चरखी दादरी: जनस्वास्थ्य विभाग (charkhi dadri health department scam) के क्लर्क द्वारा कर्मचारियों के विभिन्न बिलों को फर्जी तरीके से कई बार ट्रेजरी से पास करवाकर ढाई करोड़ रुपये का घोटाला (charkhi dadri clerk scam) करने का मामला सामने आया है. कर्मचारियों के पास हुए बिलों की राशि उनके खातों में नहीं पहुंची तो कार्यालय में शिकायत दी गई. इसी दौरान क्लर्क अपनी ड्यूटी से गायब हो गया. अधिकारियों द्वारा बनाई जांच कमेटी की जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ है.
इस मामले को लेकर अधिकारियों द्वारा एफआईआर दर्ज करवाने के लिए सदर पुलिस थाना में शिकायत दर्ज करवाई है. वहीं विभाग द्वारा आरोपित क्लर्क के बैंक खातों को फ्रीज करने बारे पत्र भी लिख दिया है. क्लर्क द्वारा करोड़ों रुपये का घोटाला करने का मामला सामने आने पर विभाग के कर्मचारियों ने अधिकारियों व ट्रेजरी की मिलीभगत का आरोप लगाते हुए रोष जताया. मंगलवार को जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में एकजुट हुए कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि उनके मेडिकल, लीव इन कैशमेंट, जीपीएफ व अन्य बिलों को कई बार पास करवाकर क्लर्क सुनील कुमार द्वारा अपने रिश्तेदारों के खातों में पेमेंट डलवा ली गई.
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कर्मचारियों का आरोप है कि 17 कर्मचारियों की विभिन्न बिलों की राशि कई-कई बार पास करवाकर ट्रेजरी के माध्यम से क्लर्क व उसके रिश्तेदारों के खातों में डलवाई गई है. जिसमें विभाग के अधिकारी व ट्रेजरी कर्मियों की मिलीभगत है. घोटाला की जानकारी मिलने पर पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान भी जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में पहुंचे और कर्मचारियों से जानकारी ली. बाद में अधिकारियों को घोटाले के बारे में पूरी जांच करने व आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही.
वहीं कर्मचारी नेता राजकुमार घिकाड़ा ने बताया कि जनस्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों व ट्रेजरी कर्मचारियों की मिलीभगत के चलते क्लर्क द्वारा ढाई करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है. क्लर्क ने कर्मचारियों की पांच-पांच बार राशि मंजूर करवाकर अपने रिश्तेदारों के खातों में डलवा ली. कर्मचारी यूनियन द्वारा मांग करने पर ही जांच कमेटी बनाई गई. कमेटी की जांच में पूरे मामले का खुलासा हुआ है. इस मामले की विजिलेंस व अन्य एजेंसी से जांच करवाई जाए तो घोटाले की राशि बढ़ भी सकती है.
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वहीं पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान ने कहा कि घोटाले करने के लिए ही अधिकारी इस जिले में आते हैं. पिछले कुछ महीनों के दौरान यहां कई अधिकारियों के तबादले भी हुए हैं. एक क्लर्क द्वारा करोड़ों का घोटाला करने में अधिकारी व ट्रेजरी के कर्मचारी भी शामिल हो सकते हैं. इस मामले में जो भी संलिप्त हैं, उनके खिलाफ सीएम से मिलकर जांच करवाकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
इस मामले पर जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यकारी अभियंता दलबीर दलाल ने बताया कि मामला संज्ञान में आने पर जांच कमेटी बनाकर जांच करवाई गई तो मामले का खुलासा हुआ है. शुरूआती जांच में कुछ कर्मचारियों की राशि का घोटाला सामने आया है और इस मामले को लेकर उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया है. मामले की विभागीय व पुलिस जांच में पूरा खुलासा हो पाएगा. हालांकि विभाग द्वारा आरोपित क्लर्क के बैंक खातों को फ्रीज करवाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी गई है.
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