजी ने उनको जाने नहीं दिया. जिसके बाद से वो समाज सेवा में जुट गए.
अपनी पत्नी के स्वर्गवास होने के बाद उन्होंने गरीब बच्चों के लिए ट्रेनिंग सेंटर खोला. उनके ट्रेनिंग सेंटर में 200 से अधिक गरीब युवतियां और महिलाएं ट्रेनिंग ले रही हैं. निजी संस्था प्रभारी सुनीता खुराना ने कहा कि यहां से कई गरीब बच्चों ने कई तरह की ट्रेनिंग लेकर अलग अलग संस्थाओं में काम करना शुरू कर दिया है. यहां पर पढ़ने वाली बच्ची को अगर किसी भी चीज की जरूरत होती है, तो हम उनकी पूरी मदद करते हैं. उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य गरीब बच्चों उनके पैरों पर खड़ा करना है ताकि ये बच्चे आत्मनिर्भर बन अपने परिवार का भरण पोषण कर सके.