ETV Bharat / state

60 साल से 'पेड़ बाबा' चला रहे हैं पर्यावरण बचाने की मुहिम, मिले कई पुरस्कार

सत्यदेव सांगवान 60 सालों से पर्यावरण बचाने की मुहिम चला रहे हैं. 86 साल की उम्र में सांगवान अपने घर पर ही नर्सरी तैयार करते हैं और हर साल बारिश के दिनों में जगह-जगह घूमकर बड़ और पीपल के पेड़ लगाते हैं.

पर्यावरण बचाने की मुहिम
author img

By

Published : Jun 5, 2019, 5:10 PM IST

चरखी दादरी: पेड़ बाबा के नाम से विख्यात 86 साल के सत्यदेव सांगवान पर पर्यावरण को बचाने का जुनून इस कदर चढ़ा है कि वो पिछले 60 साल से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर रहे हैं. सत्यदेव की इस मुहिम को देखते हुए पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल ने उन्हें रेड एण्ड वाइट बहादुरी पुरस्कार से भी सम्मानित किया.

अपने पैसों से करते हैं पेड़-पौधे का लालन पोषण
उम्र के आखिरी पड़ाव में भी सत्यवान ने पर्यावरण को बचाने के लिए मुहिम छेड़ रखी है. इतना ही नहीं बल्कि वो पेड़ लगाने के साथ-साथ उनका लालन-पोषण भी अपने खर्चे से करते हैं.

क्लिक कर देखें वीडियो

'अगर देश बचाना है तो लगाए पौधे'
पर्यावरण को लेकर सत्यवान सांगवान ने लोगों से कहा कि अगर देश को बचाना है तो ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए. सत्यदेव सांगवान अपने घर पर ही नर्सरी तैयार करते हैं और हर साल बारिश के दिनों में जगह-जगह वो घूमकर बड़ और पीपल के पेड़ लगाते हैं. इतना ही नहीं बल्कि लगाए गए पेड़ों की उनके पास पूरी लिस्ट है और लिस्ट अनुसार वे लगाए गए पेड़-पौधों का लालन-पोषण कर रहे हैं.

चरखी दादरी: पेड़ बाबा के नाम से विख्यात 86 साल के सत्यदेव सांगवान पर पर्यावरण को बचाने का जुनून इस कदर चढ़ा है कि वो पिछले 60 साल से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक कर रहे हैं. सत्यदेव की इस मुहिम को देखते हुए पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल ने उन्हें रेड एण्ड वाइट बहादुरी पुरस्कार से भी सम्मानित किया.

अपने पैसों से करते हैं पेड़-पौधे का लालन पोषण
उम्र के आखिरी पड़ाव में भी सत्यवान ने पर्यावरण को बचाने के लिए मुहिम छेड़ रखी है. इतना ही नहीं बल्कि वो पेड़ लगाने के साथ-साथ उनका लालन-पोषण भी अपने खर्चे से करते हैं.

क्लिक कर देखें वीडियो

'अगर देश बचाना है तो लगाए पौधे'
पर्यावरण को लेकर सत्यवान सांगवान ने लोगों से कहा कि अगर देश को बचाना है तो ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाए. सत्यदेव सांगवान अपने घर पर ही नर्सरी तैयार करते हैं और हर साल बारिश के दिनों में जगह-जगह वो घूमकर बड़ और पीपल के पेड़ लगाते हैं. इतना ही नहीं बल्कि लगाए गए पेड़ों की उनके पास पूरी लिस्ट है और लिस्ट अनुसार वे लगाए गए पेड़-पौधों का लालन-पोषण कर रहे हैं.



---------- Forwarded message ---------
From: Pardeep Sahu <sahupardeep@gmail.com>
Date: Wed 5 Jun, 2019
Subject: 60 साल से पर्यावरण बचाने की मुहिम चला रहे हैं पेड़ बाबा सत्यदेव सांगवान : 86 वर्ष की उम्र में भी पर्यावरण बचाने का जज्बा जारी
To:


