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बदहाल हुआ चरखी दादरी का सरकारी अस्पताल, स्टाफ का अभाव, मशीनें भी खराब

चरखी दादरी के सरकारी अस्पताल (government hospital Charkhi dadari) में स्टाफ की कमी से मरीज परेशान हो रहे हैं. मरीजों का कहना है कि अस्पताल में ना ही OPD की सुविधा है और ना ही बैठने के लिए को इंतजाम किए गए हैं जिससे बीमार बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं परेशान हो रहे हैं.

Patients upset in government hospital
सरकारी अस्पताल में मरीज परेशान
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Published : Nov 20, 2022, 6:04 PM IST

चरखी दादरी: सरकार की तरफ से अस्पतालों में तमाम सुविधाएं देने के वादे किये जाते हैं. लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत तस्वीर में साफ देखी जा सकती है ये तस्वीर है दादरी जिले के सबसे बड़े सामान्य सरकारी अस्पताल की. जहां सरकारी अस्तपतालों में स्टाफ की कमी (staff Shortage in government hospital) के साथ-साथ सुविधाओं की कमी से भी आए दिन मरीजों को दो चार होना पड़ता है. दादरी के सरकारी अस्पताल में सुविधाओं की कमी की दास्तां ये मरीजों की भीड़ वाली तस्वीर साफ-साफ बयां कर रही है.

मरीजों की भीड़ को देख कर समझिए कि इस अस्पताल के हालात इस कदर दयनीय है कि मरीजों को यहां सही इलाज मिलने की उम्मीद करना तो दूर बल्कि अस्पताल में कहीं भी मरीजों को किसी तरह की सुविधा तक नजर नहीं आ रही है. दादरी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन कंडम होने के बाद बंद कमरे में धूल फांक रही है. जिससे मरीजों को बाजारों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. खासकर गर्भवती महिलाओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां की लडख़ड़ाई स्वास्थ्य सेवाएं देखकर स्वास्थ्य विभाग के दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

वहीं अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों का कहना है कि एक्स-रे करवाने के लिए काफी समय से लाइनों में खड़े हैं. अस्पताल में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है. मरीजों ने कहा कि एक तो बीमारी से परेशान है और अस्पताल वालों ने भी परेशान (Patients upset in government hospital) करके रखा है. ना तो यहां पर बैठने का इंतजाम किया गया है ना या प्रोपर स्टाफ है. सभी बुजुर्ग औऱ महिलाएं भी यहां पर खड़ी है सभी मरीज परेशान हो रहे हैं.

बता दें कि तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में सहकारिता मंत्री रहते हुए सतपाल सांगवान द्वारा दक्षिण हरियाणा का एकमात्र 100 बैड का आधुनिक अस्पताल बनवाया गया था. एकमात्र जिला सिविल अस्पताल में ना चिकित्सक, ना फार्मासिस्ट और ना ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं. पिछले कई वर्षों से सिविल अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद (staff shortage in dadari hospital) खाली होने के चलते अल्ट्रासाउंड मशीनें तक कंडम हो गई हैं. जो बंद कमरे में धूल फांक रही है. ऐसे में सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है.

सिविल अस्पताल से हर रोज गर्भवती महिलाओं को बाजार से अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए भेजा जाता है. इस बारे में स्थानीय लोग काफी समय से सरकार और स्वास्थ्य विभाग से यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों, सहायक कर्मियों की नियुक्तियों की मांग कर रहे हैं लेकिन हालातों में कोई सुधार नहीं हो रहा है. इसके विपरीत स्थिति लगातार और भी गंभीर होती जा रही है.

CMO (Chief Medical Officer) डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय पर सिविल अस्पताल में चिकित्सकों के साथ-साथ सहकर्मियों के काफी पद खाली पड़े हैं. रिक्त पदों को भरने के लिए कई बार मुख्यालय को अवगत करवाया गया है. गर्भवती महिलाओं के लिए निजी अस्पतालों के माध्यम से अल्ट्रासाउंड करवाए जा रहे हैं. जिसके लिए विभाग द्वारा 350 रुपए दिए जा रहे हैं. जल्द ही रेडियोलॉजिस्ट के पद पर नियुक्ति मुख्यालय से हो, इसके लिए पत्र लिखा गया है.

ये भी पढ़ें- 'ईटीवी भारत' की पत्रकार निवेदिता सूरज का हुआ अंतिम संस्कार, परिजनों ने दी श्रद्धांजलि

वहीं इस मामले में पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन हुड्डा सरकार में दक्षिण हरियाणा का एकमात्र 100 बैड का आधुनिक अस्पताल बनवाया था और उस समय सभी सुविधाएं उपलब्ध थी. इस समय यहां के हालात देखकर काफी दुख होता है. सीएम मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से पर्सनली मिलकर और अनेकों बार पत्र लिखकर समाधान की मांग जा चुकी है. वहीं बताया जा रहा है कि सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के कमरे पर ताला लगा था जिसको लेकर अल्ट्रासाउंड करने पहुंचे मरीज और गर्भवती महिलाएं काफी समय तक इतंजार करते हैं.

