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मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर किसानों ने अधिकारियों को दिए गुलाब - farmers

किसानों ने लघु सचिवालय पहुंचकर अधिकारियों को गुलाब के फूल थमाते हुए समाधान की मांग की. साथ ही कहा कि समाधान नहीं होने तक धरने जारी रहेंगे और आंदोलन को तेज करेंगे. किसानों ने एक बार फिर 14 अगस्त को रेल रोकने का अल्टीमेटम दियाहै.

अधिकारियों को गुलाब देते किसान
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Published : Aug 2, 2019, 5:20 AM IST

चरखी दादरी: नेशनल हाईवे ग्रीन कारिडोर 152 डी की अधिग्रहीत जमीन के मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर पांच महीने से धरनारत किसानों ने काली पट्टी बांधकर और काले झंडों के साथ शहर में जुलूस निकालते हुए रोष प्रदर्शन किया.

गौरतलब है कि नारनौल से गंगेहड़ी तक करीब 230 किलोमीटर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर आधा दर्जन क्षेत्रों में किसानों के धरने चल रहे हैं. दादरी जिले के 17 गांवों गांव मोड़ी व ढाणी फौगाट में दो स्थानों पर अनिश्चितकालीन धरना कर रहे हैं.

इन किसानों ने अपनी मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर व काले झंडों के साथ शांति जुलूस निकाला. बाद में किसानों ने लघु सचिवालय पहुंकर सरकार व अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने अधिकारियों को गुलाब के फूल देते हुए उनकी मांगों का समाधान करवाने की मांग की. साथ ही सीएम व राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

अधिकारियों को गुलाब देते किसान

किसान नेताओं ने कहा कि पिछले दिनों जुलाना महापंचायत में 14 अगस्त का रेल रोकने का निर्णय लिया जा चुका है. इस दौरान किसान अपनी मांगों को लेकर रोजाना प्रशासनिक अधिकारियों के द्वार तक पहुंचेंगे और फूल देकर उनकी मांगों को याद दिलाएंगे. उन्होंने कहा कि किसान 5 महीने से सड़कों पर बैठे हैं, लेकिन सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है.

चरखी दादरी: नेशनल हाईवे ग्रीन कारिडोर 152 डी की अधिग्रहीत जमीन के मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर पांच महीने से धरनारत किसानों ने काली पट्टी बांधकर और काले झंडों के साथ शहर में जुलूस निकालते हुए रोष प्रदर्शन किया.

गौरतलब है कि नारनौल से गंगेहड़ी तक करीब 230 किलोमीटर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर आधा दर्जन क्षेत्रों में किसानों के धरने चल रहे हैं. दादरी जिले के 17 गांवों गांव मोड़ी व ढाणी फौगाट में दो स्थानों पर अनिश्चितकालीन धरना कर रहे हैं.

इन किसानों ने अपनी मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर व काले झंडों के साथ शांति जुलूस निकाला. बाद में किसानों ने लघु सचिवालय पहुंकर सरकार व अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया. इस दौरान किसानों ने अधिकारियों को गुलाब के फूल देते हुए उनकी मांगों का समाधान करवाने की मांग की. साथ ही सीएम व राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

अधिकारियों को गुलाब देते किसान

किसान नेताओं ने कहा कि पिछले दिनों जुलाना महापंचायत में 14 अगस्त का रेल रोकने का निर्णय लिया जा चुका है. इस दौरान किसान अपनी मांगों को लेकर रोजाना प्रशासनिक अधिकारियों के द्वार तक पहुंचेंगे और फूल देकर उनकी मांगों को याद दिलाएंगे. उन्होंने कहा कि किसान 5 महीने से सड़कों पर बैठे हैं, लेकिन सरकार किसानों की सुनवाई नहीं कर रही है.

Intro:ग्रीन कारिडोर की अधिग्रहीत जमीन का मामला:-
किसानों ने काली पट्टी बांधकर अधिकारियों को दिए गुलाब, समाधान की मांग
: सडक़ों पर उतरे किसानों ने काली पट्टी व काले झंडों से रोष जताया
: सीएम व राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, आंदोलन जारी रखने का किया ऐलान
चरखी दादरी : नेशनल हाईवे ग्रीन कारिडोर 152 डी की अधिग्रहीत जमीन के मुआवजा वृद्धि की मांग को लेकर पांच माह से धरनारत किसानों ने काली पट्टी बांधकर व काले झंडों के साथ शहर में जुलूस निकालते हुए रोष प्रदर्शन किया। किसानों ने लघु सचिवालय पहुंचकर अधिकारियों को गुलाब के फूल थमाते हुए समाधान की मांग की। साथ ही कहा कि समाधान नहीं होने तक धरने जारी रहेंगे और आंदोलन को तेज करेंगे। किसानों द्वारा 14 अगस्त को रेल रोकने का अल्टीमेटम दिया गया है। Body:नारनौल से गंगेहड़ी तक करीब 230 किलोमीटर की अधिग्रहीत जमीन का मुआवजा बढ़ाने की मांग को लेकर आधा दर्जन क्षेत्रों में किसानों के धरने चल रहे हैं। दादरी जिले के 17 गांवों द्वारा गांव मोड़ी व ढाणी फौगाट में दो स्थानों पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जा रहा है। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर काली पट्टी बांधकर व काले झंडों के साथ शांति जुलूस निकाला। बाद में किसानों ने लघु सचिवालय पहुंंचकर सरकार व अधिकारियों के खिलाफ रोष प्रदर्शन किया। इस दौरान किसानों ने अधिकारियों को गुलाब के फूल देते हुए उनकी मांगों का समाधान करवाने की मांग की। साथ ही सीएम व राज्यपाल के नाम ज्ञापन भी सौंपा। किसान नेता विनोद मोड़ी व अनूप खातीवास ने कहा कि पिछले दिनों जुलाना महापंचायत में 14 अगस्त का रेल रोकने का निर्णय लिया जा चुका है। इस दौरान किसान अपनी मांगों को लेकर रोजाना प्रशासनिक अधिकारियों के द्वार तक पहुंचेंगे और फूल देकर उनकी मांगों को याद दिलाएंगे। उन्होंने कहा कि किसान 6 माह से सडक़ों पर बैठे हैं, लेकिन सरकार द्वारा किसानों की सुनवाई नहीं की जा रही है। अब वे आंदोलन को आगे बढ़ाते हुए बड़े स्तर पर आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।
विजवल:- 1
बाइकों व वाहनों में बैठकर पहुंचते किसान, एकजुट होते, रोष प्रदर्शन करते, काली पट्टी बांधकर व काले झंडों के साथ जुलूस निकालते व अधिकारियों को फूल देते हुए कट शाटस
बाईट:- 2
विनोद मोड़ी, किसान नेताConclusion:
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