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सोनिया गांधी ने किया था इस ओवरब्रिज का उद्घाटन, अब हाल देख रह जाएंगे हैरान

साल 2011 में दिल्ली-नारनौल बाइपास पर बने ओवरब्रिज की हालत जर्जर हो चुकी है. दादरी के इस ओवरब्रिज के हालात इतने खस्ता हैं कि कभी भी यहां बड़ा हादसा हो सकता है. कांग्रेस कार्यकाल में बने इस ओवरब्रिज की सुध किसी ने नहीं ली. अब ओवरब्रिज की खस्ता हालत के लिए ओवरलोडिंग को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है.

सोनिया गांधी ने किया था इस ओवरब्रिज का उद्घाटन
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Published : Jul 9, 2019, 12:40 PM IST

चरखी दादरी: करीब आठ साल पहले दादरी शहर में दिल्ली-नारनौल बाइपास पर बना ओवरब्रिज रखरखाव के अभाव में जर्जर है चुका है. ओवरलोड वाहनों की भेंट चढ़ चुका ओवरब्रिज जगह-जगह से टूट चुका है. ऐसे हालात में यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को अब डर सताने लगा है. हालात ऐसे बन चुके हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

लोक निर्माण विभाग ने ओवरब्रिज की ऐसी हालत का ठीकरा ओवरलोडिंग पर फोड़ते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं. हालांकि विभाग का कहना है कि ओवरब्रिज की रिपेयरिंग लगातार की जाती रही है, अगर ओवरलोड वाहनों का ऐसा ही हाल रहा तो नुकसान हो सकता है.

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बता दें कि इस ओवरब्रिज का साल 2011 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उद्घाटन किया था. इस ब्रिज को 15 करोड़ की लागत से बनाया गया था.
ओवरब्रिज पर बनी सड़क जगह-जगह से टूटी पड़ी है. यहां तक कि पुल के ऊपर लगाई गई लाइटें नदारद हैं. डिवाइडर भी कई स्थानों से टूटे पड़े हैं. ओवरलोडिंग वाहनों के गुजरने से हालात ऐसे बन चुके हैं कि ओवरब्रिज जर्जर होकर गिरने के कगार पर है.

ओवरब्रिज के किनारे जमा हो जाती है तारकोल की परत
ओवरलोड वाहनों के आवागमन के कारण तारकोल की परत उखड़कर ओवरब्रिज के किनारे जमा हो जाती है. इसके कारण सड़क ऊबड़-खाबड़ हो जाती है. 6 टायर ट्रक में 10 टन तक भार होना चाहिए, लेकिन चालक इसमें करीब 18 टन तक भार लेकर चलता है. 8 टायर ट्रक में 15 टन तक भार होना चाहिए, लेकिन इसमें 25 टन तक भार लेकर जाते हैं. इसी प्रकार 10 टायर ट्रक में 18 टन की जगह 30 टन भार लेकर जाते हैं.

उद्घाटन पत्थर तोड़ा, सरकार ने नहीं ली सूध
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान ओवरब्रिज का उद्घाटन हुआ था. ओवरलोड वाहनों पर अंकुश नहीं लगने के कारण आज ओवरब्रिज की हालत ऐसी हो चुकी है कि कभी भी गिर सकता है. उन्होंने इस बारे में संबंधित विभाग से लेकर डीसी और लोकनिर्माण मंत्री तक से बात की, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

लोक निर्माण विभाग के एसडीओ योगेश कुमार ने बताया कि ओवरब्रिज की जर्जर हालत ओवरलोड वाहनों के आवागमन के चलते हुई है. विभाग ने अनेकों बार रिपेयर भी की, लेकिन भारी वाहनों के कारण दोबारा वही हालत हो जाती है.

चरखी दादरी: करीब आठ साल पहले दादरी शहर में दिल्ली-नारनौल बाइपास पर बना ओवरब्रिज रखरखाव के अभाव में जर्जर है चुका है. ओवरलोड वाहनों की भेंट चढ़ चुका ओवरब्रिज जगह-जगह से टूट चुका है. ऐसे हालात में यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को अब डर सताने लगा है. हालात ऐसे बन चुके हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.

