चरखी दादरी: चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने साफ किया कि अगर कांग्रेस पार्टी प्रदेश की गठबंधन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाती है तो सबसे पहले उस पर हस्ताक्षर करूंगा. क्योंकि सरकार को क्षेत्र का विकास करवाने के लिए समर्थन दिया था. अब किसान के खिलाफ कृषि अध्यादेश ला दिए तो उनकी आत्मा का ठेस पहुंची है. इसलिए चेयरमैनी पद से इस्तीफा देते हुए समर्थन वापस लिया था. कृषि कानूनों को रद्द करवाने के लिए खापों व समाज के साथ मिलकर उनकी लड़ाई जारी रहेगी
विधायक सोमबीर सांगवान ने ईटीवी भारत संवादाता प्रदीप साहू से विशेष बातचीत करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान क्षेत्र की जनता ने उनको विकास करवाने के साथ-साथ लाज-जज्जा रखने के लिए विधायक बनाया था. विधायक बनने के लिए सरकार के साथ मिलकर विकास के लिए करोड़ों की परियोजनाएं भी मंजूर करवाई. लेकिन कोरोना काल की आड़ में भाजपा ने कृषि के काले कानून लागू कर दिए तो सरकार की मंशा किसान विरोध की समझ में आ गई.
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ऐसे में किसानों के साथ अन्याय होता देख पशुधन विकास बोर्ड के चेयरमैन से इस्तीफा दिया. सरकार से समर्थन वापिस लेकर किसान की लड़ाई में शामिल हुआ हूं. सोमबीर सांगवान ने कहा कि वे सांगवान खाप के प्रधान होने के नाते सीधे समाज से जुड़े हैं. ऐसे में समाज हित को लेकर कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी.
विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि गठबंधन सरकार के खिलाफ कोई भी पार्टी अविश्वास या अन्य कोई प्रस्ताव लेकर आएं तो वे सबसे आगे वो रहेंगे. उन्होंने दूसरी पार्टियों के मंत्रियों व नेताओं से भी किसानों के समर्थन में सरकार के पद ठुकराकर किसानों के साथ आने की नसीहत दी. सोमबीर सांगवान ने कहा कि समाज से बड़ा कुछ नहीं. ऐसे में किसानों के आंदोलन का समर्थन करते हुए कृषि कानूनों को रद्द करवाने में आहुति डालनी चाहिए.
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