चरखी दादरी: दादरी के एसडीएम कार्यालय द्वारा साल 2000 से 2017 के बीच लाइसेंस व मोटर व्हीकल रजिस्ट्रेशन में करीब दो करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है. ये खुलासा सीएम उड़नदस्ता द्वारा की गई जांच में सामने आया है.
गुप्तचर विभाग की शिकायत के आधार पर दादरी सिटी पुलिस ने तत्कालीन एसडीएम सहित लाइसेंस क्लर्क व मोटर व्हीकल रजिस्ट्रेशन क्लर्कों के खिलाफ केस दर्ज किया है. जांच में पाया गया कि निर्धारित फीस नगर परिषद में जमा नहीं करवाई गई थी. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है, फिलहाल किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
बता दें कि दादरी के एसडीएम कार्यालय से लाइसेंस और मोटर व्हीकल रजिस्ट्रेशन में गड़बड़ी की शिकायतों के आधार पर सीएम उड़नदस्ता के उपनिरीक्षक कर्मबीर सिंह की टीम द्वारा कई बार छापेमार कार्रवाई करते हुए जांच की गई थी.
सीएम फ्लइंग द्वारा एसडीएम कार्यालय के कई दस्तावेज भी अपने कब्जे में लिए थे. जिसकी कई दिनों से जांच की जा रही थी. जांच के बाद सीएम उड़नदस्ता पंचकूला के आला अधिकारियों द्वारा पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई. जिसमें गुप्तचर विभाग द्वारा बताया गया कि साल 2000 से 2017 तक दादरी एसडीएम कार्यालय में तैनात रहे ड्राईविंग लाईसैन्स क्लर्क व मोटर व्हीकल क्लर्कों द्वारा करीब 2 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है.
एसडीएम कार्यालय के क्लर्कों द्वारा ड्राईविंग लाईसैन्स की 100 से 500 रुपये फीस आवेदकों से लेकर रसीद नहीं काटी गई. जिसके कई सबूत भी गुप्तचर विभाग द्वारा मिले थे. सीएम उड़नदस्ता की जांच से पाया गया कि साल 2006 से जून 2017 तक ड्राईविंग लाईसैन्स फीस, मोटरसाईकिल रजिस्ट्रेशन फीस व कार रजिस्ट्रेशन की फीस लगभग 2 करोड़ एक लाख 56 हजार 500 रुपये नगरपालिका चरखी दादरी की बनती है, जिसमें से केवल 92 लाख 8 हजार 867 रुपये ही एसडीएम कार्यालय द्वारा नगरपालिका में जमा करवाए गए.
चरखी दादरी के तत्कालीन एसडीएम कार्यालय के लाईसैन्स क्लर्क व रजिस्ट्रेशन क्लर्कों द्वारा मिलीभगत करके एक करोड़ 9 लाख 47 हजार 633 रुपये की सरकारी धनराशि का गबन किया गया है. गुप्तचर विभाग ने अपने पत्र में साल 2000 से 2017 के दौरान तत्कालीन एसडीएम व क्लर्कों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की सिफारिश की गई. जिसके आधार पर सिटी पुलिस ने तत्कालीन अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 120बी के तहत केस दर्ज किया है.
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