लोक निर्माण विभाग ने ओवरब्रिज की ऐसी हालत का ठीकरा ओवरलोडिंग पर फोड़ते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं. हालांकि विभाग का कहना है कि ओवरब्रिज की रिपेयरिंग लगातार की जाती रही है, अगर ओवरलोड वाहनों का ऐसा ही हाल रहा तो नुकसान हो सकता है.

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बता दें कि इस ओवरब्रिज का साल 2011 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उद्घाटन किया था. इस ब्रिज को 15 करोड़ की लागत से बनाया गया था.
ओवरब्रिज पर बनी सड़क जगह-जगह से टूटी पड़ी है. यहां तक कि पुल के ऊपर लगाई गई लाइटें नदारद हैं. डिवाइडर भी कई स्थानों से टूटे पड़े हैं. ओवरलोडिंग वाहनों के गुजरने से हालात ऐसे बन चुके हैं कि ओवरब्रिज जर्जर होकर गिरने के कगार पर है.

ओवरब्रिज के किनारे जमा हो जाती है तारकोल की परत
ओवरलोड वाहनों के आवागमन के कारण तारकोल की परत उखड़कर ओवरब्रिज के किनारे जमा हो जाती है. इसके कारण सड़क ऊबड़-खाबड़ हो जाती है. 6 टायर ट्रक में 10 टन तक भार होना चाहिए, लेकिन चालक इसमें करीब 18 टन तक भार लेकर चलता है. 8 टायर ट्रक में 15 टन तक भार होना चाहिए, लेकिन इसमें 25 टन तक भार लेकर जाते हैं. इसी प्रकार 10 टायर ट्रक में 18 टन की जगह 30 टन भार लेकर जाते हैं.

उद्घाटन पत्थर तोड़ा, सरकार ने नहीं ली सूध
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान ओवरब्रिज का उद्घाटन हुआ था. ओवरलोड वाहनों पर अंकुश नहीं लगने के कारण आज ओवरब्रिज की हालत ऐसी हो चुकी है कि कभी भी गिर सकता है. उन्होंने इस बारे में संबंधित विभाग से लेकर डीसी और लोकनिर्माण मंत्री तक से बात की, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.

लोक निर्माण विभाग के एसडीओ योगेश कुमार ने बताया कि ओवरब्रिज की जर्जर हालत ओवरलोड वाहनों के आवागमन के चलते हुई है. विभाग ने अनेकों बार रिपेयर भी की, लेकिन भारी वाहनों के कारण दोबारा वही हालत हो जाती है.

