चरखी दादरी: देश के लिए ओलंपिक में गोल्ड जीतने के जुनून के साथ दिव्यांग संदीप तीरंदाजी का जुगाड़ बनाकर मेहनत कर रहा है. ना ही खेल का उचित सामान और ना ही कोच, पेंशन में मिलने वाली राशि से ही कुछ जुगाड़ बनाकर गांव के स्टेडियम में तैयारियां कर रहा है.
आर्थिक हालात सही नहीं होने पर तीरंदाजी कम्पाउंड की मांग को लेकर संदीप ने विधायक से लेकर मंत्री तक को गुहार लगाई है. कहीं से भी कुछ मदद ना मिलने के बाद अब सीएम को पत्र लिखकर खेल सामग्री की गुहार लगाई है. संदीप की मांग है कि उसे तीरंदाजी कम्पाउंड मिल जाए तो वह ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड लाकर दिखा देगा.
दिव्यांग खिलाड़ी संदीप कुमार को तीरंदाजी का जुनून
दरअसल, दादरी जिले के गांव मांढी हरिया निवासी दिव्यांग खिलाड़ी संदीप कुमार को तीरंदाजी का इतना जुनून है कि वह जुगाड़ के सहारे खेल की तैयारी में जुटा है. गांव के बाहर बने स्टेडियम में सुविधाओं की कमी के बावजूद भी लकड़ी के पोल बनाए, बोरी में पराल भरकर टारगेट बना लिया और दिनभर 8 घंटे कड़ी मेहनत कर रहा है. संदीप स्टेट व नेशनल स्तर पर तीरंदाजी में अपना जौहर दिखा चुका है और कई मेडल भी अपने नाम किए हैं.
राज्य व नेशनल स्तर पर पैरा तीरंदाजी का जौहर दिखाने वाले दिव्यांग संदीप कुमार ने सांसद, विधायक और मंत्रियों के चक्कर काटने के बाद अब मुख्यमंत्री से खेल सामग्री के लिए गुहार लगाई है. मुख्यमंत्री को एक खत में संदीप ने लिखा है कि अत्यंत गरीब और दिव्यांग होने के बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर तीरंदाजी के लिए उसे मौका तो मिला, लेकिन दूसरों की खेल सामग्री से खेलना पड़ा था.
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तीरंदाजी कम्पाउंड के लिए 3.50 लाख रु की जरूरत
अभ्यास से वंचित संदीप का कहना है कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रतियोगिता के लिए अभ्यास की जरूरत होती है, लेकिन तीरंदाजी के लिए जो सामग्री इस्तेमाल की जाती है वह उसके न होने से अभ्यास से वंचित है. उसे तीरंदाजी कम्पाउंड खरीदने के लिए साढ़े तीन लाख रुपए की आवश्यकता है, लेकिन अब तक आश्वासन के सिवाय कुछ नहीं मिला है. संदीप का कहना है कि तीरंदाजी कम्पाउंड के लिए मुख्यमंत्री से भी गुहार लगाई थी, लेकिन निराशा हासिल हुई.
जुगाड़ बनाकर कर रहा है तैयारी, गोल्ड जीतने का है जुनून
दिव्यांग संदीप कुमार ने बताया कि घर की आर्थिक हालत सही नहीं होने के कारण जुगाड़ बनाकर तीरंदाजी की तैयारी कर रहा हूं. पैरा ओलंपिक में गोल्ड जीतने का जुनून है और किसी भी तरह मेडल जीतकर लाउंगा. लेकिन सरकार से सहायता नहीं मिल पा रही है. फिर भी अपने दम पर आगे बढ़ते हुए मेडल जीतने की तैयारी कर रहा हूं.
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कोच व खेल सामग्री नहीं, मुख्यालय को भेजा पत्र
जिला खेल अधिकारी सुरेश कुमार ने बताया कि दिव्यांग खिलाड़ी द्वारा उनके पास खेल सामग्री दिलाने व कोच को लेकर पत्र लिखा गया है. विभाग के पास यहां ना कोच है और ना ही खेल सामग्री. खिलाड़ी के पत्र को मुख्यालय को भेज दिया है. अब मुख्यालय द्वारा ही आगामी कार्रवाई की जाएगी.