फरीदाबाद: कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए जिले में 12 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं. कंटेनमेंट जोन में उन क्षेत्रों को शामिल किया गया है जिन क्षेत्रों से कोरोना के नए मामले सामने आए है. इसके चलते कोविड-19 से संबंधित सभी नियम और शर्तें इन कंटेनमेंट जोन में लागू होंगी.
बता दें कि फरीदाबाद के इनमें शिव दुर्गा विहार, पलवली, खेड़ी कला, डबुआ कॉलोनी, सेक्टर 88 स्थित बीपीटीपी, चावला कॉलोनी डी ब्लॉक, एनआईटी, ऐसी नगर, कृष्णा कॉलोनी, सेक्टर 37 ,चांदपुरा, आरुवा, बडकल और अनखीर गांव, मोहना, रनहेड़ा को कंटेनमेंट जोन में शामिल किया गया है. इन क्षेत्रों में संदिग्ध मामलों की पहचान, टेस्टिंग, क्वारंटाइन, आइसोलेशन, सोशल डिस्टेंसिंग और अन्य जन स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियां चलाई जाएंगी.
जिला उपायुक्त यशपाल ने कहा है कि सिविल सर्जन की ओर से कंटेनमेंट इलाके के सभी घरों में प्रत्येक व्यक्ति की थर्मल स्क्रीनिंग की जाएगी. स्वास्थ्य विभाग की टीम जरूरी इंतजाम, आत्म सुरक्षा उपकरण के साथ इन क्षेत्रों में काम करेंगे. नगर निगम की ओर से इन सभी क्षेत्रों को सैनिटाइज किया जाएगा. कंटेनमेंट जोन में आने-जाने पर प्रतिबंध रहेगा.
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पुलिस विभाग ने भी सभी नाकों पर पर्याप्त पुलिस फोर्स की तैनाती कर दी है, ताकि बाहरी लोगों पर नजर रखा जा सके. उन्होंने कहा कि कंटेनमेंट जोन में सुरक्षा उपकरणों और दवाइयां रखने के लिए कंट्रोल रूम भी स्थापित किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड के कार्यकारी अभियंता की ओर से जरूरी सामान जैसे राशन, दूध, किराना सामान, दवाइयां और सब्जियों की सप्लाई के लिए अलग-अलग पैकेट बनाकर घर द्वार पर ही उपलब्ध करवाए जाएंगे.
बता दें कि फरीदाबाद में अभी तक स्वास्थ्य विभाग की तरफ से 4309 यात्रियों को सर्विलांस पर लिया जा चुका है, जिनमें से 12 से 56 लोगों का निगरानी में रखने का 28 दिन का पीरियड पूरा हो चुका है. शेष 3053 लोग अंडर सर्विलेंस हैं. कुल सर्विलांस में रखे गए लोगों में से 4248 होम आइसोलेशन पर हैं. अब तक 3254 लोगों के सैंपल लैब में भेजे गए थे, जिनमें से 2850 की नेगिटिव रिपोर्ट मिली है.
343 की रिपोर्ट आनी बाकी है. अब तक 61 लोगों के सैंपल पॉजिटिव मिले हैं, जिनमें 18 लोगों को अस्पताल में दाखिल किया जा चुका हैं. और ठीक होने के बाद 42 को घर के लिए डिस्चार्ज कर दिया गया हैं. जिला प्रशासन ने दिल्ली से सटे सभी रास्ते बंद कर रखे हैं, क्योंकि ज्यादातर मरीजों की ट्रैवल हिस्ट्री दिल्ली से है.