Download link 
https://we.tl/t-ECyJcqqRuC  

विश्व पर्यावरण दिवस पर विशेष :-
60 साल से पर्यावरण बचाने की मुहिम चला रहे हैं पेड़ बाबा सत्यदेव सांगवान
: फौज व रोडवेज विभाग में नौकरी के दौरान भी लगाते रहे पेड़
: 86 वर्ष की उम्र में भी पर्यावरण बचाने का जज्बा जारी
: प्रति वर्ष एक हजार बड़-पीपल सहित कई प्रकार के पेड़ लगाते हैं सत्यदेव
: दादा से प्रेरणा लेकर पोती भी अभियान से जुड़ी, बूढे हो चुके दादा के पेड़ों की करती है संभाल
प्रदीप साहू
चरखी दादरी। पेड़ बाबा के नाम से विख्यात चरखी दादरी के 86 वर्षीय सत्यदेव सांगवान पर पर्यावरण बचाने का जुनून इस कदर चढ़ा है कि वे पिछले 60 साल से लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए अभियान चला रहे हैं। सत्यदेव ने क्षेत्र में अपने अनूठे कार्य से मिसाल कायम कर रखी है। उनकी इस मुहिम को देखते हुए पंजाब के तत्कालीन राज्यपाल द्वारा उन्हें रेड एण्ड वाईटस बहादुरी पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उम्र के आखिरी पड़ाव में भी पर्यावरण बचाने के लिए मुहिम छेड़े हुए हैं। इतना ही नहीं बल्कि वे पेड़ लगानेे के साथ-साथ उनका लालन-पोषण भी अपने खर्चे से करते हैं। पहले साइकिल पर चलकर पेड़ों की देखभाल की दिनचर्या रहती थी अब उम्र अधिक होने व बीमार होने के बाद वे स्कूटी पर पोती के साथ चलकर पेड़ों की देखभाल कर रहे हैं। दादा से प्रेरणा लेकर उनकी पोती भी अभियान में उनके साथ जुड़ी है और दादा के वर्षों पुराने पेड़ों की देखभाल कर रही है।
सत्यदेव सांगवान एक ऐसे पर्यावरण प्रेमी भी हैं, जो पेड़ पौधों को बचाने की मुहिम में लगे हुए हैं। सांगवान ये मुहित पिछले 60 साल सेचला रहे हैं। उन्होंने खुद तो करीब 15 हजार से अधिक पौधे लगाए हैं। अपनी इस मुहिम में अन्य संगठनों को भी शामिल कर करीब तीन लाख से अधिक पौधे उनसे भी लगवा दिए हैं। सत्यदेव लोगों से ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने का आह्वान करते हैं और जो लगे हैं, उन्हें भी अपने बेटे-बेटियों की तरह उनकी रक्षा का संकल्प भी दिलाते हैं। वेे पर्यावरण को बचाने के लिए पौधे तो लगाते ही हैं, साथ ही नि:शुल्क पेड़ बांटकर लोगों को पर्यावरण बचाने के लिए प्रेरित करते हैं।
सत्यदेव सांगवान अपने घर पर ही नर्सरी तैयार करते हैं और हर वर्ष बारिश के दिनों में जगह-जगह घूमकर बड़ व पीपल के पेड़ लगाते हैं। इतना ही नहीं बल्कि लगाए गए पेड़ों की उनकी पास पूरी लिस्ट है और लिस्ट अनुसार वे लगाए गए पेड़-पौधों का लालन-पोषण कर रहे हैं। सत्यदेेव सांगवान 17 वर्ष भारतीय सेना में सेवा के दौरान 1962 और 1965 के दो युद्धों में देश के बहादुर सिपाही होने का गौरव हासिल कर चुके हैं। बचपन से वक्ष मित्र सत्यदेव ने सेना में कार्य करते हुए भी अवसर मिलने पर पेड़ लगाने और उनकी परवारिश करने बीड़ा उठाया है। इनकी प्रवति उस समय और बढ़ गई जब हरियाणा राज्य परिवहन ने चालक के पद पर कार्यरत हुए। जिस मार्ग पर बस चलाई, उसी बस स्टैण्ड पर बड़ व पीपल के पेड़ लगाकर उनका प्रतिदिन देखभाल करते थे। परिवहन विभाग से सेेवानिवृति के बाद विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर पेड़-पौधे लगाना शुरू कर दिया। वे हर वर्ष अपने ही घर में लगभग 500-600 बड़ व पीपल के वृक्षों की नर्सरी लगाते हैं, जिसमें कुछ जरूरतमंदों को नि:शुल्क बांट देते हैं, बाकी सार्वजनिक व धार्मिक स्थलों पर स्वयं लगाकर उनकी परवरिश करते हैं।
पेड़ बाबा सत्यदेव सांगवान ने बताया कि वे अपने जीवनकाल में अब तक करीब 15 हजार पेड़़ लगा चुके हैं। स्वंय के संसाधनों से बड़ व पीपल के पौधों की नर्सरी के पौधों का आसपास के गांवों में वितरित भी किए हैं।
वहीं पेड़ बाबा सत्यदेव की पोती ज्योति सांगवान कहती हैं कि दादा के लगाए पेड़ों से उन्हें फल मिल रहा है। दादा का पर्यावरण के प्रति लगाव देखते हुए उसके मन में भी पेड़ लगाने के अभियान से जुड़ी। अब दादा द्वारा लगाए पेड़-पौधों की देखभाल भी करती हूं।
विजवल:- 1
पेड़ लगाने का बोर्ड, तैयार की गई नर्सरी, पेड़ों की देखभाल करते, पेड़ों पर लगे फल व तैयार पौधे, पोती व अन्य परिजन भी पेड़ों और नर्सरी की देखभाल करते हुए कट शाटस
बाईट:- 2
सत्यदेव सांगवान, पर्यावरणविद्ध
बाईट:- 3
ज्योति सांगवान, सत्यदेव की पोती
--------------------------
Pardeep    9802562000
Charkhi Dadri 





ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.