चरखी दादरी: सरकार की तरफ से अस्पतालों में तमाम सुविधाएं देने के वादे किये जाते हैं. लेकिन जमीनी स्तर पर हकीकत तस्वीर में साफ देखी जा सकती है ये तस्वीर है दादरी जिले के सबसे बड़े सामान्य सरकारी अस्पताल की. जहां सरकारी अस्तपतालों में स्टाफ की कमी (staff Shortage in government hospital) के साथ-साथ सुविधाओं की कमी से भी आए दिन मरीजों को दो चार होना पड़ता है. दादरी के सरकारी अस्पताल में सुविधाओं की कमी की दास्तां ये मरीजों की भीड़ वाली तस्वीर साफ-साफ बयां कर रही है.

मरीजों की भीड़ को देख कर समझिए कि इस अस्पताल के हालात इस कदर दयनीय है कि मरीजों को यहां सही इलाज मिलने की उम्मीद करना तो दूर बल्कि अस्पताल में कहीं भी मरीजों को किसी तरह की सुविधा तक नजर नहीं आ रही है. दादरी अस्पताल में अल्ट्रासाउंड मशीन कंडम होने के बाद बंद कमरे में धूल फांक रही है. जिससे मरीजों को बाजारों के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. खासकर गर्भवती महिलाओं को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. यहां की लडख़ड़ाई स्वास्थ्य सेवाएं देखकर स्वास्थ्य विभाग के दावे खोखले साबित हो रहे हैं.

वहीं अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों का कहना है कि एक्स-रे करवाने के लिए काफी समय से लाइनों में खड़े हैं. अस्पताल में सुविधा नाम की कोई चीज नहीं है. मरीजों ने कहा कि एक तो बीमारी से परेशान है और अस्पताल वालों ने भी परेशान (Patients upset in government hospital) करके रखा है. ना तो यहां पर बैठने का इंतजाम किया गया है ना या प्रोपर स्टाफ है. सभी बुजुर्ग औऱ महिलाएं भी यहां पर खड़ी है सभी मरीज परेशान हो रहे हैं.

बता दें कि तत्कालीन भूपेंद्र हुड्डा की सरकार में सहकारिता मंत्री रहते हुए सतपाल सांगवान द्वारा दक्षिण हरियाणा का एकमात्र 100 बैड का आधुनिक अस्पताल बनवाया गया था. एकमात्र जिला सिविल अस्पताल में ना चिकित्सक, ना फार्मासिस्ट और ना ही स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हैं. पिछले कई वर्षों से सिविल अस्पताल में रेडियोलॉजिस्ट का पद (staff shortage in dadari hospital) खाली होने के चलते अल्ट्रासाउंड मशीनें तक कंडम हो गई हैं. जो बंद कमरे में धूल फांक रही है. ऐसे में सिविल अस्पताल में आने वाले मरीजों को आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है.

सिविल अस्पताल से हर रोज गर्भवती महिलाओं को बाजार से अल्ट्रासाउंड करवाने के लिए भेजा जाता है. इस बारे में स्थानीय लोग काफी समय से सरकार और स्वास्थ्य विभाग से यहां पर्याप्त संख्या में चिकित्सकों, सहायक कर्मियों की नियुक्तियों की मांग कर रहे हैं लेकिन हालातों में कोई सुधार नहीं हो रहा है. इसके विपरीत स्थिति लगातार और भी गंभीर होती जा रही है.

CMO (Chief Medical Officer) डॉ. कृष्ण कुमार ने बताया कि जिला मुख्यालय पर सिविल अस्पताल में चिकित्सकों के साथ-साथ सहकर्मियों के काफी पद खाली पड़े हैं. रिक्त पदों को भरने के लिए कई बार मुख्यालय को अवगत करवाया गया है. गर्भवती महिलाओं के लिए निजी अस्पतालों के माध्यम से अल्ट्रासाउंड करवाए जा रहे हैं. जिसके लिए विभाग द्वारा 350 रुपए दिए जा रहे हैं. जल्द ही रेडियोलॉजिस्ट के पद पर नियुक्ति मुख्यालय से हो, इसके लिए पत्र लिखा गया है.

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वहीं इस मामले में पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने बताया कि उन्होंने तत्कालीन हुड्डा सरकार में दक्षिण हरियाणा का एकमात्र 100 बैड का आधुनिक अस्पताल बनवाया था और उस समय सभी सुविधाएं उपलब्ध थी. इस समय यहां के हालात देखकर काफी दुख होता है. सीएम मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से पर्सनली मिलकर और अनेकों बार पत्र लिखकर समाधान की मांग जा चुकी है. वहीं बताया जा रहा है कि सिविल अस्पताल में अल्ट्रासाउंड के कमरे पर ताला लगा था जिसको लेकर अल्ट्रासाउंड करने पहुंचे मरीज और गर्भवती महिलाएं काफी समय तक इतंजार करते हैं.

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