चरखी दादरी: संयुक्त किसान मोर्चा (samyukt kisan morcha) के आह्वान के बाद 27 सितंबर के भारत बंद (Bharat bandh 27 September) को सफल बनाने के लिए रविवार को दादरी में फोगाट खाप (phogat khap meeting) की कार्यकारिणी की बैठक हुई. खाप प्रधान बलवंत नंबरदार की अध्यक्षता में ये बैठक हुई. बैठक में तय हुआ कि भारत बंद को सफल बनाने के लिए फोगाट खाप द्वारा 24 सितंबर को दादरी में महापंचायत कर रणनीति तैयार की जाएगी.
इस दौरान सामाजिक संगठनों को भी निमंत्रण दिया जाएगा. महापंचायत में किसान आंदोलन को तेज करने के बारे में भी विचार-विमर्श किया जाएगा. मीटिंग में खाप के प्रमुख लोगों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि 24 सितंबर को महापंचायत बुलाकर 27 सितंबर को होने वाले भारत बंद के लिए रणनीति तैयार की जाएगी. साथ ही खाप के प्रत्येक गांव में लोगों को जिम्मेदारी भी सौंपी जाएंगी.
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महापंचायत में इस बार खापों के अलावा सामाजिक, व्यापारी व अन्य संगठनों को भी बुलाया गया है. ताकि ज्यादा से ज्यादा तादाद में लोग महापंचायत में शामिल हो सकें, और भारत बंद पूर्णतया से सफल हो इसके लिए रणनिति बनाई जाए. भारत बंद के दौरान दादरी जिले में रोड जाम व बाजार बंद किया जाएगा. फोगाट खाप प्रधान बलवंत नम्बरदार ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा के आदेशानुसार 27 सितम्बर को भारत बंद का फैसला लिया गया है.
संयुक्त किसान मोर्चा के आदेशानुसार ही सभी किसान संगठनों की बैठक की गई है. बंद को सफल बनाने के लिए 24 सितम्बर को महापंचायत की जाएगी. महापंचायत में अधिक से अधिक लोग पहुंचे इसके लिए हर गांव में लोगों की जिम्मेदारी लगाई गई है. किसान आंदोलन के चलते भारत बंद को लेकर 36 बिरादरी के लोग महापंचायत में शामिल होंगे. बता दें कि, संयुक्त किसान मोर्चा ने 27 सितंबर को भारत बंद का ऐलान किया है. भारत बंद को सफल बनाने के लिए हरियाणा, यूपी के सभी जिलों में किसान संगठन ट्रेड यूनियन, युवा संगठन, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन, व्यापारी संगठन के साथ बैठक कर रहे हैं.
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गौरतलब है कि बीते साल 26 नवंबर से तीन कृषि कानूनों के विरोध में किसान आंदोलन चल रहा है. सिंघु बॉर्डर, टिकरी बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों ने अपने मोर्चे लगाए हुए हैं. किसानों का साफ कहना है कि कानूनों के रद्द होने तक वो वापस नहीं लौटेंगे. वहीं सरकार अभी भी अपने फैसले पर बनी हुई है. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ये कह चुके हैं कि कानून रद्द नहीं होंगे, अगर किसान चाहें तो सरकार बातचीत दोबारा शुरू कर सकती है.