चरखी दादरी: करीब आठ साल पहले दादरी शहर में दिल्ली-नारनौल बाइपास पर बना ओवरब्रिज रखरखाव के अभाव में जर्जर है चुका है. ओवरलोड वाहनों की भेंट चढ़ चुका ओवरब्रिज जगह-जगह से टूट चुका है. ऐसे हालात में यहां से गुजरने वाले वाहन चालकों को अब डर सताने लगा है. हालात ऐसे बन चुके हैं कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है.
लोक निर्माण विभाग ने ओवरब्रिज की ऐसी हालत का ठीकरा ओवरलोडिंग पर फोड़ते हुए हाथ खड़े कर दिए हैं. हालांकि विभाग का कहना है कि ओवरब्रिज की रिपेयरिंग लगातार की जाती रही है, अगर ओवरलोड वाहनों का ऐसा ही हाल रहा तो नुकसान हो सकता है.
बता दें कि इस ओवरब्रिज का साल 2011 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने उद्घाटन किया था. इस ब्रिज को 15 करोड़ की लागत से बनाया गया था.
ओवरब्रिज पर बनी सड़क जगह-जगह से टूटी पड़ी है. यहां तक कि पुल के ऊपर लगाई गई लाइटें नदारद हैं. डिवाइडर भी कई स्थानों से टूटे पड़े हैं. ओवरलोडिंग वाहनों के गुजरने से हालात ऐसे बन चुके हैं कि ओवरब्रिज जर्जर होकर गिरने के कगार पर है.
ओवरब्रिज के किनारे जमा हो जाती है तारकोल की परत
ओवरलोड वाहनों के आवागमन के कारण तारकोल की परत उखड़कर ओवरब्रिज के किनारे जमा हो जाती है. इसके कारण सड़क ऊबड़-खाबड़ हो जाती है. 6 टायर ट्रक में 10 टन तक भार होना चाहिए, लेकिन चालक इसमें करीब 18 टन तक भार लेकर चलता है. 8 टायर ट्रक में 15 टन तक भार होना चाहिए, लेकिन इसमें 25 टन तक भार लेकर जाते हैं. इसी प्रकार 10 टायर ट्रक में 18 टन की जगह 30 टन भार लेकर जाते हैं.
उद्घाटन पत्थर तोड़ा, सरकार ने नहीं ली सूध
पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि कांग्रेस सरकार के दौरान ओवरब्रिज का उद्घाटन हुआ था. ओवरलोड वाहनों पर अंकुश नहीं लगने के कारण आज ओवरब्रिज की हालत ऐसी हो चुकी है कि कभी भी गिर सकता है. उन्होंने इस बारे में संबंधित विभाग से लेकर डीसी और लोकनिर्माण मंत्री तक से बात की, लेकिन सरकार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रही है.
लोक निर्माण विभाग के एसडीओ योगेश कुमार ने बताया कि ओवरब्रिज की जर्जर हालत ओवरलोड वाहनों के आवागमन के चलते हुई है. विभाग ने अनेकों बार रिपेयर भी की, लेकिन भारी वाहनों के कारण दोबारा वही हालत हो जाती है.