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World Thyroid Day 2023: थायराइड में बरतें ये सावधानी, वरना दवा खानी पड़ सकती है उम्र भर, जानें कारण और लक्षण

हर साल 25 मई को विश्व थायराइड दिवस मनाया जाता है ताकि लोगों को बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके. चिंता की बात यह है कि मॉडर्न लाइफस्टाइल के कारण देश और दुनिया में थायराइड के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. आखिर थायराइड क्या है, इसके क्या कारण हैं और इलाज कैसे संभव है जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर... (World Thyroid Day 2023)

World Thyroid Day 2023
विश्व थायराइड दिवस
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Published : May 24, 2023, 6:41 PM IST

थायराइड में बरतें विशेष सावधानी.

चंडीगढ़: 25 मई को वर्ल्ड थायराइड डे मनाया जाता है. आधुनिक समय की जीवन शैली के चलते थायराइड के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में डॉक्टर द्वारा हर मरीज को थायराइड चेक करवाने के लिए कहा जाता है इसके अलावा कुछ रोग ऐसे होते हैं जो हमारे शरीर की ग्रंथियों से जुड़े होते हैं. इन्हीं में से एक है थायराइड रोग, जिसका इलाज उम्र भर तक चल सकता है.

थायराइड क्या है?: थायराइड ग्रंथि से जुड़ा होता है. इसी से जुड़े रोग को थायराइड रोग कहा जाता है. थायराइड गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है. ये सांस और खाने की नली के ऊपर होती है. यह मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक होती है. इसी थायराइड ग्रंथि में गड़बड़ी आने से ही थायराइड से संबंधित रोग होते हैं. थायराइड ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन बनाती है. ये हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और बॉडी में सेल्स को नियंत्रित करने का काम करता है. ऐसे में पीजीआई में हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. पिनाकी दत्ता से विशेष बातचीत की गई.

थायराइड हार्मोन के कार्य: थायरोक्सिन हार्मोन वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित रखता है. यह खून में चीनी, कोलेस्ट्रॉल और फोस्फोलिपिड की मात्रा को कम करता है. इसके साथ यह हड्डियों, पेशियों, लैंगिक और मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करता है. हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है. महिलाओं में थायराइड हार्मोन की मात्रा पुरुषों के मुकाबले अधिक होती है. वहीं, 30 से 45 साल की महिलाओं में यह आम देखा जाता है.

थायराइड के प्रकार: थायराइड ग्रंथि से जुड़े विकार तीन प्रकार के होते हैं. जब थायराइड ग्रंथि की अतिसक्रियता हो जाती है तो T3 और T4 हार्मोन का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है. जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है तो फलस्वरूप शरीर भी ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता है. इसे ही हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है. यह समस्या पुरुषों की तुलना महिलाओं में यह अधिक देखी जाती है.

World Thyroid Day 2023
थायराइड के कारण.

थायराइड से बचने के उपाय: रोजाना योग करना, वर्कआउट या शारीरिक श्रम, सेब का सेवन, रात में हल्दी का दूध पीना, धूप में बैठना, नारियल तेल से बना खाना खाना, पर्याप्त मात्रा में नींद लेना, ज्यादा फलों एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करें, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन, पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें, थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए? धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन नहीं करना, चीनी, चावल, ऑयली फूड का सेवन नहीं करें मसालेदार खाने से बचें मैदे से बनी चीजें नहीं खाए चाय और कॉफी का सेवन नहीं करें.

World Thyroid Day 2023
थायराइड में क्या करें और क्या न करें.

थायराइड का इलाज: थायराइड से संबंधित बीमारी मुख्य रूप से अस्वस्थ खानपान और तनावपूर्ण जीवन से होती है. ऐसे में सबसे पहले अपने खान-पान का ध्यान रखें और तनाव लेने से बचें. थायराइड इलाज के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर कुछ मेडिकल जांच के बाद इस बीमारी से लड़ने के लिए दवाइयां लिखेगा. जिससे आप कुछ ही दिनों में अच्छा महसूस करेंगे. डॉक्टर आपको हर साल थायराइड की जांच करवाने के लिए भी बोल सकता है.

World Thyroid Day 2023
थायराइड के लक्षण.

चंडीगढ़ में 2011 में 1000 में एक बच्चे में थायराइड की शिकायत: ऐसे में थायराइड रोगों के वरिष्ठ प्रोफेसर और विशेषज्ञ डॉ. पिनाकी दत्ता बताया कि 2011 में हमने चंडीगढ़ के सभी बच्चों पर थायराइड का सर्वे किया था, जिसमें 1000 बच्चे में से 1 बच्चे में थायराइड की समस्या समस्या पाई गई. जिनमें हाइपो थायराइड देखा गया इसके साथ ही उनके गले में स्वेलिंग की समस्या भी रही.

उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान 6 से 18 साल की उम्र के थायराइड की समस्या देखी गई जिसमें से 15% बच्चों में गले में स्पेलिंग थी. वहीं 10% बच्चों में हाइपो थायराइड कम काम कर रहा था. इसके अलावा मौजूदा सर्वे के दौरान 30 से 45 वर्ष की महिलाओं में थायराइड की समस्या अधिक देखी जा रही है जिनमें से 11% महिलाओं में थायराइड कम काम कर रहा है वहीं 9% महिलाओं में थायराइड ज्यादा काम कर रहा है वही हाल ही में पीछे द्वारा 1478 पुरुषों में थायराइड का सर्वे किया गया जिसमें से 20% पुरुषों हाइपो थायराइड पाया गया.

'थायराइड का इलाज जल्द से जल्द कराना जरूरी': वहीं, डॉ. दत्ता ने बताया कि थायराइड की बीमारी का पता चलने पर उसका इलाज शुरू से करवाना जरूरी है. पहले का समय था जब गर्भवती महिलाओं का थायराइड चेक नहीं किया जाता था. लेकिन, मौजूदा समय में गर्भवती महिलाओं का थायराइड पहले चेक किया जाता है. वहीं, मौजूदा समय में लोगों को जानकारी बढ़ गई है. पहले का समय था जब थायराइड का टेस्ट नहीं किया जाता था लेकिन आज के समय में हर कोई थायराइड का टेस्ट निजी लैब में जाकर करवा लेता है. पीजीआई में आने वाले गर्भवती महिलाओं में चार से 5% महिलाओं की थायराइड की दवा पहले से चल रही होती है. पहले का समय था जब आयोडीन से संबंधित नमक नहीं खाया जाता. आज के समय में लोग आयोडीन का नमक खाते हैं.

डॉक्टर दत्ता ने बताया कि वही पहाड़ी इलाके में आज भी आयोडीन वाला नमक नहीं खाया जाता जिसके कारण वहां के लोगों गले में एक गिल्टी बन जाती है जो थायराइड की मुख्य वजह होती है. इसके अलावा शरीर में सूजन और बेहोश होना थायराइड की कमी के चलते होता है. थायराइड एक क्रॉनिकल डिजीज है जो उम्र भर तक चल सकती है जिसकी दवा भी उम्र भर खानी पड़ सकती है ऐसे में सिर्फ डेड रुपए की दवा रोज लेते हुए थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है.

ये भी पढ़ें: जानिए क्या है हीमोफीलिया, जिससे ग्रसित हैं देश के 20 फीसदी लोग

थायराइड में बरतें विशेष सावधानी.

चंडीगढ़: 25 मई को वर्ल्ड थायराइड डे मनाया जाता है. आधुनिक समय की जीवन शैली के चलते थायराइड के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. ऐसे में डॉक्टर द्वारा हर मरीज को थायराइड चेक करवाने के लिए कहा जाता है इसके अलावा कुछ रोग ऐसे होते हैं जो हमारे शरीर की ग्रंथियों से जुड़े होते हैं. इन्हीं में से एक है थायराइड रोग, जिसका इलाज उम्र भर तक चल सकता है.

थायराइड क्या है?: थायराइड ग्रंथि से जुड़ा होता है. इसी से जुड़े रोग को थायराइड रोग कहा जाता है. थायराइड गले में पाई जाने वाली तितली के आकार की एक ग्रंथि होती है. ये सांस और खाने की नली के ऊपर होती है. यह मानव शरीर में पाई जाने वाली सबसे बड़ी अतस्रावी ग्रंथियों में से एक होती है. इसी थायराइड ग्रंथि में गड़बड़ी आने से ही थायराइड से संबंधित रोग होते हैं. थायराइड ग्लैंड थ्योरिकसिन नाम का हार्मोन बनाती है. ये हार्मोन हमारे शरीर के मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और बॉडी में सेल्स को नियंत्रित करने का काम करता है. ऐसे में पीजीआई में हेड ऑफ डिपार्टमेंट डॉ. पिनाकी दत्ता से विशेष बातचीत की गई.

थायराइड हार्मोन के कार्य: थायरोक्सिन हार्मोन वसा, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट के चयापचय को नियंत्रित रखता है. यह खून में चीनी, कोलेस्ट्रॉल और फोस्फोलिपिड की मात्रा को कम करता है. इसके साथ यह हड्डियों, पेशियों, लैंगिक और मानसिक वृद्धि को नियंत्रित करता है. हृदय गति और रक्तचाप को नियंत्रित रखता है. महिलाओं में थायराइड हार्मोन की मात्रा पुरुषों के मुकाबले अधिक होती है. वहीं, 30 से 45 साल की महिलाओं में यह आम देखा जाता है.

थायराइड के प्रकार: थायराइड ग्रंथि से जुड़े विकार तीन प्रकार के होते हैं. जब थायराइड ग्रंथि की अतिसक्रियता हो जाती है तो T3 और T4 हार्मोन का आवश्यकता से अधिक उत्पादन होने लगता है. जब इन हार्मोन्स का उत्पादन अधिक मात्रा में होने लगता है तो फलस्वरूप शरीर भी ऊर्जा का उपयोग अधिक मात्रा में करने लगता है. इसे ही हाइपरथायरायडिज्म कहा जाता है. यह समस्या पुरुषों की तुलना महिलाओं में यह अधिक देखी जाती है.

