चंडीगढ: कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर-दुष्यंत चौटाला सरकार प्रदेश के इतिहास की सबसे किसान विरोधी सरकार साबित हुई है. गेहूं व सरसों खरीद में किसान-आढ़ती-मजदूर की आए दिन हो रही दुर्गति और बदइंतजामी भाजपा-जजपा सरकार के निक्कमेपन का जीता जागता सबूत है.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ऑनलाइन पत्रकरवार्ता कर प्रदेश की गठबंधन सरकार पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि कल रात से पूरे उत्तरी हरियाणा व अधिकांश हरियाणा में हो रही बारिश ने धरतीपुत्र किसान का पीला सोना यानि गेहूं पानी में बहा दिया और खट्टर सरकार के दावों की सारी पोल खोल दी.
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खट्टर जी,
— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 26, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
मौसम का कहर एक बार फिर किसान के सोने पर बरसा।
गेहूँ की फसल बारिश में बह रही है पर किसान-आढ़ती की खबर लेने वाला कोई नही।
पोर्टल में लगातार गड़बड़ी,डायरेक्ट पेमेंट का मुद्दा और अब तरपाल भी नही।
ये हाल तो CM की करनाल मंडी का है ⬇️
क्यों बेखबर है भाजपा-जजपा सरकार? pic.twitter.com/RGLy0IH2YZ
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— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) April 26, 2020
मौसम का कहर एक बार फिर किसान के सोने पर बरसा।
गेहूँ की फसल बारिश में बह रही है पर किसान-आढ़ती की खबर लेने वाला कोई नही।
पोर्टल में लगातार गड़बड़ी,डायरेक्ट पेमेंट का मुद्दा और अब तरपाल भी नही।
ये हाल तो CM की करनाल मंडी का है ⬇️
क्यों बेखबर है भाजपा-जजपा सरकार? pic.twitter.com/RGLy0IH2YZखट्टर जी,
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मौसम का कहर एक बार फिर किसान के सोने पर बरसा।
गेहूँ की फसल बारिश में बह रही है पर किसान-आढ़ती की खबर लेने वाला कोई नही।
पोर्टल में लगातार गड़बड़ी,डायरेक्ट पेमेंट का मुद्दा और अब तरपाल भी नही।
ये हाल तो CM की करनाल मंडी का है ⬇️
क्यों बेखबर है भाजपा-जजपा सरकार? pic.twitter.com/RGLy0IH2YZ
उन्होने कहा कि भारी बारिश से लाखों क्विंटल गेहूं न केवल गीली हो गई, बल्कि सरकार की गैरइंतजामी के चलते किसान-आढ़ती बर्बादी की कगार पर आ खड़ा हुआ है. सुरजेवाला ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के जिले करनाल में बदहाली का आलम है और सभी मंडियों व पर्चेज़ सेंटर्स में किसान व आढ़ती की दुर्दशा सुनने वाला कोई नहीं है.
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ने प्रदेश सरकार से पूछे 5 सवाल
- लाखों क्विंटल गेहूं, जो बेमौसमी बारिश से भीग गई है, उसकी फौरन खरीद की जिम्मेदारी खट्टर-दुष्यंत चौटाला सरकार ले और 12 प्रतिशत नमी की शर्त में छूट देकर 18 प्रतिशत की जाए.
- बेमौसमी बारिश में कुछ अनाज मंडियों में भीगी गेहूं का विवरण इस प्रकार से है, कैथल मंडी- 4 लाख बोरियां, कलायत मंडी - 2 लाख बोरियां पुंडरी मंडी - 1.5 लाख बोरियां, पाई मंडी - 50,000 बोरियां, चीका - 4 लाख बोरियां, करनाल - 5 लाख बोरियां, यमुनानगर जिल - 6 लाख बोरियां, रोहतक - 1 लाख बोरियां. इनकी खरीद की जिम्मेदारी सरकार लेगी या नहीं.
- लगभग चार दिनों से मौसम विभाग ने हरियाणा में बारिश होने का पूर्वानुमान बता रखा है, इसके बावजूद भी मंडियों व खरीद केंद्रों में तिरपाल का कोई इंतजाम नहीं किया गया और ना ही पानी निकासी का. इस अपराधिक बदइंतजामी की जिम्मेदारी खट्टर सरकार निर्धारित करे और गेहूं खरीद सुनिश्चित करे.
- हरियाणा की सभी अनाज मंडियों में अगले 12 घंटों में तिरपाल का प्रबंध व पानी निकासी के लिए मोटर और डीज़ल का इंतजाम हो. 12-12 घंटे की शिफ्ट में दिन रात कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा.
- सरकार ने आदेश निकालकर एक बार फिर डायरेक्ट पेमेंट की बात कही है और ऐसा न करने पर आढ़तियों को सजा देने का प्रावधान किया है. सरकार के इन बदलते फरमानों ने अव्यवस्था बना रखी है. याद रहे कि पहले भी 13 और 16 अप्रैल को खट्टर सरकार ने सात प्राइवेट बैंकों में खाता खोलने की शर्त रख दी थी. बाद में इसे वापस ले लिया गया.