चरखी दादरी: भाजपा विधायक सुखविंद्र मांढी द्वारा गोद लिए गए गांव झोझू कलां का स्टेडियम अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. ग्रामीणों द्वारा बार-बार विधायक से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों तक अरदास लगाई जा चुकी है, बावजूद इसके सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने से खिलाड़ियों का भविष्य भी अंधकार में जाता दिखाई देने लगा है. ऐसे में ग्रामीणों ने आमरण अनशन शुरू करते हुए सरकार को अल्टीमेटम दिया कि सुविधाएं नहीं मिली तो जान दे देंगे.
इस स्टेडियम के सामने रोड टूटने के कारण गंदे पानी की निकासी, युवाओं के लिए कोच की सुविधा, पीने के पानी की व्यवस्था तथा बिजली ट्रासंफार्मर सहित खेल सुविधाओं के ना मिलने से आसपास के दर्जनों गांवों के खिलाड़ियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खिलाड़ियों और ग्रामीणों की मानें तो खेल स्टेडियम आवारा लोगों व नशे का अड्डा बन चुका है. यहां तक कि महिला खिलाड़ियों को स्टेडियम में जाने से भी डर लगता है.
आमरण अनशन पर बैठे ग्रामीणों ने बताया कि वे कई बार खेल विभाग के अधिकारियों से लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से लिखित में शिकायत दे चुके हैं. यहां तक कि हमें अभी पता चला कि भाजपा विधायक सुखविंद्र मांढी द्वारा ये गांव गोद लिया गया है लेकिन आज तक उन्होंने गांव की सुध तक नहीं ली जिसके कारण मजबूर होकर धरना देते हुए आमरण अनशन शुरू करना पड़ा. ये अनिश्चितकालीन धरना व आमरण अनशन लिखित आश्वासन मिलने तक जारी रहेगा. खिलाड़ियों को सुविधाएं दिलवाने के लिए अगर उन्हें जान भी देनी पड़े तो देंगे.
वहीं बाढड़ा से भाजपा विधायक सुखविंद्र मांढी ने कहा कि गांव झोझू कलां को गोद लेने के बाद मॉडल गांव बनाने की योजना बनाई गई है. जिसके लिए सरकार द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं. कई काम किए जा रहे हैं. ग्रामीणों को धरने से उठकर गांव के विकास के लिए काम करना चाहिए.