चंडीगढ़: हर साल सात अप्रैल को वर्ल्ड हेल्थ डे मनाया जाता है. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के मुताबिक इस दिन का महत्व आम लोगों के स्वास्थ्य को गंभीर बीमारियों से निजात दिलाना और उन्हें मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना है. इसके बाद से यह हर साल इसी दिन मनाया जाता है. इस बार डब्ल्यूएचओ उन सार्वजनिक स्वास्थ्य सफलताओं को भी देखेगा, जिन्होंने पिछले सात दशकों के दौरान जीवन की गुणवत्ता में सुधार किया है.
इस बार की थीम के मुताबिक दुनिया के किसी भी कोने में पनप रही गंभीर बीमारी का इलाज करना है. इस बार वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की ओर से आम लोगों में स्वास्थ्य में हो रही लगातार बढ़ोतरी को लेकर जागरूकता बढ़ाने की कोशिश की जा रही है. लोगों को इस क्षेत्र हो रहे खोज कार्य को सांझा करते हुए उनके जीवन को सरल बनाया जा रहा है. वहीं डब्ल्यूएचओ द्वारा विश्व के हर एक देश के अंदर होने वाली स्वास्थ्य समस्या को देखते हुए डाटा शेयर किया है.
इस डाटा को भारत के साथ भी सांझा किया गया है. भारत में मोटापा और एनीमिया जैसी समस्या अन्य बीमारियों के मुकाबले अधिक तेजी से फैल रही है. वहीं एक रिपोर्ट के मुताबिक महिलाएं एनीमिया की समस्या अधिक पीड़ित है. चंडीगढ़ जैसे शहर में भी महिलाओं और बच्चों में एनीमिया की अधिक समस्या देखी जा रही है. इसके साथ ही महिलाओं के साथ पुरुषों में भी ओबेसिटी यानी मोटापे की समस्या देखी जा रही है.
30 फीसदी आबादी स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित: वहीं डब्ल्यूएचओ के द्वारा कराए गए सर्वे में विश्व में 30 फीसदी आबादी आज तक जरूरी स्वास्थ्य सेवाओं तक वंचित है. इस मौके पीजीआई पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रविंद्र खेवाल ने बताया कि वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की तरफ से 75 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है. डब्ल्यूएचओ की शुरुआत 1948 में हुई थी. उस समय 61 देशों ने मिलकर इसकी स्थापना की थी. वहीं मौजूदा समय में विश्व के सभी देश इस में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.
सरकारी योजनाओं का मिल रहा लाभ: वहीं भारत सरकार द्वारा लोगों को स्थानीय स्तर पर गंभीर बीमारियों को लेकर मुफ्त सेहत सेवाएं दी जा रही हैं. सरकार द्वारा चलाई जा रही कई योजनाओं के द्वारा घर घर तक स्वास्थ्य सेवाएं दी जा रही हैं. डॉ. रविंद्र खेवाल ने बताया कि भारत में कुछ ऐसी बीमारियां हैं, जिन्हें जड़ से खत्म करने के प्रयास किए जा रहे हैं. भारत में टीबी की समस्या जमीनी स्तर पर पाई गई है, लेकिन स्वास्थ्य क्षेत्र में की जा रही लगातार कोशिशों के चलते टीबी पर काबू पाया जा रहा है. 2025 तक हम टीबी मुक्त देश कहलायेंगे.
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इस बार वर्ल्ड हेल्थ डे की थीम 'हेल्थ फॉर ऑल' नाम से रखी गई है. ऐसे में आम लोगों तक बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं पहुंचाने के लिए नए-नए अस्पताल और मेडिकल कॉलेज खोले गए हैं. इसके साथ ही भारत में प्रदूषण को देखते हुए स्वच्छ हवा मुहिम चलाई गई है जो कई बीमारियों की वजह बनती हैं. ऐसे में नेशनल क्लीन एयर योजना का आरंभ किया गया है. इन योजनाओं को उन शहरों में लागू किया जा रहा है, जहां अधिकतर प्रदूषण से संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके साथ ही स्कूलों में मिड-डे-मील योजना के तहत हर उम्र के बच्चे के लिए पोषण भरा खाना दिया जा रहा है. इसके साथ ही प्राथमिक सेहत संस्थानों में योग से संबंधित सुझाव भी दिए जा रहे हैं.