World Thyroid Day 2023
थायराइड के कारण.

थायराइड से बचने के उपाय: रोजाना योग करना, वर्कआउट या शारीरिक श्रम, सेब का सेवन, रात में हल्दी का दूध पीना, धूप में बैठना, नारियल तेल से बना खाना खाना, पर्याप्त मात्रा में नींद लेना, ज्यादा फलों एवं सब्जियों को भोजन में शामिल करें, हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन, पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करें, थायराइड में क्या नहीं खाना चाहिए? धूम्रपान, अल्कोहल का सेवन नहीं करना, चीनी, चावल, ऑयली फूड का सेवन नहीं करें मसालेदार खाने से बचें मैदे से बनी चीजें नहीं खाए चाय और कॉफी का सेवन नहीं करें.

World Thyroid Day 2023
थायराइड में क्या करें और क्या न करें.

थायराइड का इलाज: थायराइड से संबंधित बीमारी मुख्य रूप से अस्वस्थ खानपान और तनावपूर्ण जीवन से होती है. ऐसे में सबसे पहले अपने खान-पान का ध्यान रखें और तनाव लेने से बचें. थायराइड इलाज के लिए आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. डॉक्टर कुछ मेडिकल जांच के बाद इस बीमारी से लड़ने के लिए दवाइयां लिखेगा. जिससे आप कुछ ही दिनों में अच्छा महसूस करेंगे. डॉक्टर आपको हर साल थायराइड की जांच करवाने के लिए भी बोल सकता है.

World Thyroid Day 2023
थायराइड के लक्षण.

चंडीगढ़ में 2011 में 1000 में एक बच्चे में थायराइड की शिकायत: ऐसे में थायराइड रोगों के वरिष्ठ प्रोफेसर और विशेषज्ञ डॉ. पिनाकी दत्ता बताया कि 2011 में हमने चंडीगढ़ के सभी बच्चों पर थायराइड का सर्वे किया था, जिसमें 1000 बच्चे में से 1 बच्चे में थायराइड की समस्या समस्या पाई गई. जिनमें हाइपो थायराइड देखा गया इसके साथ ही उनके गले में स्वेलिंग की समस्या भी रही.

उन्होंने बताया कि सर्वे के दौरान 6 से 18 साल की उम्र के थायराइड की समस्या देखी गई जिसमें से 15% बच्चों में गले में स्पेलिंग थी. वहीं 10% बच्चों में हाइपो थायराइड कम काम कर रहा था. इसके अलावा मौजूदा सर्वे के दौरान 30 से 45 वर्ष की महिलाओं में थायराइड की समस्या अधिक देखी जा रही है जिनमें से 11% महिलाओं में थायराइड कम काम कर रहा है वहीं 9% महिलाओं में थायराइड ज्यादा काम कर रहा है वही हाल ही में पीछे द्वारा 1478 पुरुषों में थायराइड का सर्वे किया गया जिसमें से 20% पुरुषों हाइपो थायराइड पाया गया.

'थायराइड का इलाज जल्द से जल्द कराना जरूरी': वहीं, डॉ. दत्ता ने बताया कि थायराइड की बीमारी का पता चलने पर उसका इलाज शुरू से करवाना जरूरी है. पहले का समय था जब गर्भवती महिलाओं का थायराइड चेक नहीं किया जाता था. लेकिन, मौजूदा समय में गर्भवती महिलाओं का थायराइड पहले चेक किया जाता है. वहीं, मौजूदा समय में लोगों को जानकारी बढ़ गई है. पहले का समय था जब थायराइड का टेस्ट नहीं किया जाता था लेकिन आज के समय में हर कोई थायराइड का टेस्ट निजी लैब में जाकर करवा लेता है. पीजीआई में आने वाले गर्भवती महिलाओं में चार से 5% महिलाओं की थायराइड की दवा पहले से चल रही होती है. पहले का समय था जब आयोडीन से संबंधित नमक नहीं खाया जाता. आज के समय में लोग आयोडीन का नमक खाते हैं.

डॉक्टर दत्ता ने बताया कि वही पहाड़ी इलाके में आज भी आयोडीन वाला नमक नहीं खाया जाता जिसके कारण वहां के लोगों गले में एक गिल्टी बन जाती है जो थायराइड की मुख्य वजह होती है. इसके अलावा शरीर में सूजन और बेहोश होना थायराइड की कमी के चलते होता है. थायराइड एक क्रॉनिकल डिजीज है जो उम्र भर तक चल सकती है जिसकी दवा भी उम्र भर खानी पड़ सकती है ऐसे में सिर्फ डेड रुपए की दवा रोज लेते हुए थायराइड को कंट्रोल किया जा सकता है.

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