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चरखी दादरी: स्टोन क्रैशर जोन शुरू करवाने के लिए क्रैशर संचालक एकजुट, दी बड़े आंदोलन की चेतावनी

स्टोन क्रैशर जोन में कार्य करने वाले कारीगरों, मजदूरों सहित इन पर निर्भर हैवी व्हीकल चालक परिचालक व इनके आसपास अपना छोटा रोजगार संचालित करने वाले करीब एक लाख नागरिक क्रैशर जोन बंद होने से बुरी तरह से प्रभावित है. पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़े स्टोन क्रैशर को शुरू करवाने के लिए क्रैशर संचालक लामबद्ध हो गए हैं.

crusher zone in charkhi dadri
चरखी दादरी में स्टोन क्रशर जोन शुरू करवाने के लिए क्रशर संचालक एकजुट
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Published : Dec 14, 2019, 2:09 PM IST

चरखी दादरी: पूरे दादरी जिले में स्टोन क्रशर जोन बंद होने के चलते लोगों के रोजगार पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है. इनमें कार्य करने वाले कारीगरों, मजदूरों सहित इन पर निर्भर हैवी व्हीकल चालक परिचालक व इनके आसपास अपना छोटा रोजगार संचालित करने वाले करीब एक लाख नागरिक क्रशर जोन बंद होने से बुरी तरह से प्रभावित हैं. पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़े स्टोन क्रैशर को शुरू करवाने के लिए क्रैशर संचालक लामबंद हो गए हैं.

हजारों परिवारों पर रोजगार का संकट
संचालकों ने कोर्ट का हवाला देते हुए प्रशासन से क्रैशर जोन चालू करने की मांग की है. साथ ही अल्टीमेटम दिया कि अगर शीघ्र क्रैशर जोन को शुरू नहीं किया गया तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे.

स्टोन क्रैशर जोन शुरू करवाने के लिए क्रैशर संचालक एकजुट

क्रैशर एसोसिएशन के प्रधान सोमबीर घसौला ने एसोसिएशन पदाधिकारियों के साथ प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि क्रैशर जोन बंद होने के चलते हजारों परिवारों के सामने अब भूखे मरने की नौबत आ चुकी है. इसके अलावा सरकार को भी इस निर्णय के चलते भारी राजस्व घाटा उठाना पड़ रहा है.

'नहीं मानी मांगें तो आंदोलन को मजबूर'
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गत 9 दिसंबर को दिन निर्माण कार्यों की पांबदी को हटाने के लिए आदेश पारित कर दिए गए हैं और ये स्टोन क्रशर जोन इसी निर्णय के तहत आते हैं. लेकिन इन इकाइयों में आज तक कार्य आरंभ नहीं हो पाया है. हालांकि वे इस मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से मिल चुके हैं, बावजूद इसके समाधान नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो वे मामले को लेकर जन प्रतिनिधियों से मिलेंगे और कार्रवाई न होने पर मजबूरन आंदोलन का मार्ग अपनाएंगे.

ये भी पढ़ेंः गोहाना के तीन गांव में धारा 144 लागू, जानिए क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना!
क्रैशर संचालकों ने बताया कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण बीते 25 अक्टूबर को ये आदेश पारित किए गए थे. उसके बाद 3 नवंबर को पूरे प्रदेश में क्रेशर जोन इन्हीं आदेशों की पालना के लिए प्रशासन व सरकार द्वारा बंद करवा दिए थे, जिसके तहत दादरी जिले की 150 इकाईयों में भी कार्य पूरी तरह से बंद है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के दोबारा निर्माण कार्यों को आरंभ किए आदेशों के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी कोई संज्ञान नहीं ले रहे.

चरखी दादरी: पूरे दादरी जिले में स्टोन क्रशर जोन बंद होने के चलते लोगों के रोजगार पर सबसे ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है. इनमें कार्य करने वाले कारीगरों, मजदूरों सहित इन पर निर्भर हैवी व्हीकल चालक परिचालक व इनके आसपास अपना छोटा रोजगार संचालित करने वाले करीब एक लाख नागरिक क्रशर जोन बंद होने से बुरी तरह से प्रभावित हैं. पिछले डेढ़ महीने से बंद पड़े स्टोन क्रैशर को शुरू करवाने के लिए क्रैशर संचालक लामबंद हो गए हैं.

हजारों परिवारों पर रोजगार का संकट
संचालकों ने कोर्ट का हवाला देते हुए प्रशासन से क्रैशर जोन चालू करने की मांग की है. साथ ही अल्टीमेटम दिया कि अगर शीघ्र क्रैशर जोन को शुरू नहीं किया गया तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे.

