चरखी दादरी: दातौली गांव के ग्रामीणों में सबसे वृद्ध हैं छनकौर देवी, जिनकी उम्र 105 साल है. सबसे हैरानी की बात ये है कि वो इस उम्र में भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं. उन्हें किसी तरह की कोई बीमारी नहीं है.
छनकौर देवी के बेटे ने बताया कि उनकी मां इस उम्र में भी अपने खानपान का पूरा ध्यान देती हैं. सुबह छनकौर देवी चाय की जगह राबड़ी पीती हैं. दोपहर में खिचड़ी, दलिया और मेसी चने की रोटी खाती हैं.
छनकौरा देवी की बहू रि. महिला पुलिस इंस्पेक्टर प्रेम देवी ने बताया कि छनकौर देवी का खान-पान देखकर सभी लोग चकित रह जाते हैं. उन्होने बताया कि आज तक उनकी 105 वर्षीय सास कभी बीमार नहीं हुई है. वहीं पौत्र सुनील ने बताया कि उनके पिता चार भाई हैं और उनके चार पौत्र है. आज समाज में जमीन- जायदात के लिए भाई-भाई आपस में लड़ रहे हैं, लेकिन उनके परिवार में उनकी दादी की कही बातों पर कभी परिवार में इन चीजों को लेकर कभी लड़ाई नहीं हुई है.
बच्चों को छनकौरा सुनाती हैं पुराने किस्से-कहानियां
इसके आगे सुनील ने बताया कि आज भी घर का कोई भी फैसला लेने से पहले एक बार घर की सबसे बुजुर्ग छनकौरा देवी से सलाह जरूर ली जाती है, उनके हामी भरने पर भी किसी काम को शुरू किया जाता है. उन्होंने बताया कि आज भी घर ही नहीं बल्कि गांव के बच्चे छनकौरा देवी से पुराने किस्से सुनने आते हैं और छनकौरा देवी भी बच्चों को बड़े ही प्यार से अपने जमाने की कहानियां सुनाती हैं.
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काफी अलग है छनकौरा देवी का जीवन
बता दें कि छनकौरा देवी 105 साल की उम्र में भी स्वस्थ हैं और पूरी सादगी के साथ जीवन जी रही हैं. वो सुबह उठकर सबसे पहले राबड़ी पीती हैं. उन्हें आज भी बेमौसम चने का साग और बाजरे की रोटी खाने का मन करता है. वो दोपहर में खिचड़ी, दलिया और मेसी चने की रोटी खाती हैं. वहीं पीने से पहले एक बार पानी मात्थे पर जरूर लगाती हैं.