चरखी दादरी: राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी के खिलाफ पांच दिन से चल रहे धरने पर बैठे किसानों ने रविवार को किसान सेवा संघ का गठन किया है. बताया जा रहा है कि साथ ही निर्णय लिया गया है कि आंदोलन को गुजरात की तर्ज पर ले जाते हुए. किसान अपने पशुओं को साथ लेकर परिजनों संग लघु सचिवालय का घेराव करेंगे.
गौरतलब है कि दादरी के गांव रानगर में चल रहे 17 गांवों के किसानों ने धरने पर प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए का मुआवजा की मांग की गई है.
बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग 152डी गंगाहेड़ी से नारनौल तक बनने वाला है.
वहीं किसानों ने निर्णय लिया कि आंदोलन को गुजरात की तर्ज पर ले जाते हुए दो दिन बाद किसान अपने पशुओं को साथ लेकर परिजनों संग लघु सचिवालय का घेराव करेंगे. किसानों के अनुसार जो जनप्रतिनिधि उनके धरने को समर्थन देने नहीं पहुंचेंगे तो आने-वाले चुनावों में उनका बहिष्कार किया जाएगा.
धरने की अध्यक्षता करते हुए किसान संगठन के प्रधान अनुप खातीवास ने कहा कि वे अपनी मांगों को लेकर पिछले पांच दिन से अनिश्चितकालीन धरने पर डटे हुए हैं. किसानों ने दो करोड़ प्रति एकड़ मुआवजा की मांग करते हुए सरकार व प्रशासन पर आरोप लगाए कि अवार्ड घोषित करने से पूर्व पुराने कलेक्टर रेटों में कोई संसोधन नहीं किया.
जिसके कारण किसानों को मात्र 30 लाख रुपए प्रति एकड़ अनुसार मुआवजा मिलेगा. ऐसे में किसानों की जमीन जाने के बाद उनके समक्ष भूखा मरने की नौबत आ जाएगी. किसानों ने कलेक्टर रेटों में संसोधित करके नए रेटों अनुसार जमीन का मुआवला प्रति एकड़ दो करोड़ रुपए की मांग की.
वहीं समर्थन देने पहुंचे पूर्व विधायक रणबीर मंदोला, युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष अनिल धनखड़ व युवा नेता राहुल ने प्रदेश सरकार पर किसानों के साथ भेदभाव करके उनके हितों को मारने का आरोप लगाया.