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अधिग्रहित जमीन मुआवजे को लेकर प्रशासन ने भेजा नोटिस, किसानों ने जताया विरोध

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Published : Nov 18, 2019, 2:53 PM IST

ग्रीन कॉरिडोर 152डी नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहित जमीन का उचित मुआवजा की मांग को लेकर किसानों ने मोर्चा खोल दिया है. किसानों को प्रशासन की ओर से तय मुआवजा लेने के लिए भेजे गए नोटिस का विरोध करते हुए बड़ा आंदोलन करने की घोषणा कर दी है.

किसानों का विरोध

चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152डी नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहित जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर जिले के 17 गांव के किसानों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. धरने पर बैठे किसानों ने पहली कलम से समाधान करने का आश्वासन देने वाले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, विधायक नैना चौटाला और सोमबीर सांगवान के पुतले फूंकने की तैयारी की है.

किसानों का ऐलान दो करोड़ प्रति एकड़ लेकर रहेंगे मुआवजा
किसानों ने प्रशासन की ओर से मुआवजा लेने के के लिए भेजे नोटिस का विरोध करते हुए बड़ा आंदोलन करने की घोषणा कर दी है. किसानों का कहना है कि कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाकर आंदोलन को लेकर बड़े फैसले लिए जाएंगे. वो न तो झुकेंगे न मानेंगे, दो करोड़ प्रति एकड़ मुआवजा लेकर रहेंगे.

किसानों ने आंदोलन की घोषणा की

पांच किसानों की हुई है मौत
किसानों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान बीते आठ माह से धरना दे रहे हैं. इस दौरान जमीन अधिग्रहण से प्रभावित पांच किसानों की मौत हो चुकी है. सबसे पहले 12 मई को गांव खातीवास निवासी किसान जगदीश ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी.

उसके बाद गांव ढाणी फौगाट निवासी किसान रामअवतार की ढाणी फौगाट धरने पर व खातीवास निवासी किसान धर्मपाल की अपने घर पर हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. वहीं गांव दातौली निवासी किसान दलबीर ने रामनगर धरने पर जहर खाकर जान दे दी थी और गांव ढाणी फौगाट निवासी किसान महेंद्र की हार्ट अटैक से मौत हुई है. उनका कहना है कि किसान आत्महत्या मामले में दबाव बनाने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं.

ये भी पढ़ें: मंत्रिमंडल विस्तार के बाद कैबिनेट की पहली बैठक आज, कई मुद्दों पर होगी चर्चा

चरखी दादरी: ग्रीन कॉरिडोर 152डी नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहित जमीन के उचित मुआवजे की मांग को लेकर जिले के 17 गांव के किसानों ने अब आर-पार की लड़ाई लड़ने का मन बना लिया है. धरने पर बैठे किसानों ने पहली कलम से समाधान करने का आश्वासन देने वाले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, विधायक नैना चौटाला और सोमबीर सांगवान के पुतले फूंकने की तैयारी की है.

किसानों का ऐलान दो करोड़ प्रति एकड़ लेकर रहेंगे मुआवजा
किसानों ने प्रशासन की ओर से मुआवजा लेने के के लिए भेजे नोटिस का विरोध करते हुए बड़ा आंदोलन करने की घोषणा कर दी है. किसानों का कहना है कि कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाकर आंदोलन को लेकर बड़े फैसले लिए जाएंगे. वो न तो झुकेंगे न मानेंगे, दो करोड़ प्रति एकड़ मुआवजा लेकर रहेंगे.

किसानों ने आंदोलन की घोषणा की

पांच किसानों की हुई है मौत
किसानों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान बीते आठ माह से धरना दे रहे हैं. इस दौरान जमीन अधिग्रहण से प्रभावित पांच किसानों की मौत हो चुकी है. सबसे पहले 12 मई को गांव खातीवास निवासी किसान जगदीश ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी.

उसके बाद गांव ढाणी फौगाट निवासी किसान रामअवतार की ढाणी फौगाट धरने पर व खातीवास निवासी किसान धर्मपाल की अपने घर पर हार्ट अटैक से मौत हो गई थी. वहीं गांव दातौली निवासी किसान दलबीर ने रामनगर धरने पर जहर खाकर जान दे दी थी और गांव ढाणी फौगाट निवासी किसान महेंद्र की हार्ट अटैक से मौत हुई है. उनका कहना है कि किसान आत्महत्या मामले में दबाव बनाने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं.