स्टोन क्रैशर जोन शुरू करवाने के लिए क्रैशर संचालक एकजुट

क्रैशर एसोसिएशन के प्रधान सोमबीर घसौला ने एसोसिएशन पदाधिकारियों के साथ प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि क्रैशर जोन बंद होने के चलते हजारों परिवारों के सामने अब भूखे मरने की नौबत आ चुकी है. इसके अलावा सरकार को भी इस निर्णय के चलते भारी राजस्व घाटा उठाना पड़ रहा है.

'नहीं मानी मांगें तो आंदोलन को मजबूर'
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गत 9 दिसंबर को दिन निर्माण कार्यों की पांबदी को हटाने के लिए आदेश पारित कर दिए गए हैं और ये स्टोन क्रशर जोन इसी निर्णय के तहत आते हैं. लेकिन इन इकाइयों में आज तक कार्य आरंभ नहीं हो पाया है. हालांकि वे इस मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से मिल चुके हैं, बावजूद इसके समाधान नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा ही रहा तो वे मामले को लेकर जन प्रतिनिधियों से मिलेंगे और कार्रवाई न होने पर मजबूरन आंदोलन का मार्ग अपनाएंगे.

ये भी पढ़ेंः गोहाना के तीन गांव में धारा 144 लागू, जानिए क्या है पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवहेलना!
क्रैशर संचालकों ने बताया कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण बीते 25 अक्टूबर को ये आदेश पारित किए गए थे. उसके बाद 3 नवंबर को पूरे प्रदेश में क्रेशर जोन इन्हीं आदेशों की पालना के लिए प्रशासन व सरकार द्वारा बंद करवा दिए थे, जिसके तहत दादरी जिले की 150 इकाईयों में भी कार्य पूरी तरह से बंद है. लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट के दोबारा निर्माण कार्यों को आरंभ किए आदेशों के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी कोई संज्ञान नहीं ले रहे.

Intro:स्टोन क्रशर जोन शुरू करवाने को लेकर क्रशर संचालक लामबद्ध
: कोर्ट के आदेश पर भी नहीं हटी पाबंदी, शुरू नहीं हुए तो करेंगे आंदोलन
चरखी दादरी : पूरे दादरी जिले में स्टोन क्रशर जोन बंद होने के चलते इनमें कार्य करने वाले कारीगरों, मजदूरों सहित इन पर निर्भर हैवी व्हीकल चालक परिचालक व इनके आसपास अपना छोटा रोजगार संचालित करने वाले करीब एक लाख नागरिक बुरी तरह से प्रभावित हो रहे है। पिछले डेढ माह बंद पड़े स्टोन क्रशर को शुरू करवाने के लिए क्रशर संचालक लामबद्ध हो गए हैं। संचालकों ने कोर्ट का हवाला देते हुए प्रशासन से क्रशर जोन चालू करने की मांग की है। साथ ही अल्टीमेटम दिया कि अगर शीघ्र क्रशर जोन को शुरू नहीं किया गया तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे।Body:क्रशर एसोसिएशन के प्रधान सोमबीर घसौला ने एसोसिएशन पदाधिकारियों के साथ प्रेस वार्ता की। इस दौरान उन्होंने कहा कि क्रशर जोन बंद होने के चलते हजारों परिवारों के सामने अब भूखे मरने की नौबत आ चुकी है। इसके अलावा सरकार को भी इस निर्णय के चलते भारी राजस्व घाटा उठाना पड रहा है। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गत 9 दिसंबर को दिन निर्माण कार्यों की पांबदी को हटाने के लिए आदेश पारित कर दिए गए हंै और ये स्टोन क्रशर जोन इसी निर्णय के तहत आते हैं। लेकिन इन इकाइयों में आज तक कार्य आरंभ नही हो पाया है। हालांकि वे इस मामले को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से मिल चुके हैं, बावजूद इसके समाधान नहीं हुआ। अगर ऐसा ही रहा तो वे मामले को लेकर जन प्रतिनिधियों से मिलेंगे व कार्रवाई न होने पर मजबूरन आंदोलन का मार्ग अपनाना पड़ेगा। क्रशर संचालकों ने बताया कि दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण बीते 25 अक्टूबर को यह आदेश पारित किए गए थे। उसके बाद 3 नवंबर को पूरे प्रदेश में क्रेशर जोन इन्हीं आदेशों की पालना के लिए प्रशासन व सरकार द्वारा बंद करवा दिए थे, जिसके तहत दादरी जिले की 150 इकाईयों में भी कार्य पूरी तरह से बंद है। लेकिन अब उच्चतम न्यायालय के दोबारा निर्माण कार्यों को आरंभ किए आदेशों के बावजूद प्रशासनिक अधिकारी कोई संज्ञान नहीं ले रहे।
विजवल:- 1
क्रशर एसोसिएशन की प्रेस वार्ता के कट शाटस
बाईट:- 2
सोमबीर घसौला, प्रधान क्रशर एसोसिएशनConclusion:
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