Intro:ओवरलोडिंग वाहनों की भेंट चढ़ा ओवरब्रिज, जजर्र होकर गिरने के कगार पर
: वाहन चालकों को ओवरब्रिज के उपर से गुजरने पर लगता है डर
: जगह-जगह से टूटा, हादसे होने का अंदेशा बना
प्रदीप साहू
चरखी दादरी। करीब आठ वर्ष पूर्व बना दादरी शहर में दिल्ली-नारनौल बाइपास पर बना ओवरब्रिज रखरखाव के अभाव में जर्जर है चुका है। ओवरलोडिंग वाहनों की भेंट चढ़ चुका ओवरब्रिज जगह-जगह से टूट चुका है। ऐसे हालत में यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को अब डर सता सताने लगा है। हालात ऐसे बन चुके हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। लोक निर्माण विभाग ने ओवरब्रिज की ऐसी हालत का टिकरा ओवरलोडिंग वाहनों पर फोड़ते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं। हालांकि विभाग का कहना है कि ओवरब्रिज की रिपेयरिंग लगातार की जाती रही है, अगर ओवरलोडिंग वाहनों का ऐसा ही हाल रहा तो नुकसान हो सकता है। Body:चरखी दादरी में वर्ष 2011 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व सीएम भूपेंद्र हुड्डा द्वारा दिल्ली-नारनौल बाइपास पर 15 करोड़ की लागत से बने ओवरब्रिज का उद्घाटन किया गया था। ओवरब्रिज पर ओवरलोडिंग वाहनों के आवागमन से बार-बार कंडम हो रहा है। लोक निर्माण विभाग लाखों खर्च कर बार-बार लेयर डालता है। लेकिन वह एक माह भी नहीं चल पाती। भारी वाहनों के दबाव से वह साइडों में जमा हो जाती है। इसमें आरटीओ विभाग की भी कमी है जो क्षमता से ज्यादा वजन डालकर यहां से गुजरने वाले वाहनों का चालान नहीं कर रहा है। वहीं आरओबी के दोनों साइड पुलिस नाके भी हैं लेकिन वहां भी इन्हें कोई रोकने टोकने वाला नहीं है। ऐसे में प्रतिदिन गुजरने वाले छोटे बड़े 15 हजार वाहनों में सवार लोगों की जान खतरे में रहती है।
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सडक़ टूटी, लाइटें नदारद
ओवरब्रिज पर बनी सडक़ जगह-जगह से टूटी पड़ी है। यहां तक कि पुल के उपर लगाई गई लाइटें नदारद हैं। डिवाइड भी कई स्थानों से टूटे पड़े हैं। ओवरलोडिंग वाहनों के गुजरने से हालात ऐसे बन चुके हैं कि ओवरब्रिज जजर्र होकर गिरने के कगार पर है।
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ओवरब्रिज किनारे जमा हो जाती है तारकोल की परत
ओवरलोडिंग वाहनों के आवागमन के कारण तारकोल की परत उखडक़र ओवरब्रिज किनारे जमा हो जाती हैं। इसके कारण सडक़ ऊबड़-खाबड़ हो जाती है। 6 टायरी ट्रक में 10 टन तक भार होना चाहिए। लेकिन चालक इसमें करीब 18 टन तक भार लेकर चलता है। 8 टायरी ट्रक में 15 टन तक भार होना चाहिए। लेकिन इसमें 25 टन तक भार लेकर जाते हैं। इसी प्रकार 10 टायरी ट्रक में 18 टन की जगह 30 टन भार लेकर जाते हैं।
बाक्स:- Conclusion:बाक्स:-
उद्घाटन पत्थर तोड़ा, सरकार ने नहीं ली सूध
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान ओवरब्रिज का उद्घाटन हुआ था। ओवरलोडिंग वाहनों पर अंकुश नहीं लगने के कारण आज ओवरब्रिज की हालत ऐसी हो चुकी है कि कभी भी गिर सकता है। उन्होंने इस बारे में संबंधित विभाग से लेकर डीसी व लोकनिर्माण मंत्री तक बात की। लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है। अगर ऐसा ही रहा तो बड़ा हादसा हो सकता है। जिसकी जिम्मेदार प्रदेश सरकार होगी।
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ओवरलोडिंग वाहनों के आवागमन के कारण नहीं हो सकती रिपेयर
लोक निर्माण विभाग के एसडीओ योगेश कुमार ने बताया कि ओवरब्रिज की जजर हालत ओवरलोडिंग वाहनों के आवागमन के चलते हुई है। विभाग द्वारा अनेकों बार रिपेयर भी की गई। लेकिन भारी वाहनों के कारण दोबारा वहीं हालत हो जाती है। बारिश के मौसम को देखते हुए ओवरब्रिज की रिपेयर का कार्य पूरा करवाने का प्रयास किया जा रहा है।
विजवल:- 1
ओवरब्रिज का टूटा उद्घाटन पत्थर, उपर से गुजरते ओवरलोडिंग वाहन, जगह-जगह से टूटी सडक़ व जजर्र ओवरब्रिज के कट शाटस
बाईट:- 2
सिलवंत नागरिक व आनंद नगर पार्षद
बाईट:- 3
सतपाल सांगवान, पूर्व मंत्री
बाईट:- 4
योगेश कुमार, एसडीओ लोक निर्माण विभाग
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