चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152डी नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहित जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर जिले के 17 गांव के किसानों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. धरने पर बैठे किसानों ने पहली कलम से समाधान करने का आश्वासन देने वाले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, विधायक नैना चौटाला और सोमबीर सांगवान के पुतले फूंकने की तैयारी की है.
किसानों का ऐलान दो करोड़ प्रति एकड़ लेकर रहेंगे मुआवजा
किसानों ने प्रशासन की ओर से मुआवजा लेने के के लिए भेजे नोटिस का विरोध करते हुए बड़ा आंदोलन करने की घोषणा कर दी है. किसानों का कहना है कि कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाकर आंदोलन को लेकर बड़े फैसले लिए जाएंगे. वो न तो झुकेंगे न मानेंगे, दो करोड़ प्रति एकड़ मुआवजा लेकर रहेंगे.
पांच किसानों की हुई है मौत
किसानों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान बीते आठ माह से धरना दे रहे हैं. इस दौरान जमीन अधिग्रहण से प्रभावित पांच किसानों की मौत हो चुकी है. सबसे पहले 12 मई को गांव खातीवास निवासी किसान जगदीश ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी.
उसके बाद गांव ढाणी फौगाट निवासी किसान रामअवतार की ढाणी फौगाट धरने पर व खातीवास निवासी किसान धर्मपाल की अपने घर पर हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. वहीं गांव दातौली निवासी किसान दलबीर ने रामनगर धरने पर जहर खाकर जान दे दी थी और गांव ढाणी फौगाट निवासी किसान महेंद्र की हार्ट अटैक से मौत हुई है. उनका कहना है कि किसान आत्महत्या मामले में दबाव बनाने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं.
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