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Intro:ग्रीन कॉरिडोर 152डी नेशनल हाईवे मार्ग की अधिग्रहित जमीन का मामला:-
किसान फूकेंगे डिप्टी सीएम, विधायकों के पुतले
: पहली कलम से किसानों की मांगे पूरी नहीं करने पर धरनारत किसानों आर-पार की लड़ाई के मूढ में
: आठ माह से जिले के 17 गांवों के किसान बैठे हैं अनिश्चितकालीन धरने पर, किसानों ने मुआवजा लेने से मना कर नोटिस का किया विरोध
: किसान बोले, ना झुकेंंगे ना मानेंगे, दो करोड़ प्रति एकड़ लेकर रहेंगे
चरखी दादरी। ग्रीन कॉरिडोर 152डी नेशनल हाईवे के लिए अधिग्रहित जमीन का उचित मुआवजा की मांग को लेकर जिले के 17 गांवों के किसान अब आर-पार के मूढ में हैं। धरनारत किसानों ने पहली कलम से समाधान करने का आश्वासन देने वाले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, विधायक नैना चौटाला व सोमबीर सांगवान के पुतले फूकने की तैयारी की है। किसानों को प्रशासन की ओर से मुआवजा के लिए भेजे नोटिस का विरोध करते हुए बड़ा आंदोलन करने की घोषणा की दी है। किसानों का कहना है कि कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाकर आंदोलन को लेकर बड़े फैसले लिए जाएंगे। वे ना तो झुकेंगे ना मानेंगे, दो करोड़ प्रति एकड़ मुआवजा लेकर रहेंगे।Body:बता दें कि ग्रीन कारिडोर 152डी का करीब 230 किलोमीटर लंबे निर्माण को लेकर एनएचआई द्वारा चार हजार करोड़ रुपए की राशि किसानों की अधिग्रहीत जमीन को लेकर तय की गई है। मार्ग निर्माण में दादरी जिला 17 गांवों के किसानों की 750 एकड़ जमीन अधिग्रहण में आई है। सरकार व एनएचआई द्वारा किसानों को मुआवजा निर्धारण करने के लिए अवार्ड घोषित किए गए थे। जिसके बाद किसानों ने रोष जताते हुए मुआवजा कम मिलने की बात कही और गत 26 फरवरी सेे गांव रामनगर में अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया गया। इस दौरान प्रदेश व केंद्र सरकार द्वारा जमीन के कलेक्टर रेट निर्धारित करके मुआवजा राशि को बढ़ाने की घोषणा की गई। लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं होने के कारण किसानों को बढ़ा हुआ मुआवजा भी जारी नहीं किया गया। किसानों की मांग है कि नये कलेक्टर रेट अनुसार भी मार्केट रेट के हिसाब से किसानों को मुआवजा नहीं मिलेगा। वे प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए की मांग कर रहे हैं। जबकि उनको करीब 45 से 55 लाख रुपए प्रति एकड़ का मुआवजा देने की घोषणा की गई है। ऐसे में ग्रीन कारिडोर निर्माण के दौरान दादरी जिले के करीब 10 हजार किसान प्रभावित होंगे जिनको जमीन का उचित मूल्य नहीं मिल रहा।
किसानों ने गांव रामनगर में चल रहे धरने पर डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, बाढड़ा विधायक नैना चौटाला व दादरी विधायक सोमबीर सांगवान के पुतले बनाकर विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान किसान नेता विनोद मोड़ी की अगुवाई में किसानों ने सरकार पर आरोप लगाया कि पहली कलम से उनके की मांग पूरी करने अपना स्वार्थ साधकर भूमिगत हो गए हैं। जबकि चुनाव से पूर्व दुष्यंत चौटाला, नैना चौटाला व सोमबीर सांगवान ने किसानों को आश्वस्त किया था कि उनकी सरकार में भागेदारी होने पर किसानों की पहली कलम से उचित मुआवजा दे दिया जाएगा। जबकि विधानसभा सत्र में किसानों की मांगों को अनदेखा किया गया। ऐसे में किसानों ने दुष्यंत चौटाला, नैना चौटाला व सोमबीर सांगवान के पुतले तैयार किए हैं। जल्द ही कार्यकारिणी की मीटिंग बुलाकर पुतले फूंके जाएंगे और बड़े आंदोलन की घोषणा की जाएगी।Conclusion:बाक्स:-
पांच किसानों की हुई हैं मौत
किसानों का कहना है कि जमीन अधिग्रहण से प्रभावित किसान बीते आठ माह से धरना दे रहे हैं। इस दौरान जमीन अधिग्रहण से प्रभावित पांच किसानों की मौत हो चुकी है। सबसे पहले 12 मई को गांव खातीवास निवासी किसान जगदीश ने जहरीले पदार्थ का सेवन कर आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद गांव ढाणी फौगाट निवासी किसान रामअवतार की ढाणी फौगाट धरने पर व खातीवास निवासी किसान धर्मपाल की अपने घर पर हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। वहीं गांव दातौली निवासी किसान दलबीर ने रामनगर धरने पर जहर खाकर जान दे दी थी व गांव ढाणी फौगाट निवासी किसान महेंद्र की हार्ट अटैक से मौत हुई है। उनका कहना है कि किसान आत्महत्या मामले में दबाव बनाने के उद्देश्य से पुलिस द्वारा उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, लेकिन किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं।
विजवल:- 1
धरने पर बैठे किसान, रणनीति बनाते, रोष प्रदर्शन करते, संबोधन व धरने पर राजनेताओं के पुतलों के साथ रोष प्रदर्शन करते किसानों के कट शाटस
बाईट:- 2
विनोद मोड़ी, किसान नेता
बाईट:- 3
सज्जन सिंह, किसान
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