चरखी दादरी: कहते हैं ढलती उम्र भी प्रतिभा को रोक नहीं सकती. इसी तरह के हौसले और जज्बे के साथ चरखी दादरी के गांव कमोद निवासी 73 वर्षीय बुजुर्ग धावक रामफल ने प्रतिभा का लोहा मनवाते हुए मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में एक साथ तीन मेडलों पर कब्जा किया है.
ओल्ड बॉय के नाम से विख्यात रामफल धावक अब तक 41 मेडलों की झड़ी लगा चुके हैं, जिनमें 26 गोल्ड मेडल शामिल हैं. अनेक राष्ट्रीय प्रतिभाओं में देश का नाम रोशन करने वाले इस ओल्ड बॉय का सपना अब विदेशी धरती पर देश के लिए सोना जीतकर लाना है, लेकिन 73 साल की उम्र में उनके हौसले पैसों की कमी के आगे पस्त होते दिखाई दे रहे हैं.
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पिछले दिनों पंचकूला में आयोजित मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में रामफल ने गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज मेडल जीते. इससे पहले वो मुम्बई में आयोजित एशियन हाफ मैराथन में भी गोल्ड पदक पर कब्जा कर चुके हैं. इसके अलावा पंजाब के बठिंडा और मोहाली में हुई मैराथन दौड़ में रामफल ने रिकॉर्ड बनाकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया है.
दिल्ली में आयोजित वर्ल्ड हाफ मैराथन दौड़ में बुजुर्ग धावक रामफल ने 17 देशों के 50 हजार धावकों की मौजूदगी में प्रथम स्थान प्राप्त कर गोल्ड मेडल जीता था. जिस पर पूर्व जनरल और पूर्व गर्वनर जेजे सिंह भावलपुर पंजाब ने रामफल को सम्मानित किया था. ओल्ड बॉय के नाम से प्रसिद्ध रामफल फोगाट अब तक राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर 41 मेडल जीत चुके हैं.
'विदेशी धरती पर खेलकर मेडल जीतना लक्ष्य'
बुजुर्ग धावक रामफल फोगाट ने बताया कि वो राष्ट्रीय स्तर पर अनेक मेडल जीत चुका है. अब उसका सपना फुल मैराथन दौड़ में गोल्ड जीतने के साथ-साथ विदेशी धरती पर देश के लिए मेडल जीतना लक्ष्य है, लेकिन उसके हौसले पैसों की कमी के कारण पस्त होते दिखाई दे रहे हैं. अगर सरकार कुछ मदद करे तो उनका सपना पूरा हो सकता है.
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