चंडीगढ़: हरियाणा सरकार ने जल संरक्षण की दिशा में कदम बढ़ाते हुए नई योजना शुरू की है. हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण (Haryana Water Resources Authority) ने जून 2020 तक भू-जल स्तर तालिका की गहराई की स्थिति के आधार पर राज्य को सात जोन में बांटा है. गावों के स्तर पर ये बंटवारा लोगों तक जानकारी पहुंचाने में मददगार होगा. ऐसे में अभी पहले से चल रही ब्लॉक स्तरीय वर्गीकरण को अपनाने के बजाय गांवों के लेवल पर ही भू-जल प्रबंधन हो पाएगा.
हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण ने इस बारे में सार्वजनिक नोटिस के जारी करने से पहले 30 दिनों के अंदर सुझाव मांगे हैं. किसी को भी इस योजना से आपत्ति है या उसके पास कोई सुझाव है तो वो प्राधिकरण के आधिकारिक ईमेल आईडी objections2022.hwra@gmail.com पर मेल कर सकता है. अंतिम तिथि के बाद किसी भी सुझाव /आपत्ति पर विचार नहीं किया जाएगा.
एचडब्ल्यूआरए यानि हरियाणा जल संसाधन प्राधिकरण के प्रवक्ता ने जानकारी दी कि हरियाणा में जल प्रबंधन के लिए (water management in haryana) गांवों का बंटवारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से दिए गए निर्देश पर किया गया है. मुख्यमंत्री ने प्रदेश में घटते भू-जल स्तर पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए गांव में भू-जल स्तर की स्थिति के अनुसार राज्य को अलग-अलग जोन में बांटने के निर्देश दिए थे, ताकि पानी की कमी को पूरा करने या भू-जल प्रबंधन और भू-जल स्तर में वृद्धि करने के लिए योजनाएं गांव स्तर पर ही बनाई जा सकेंगी.
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योजनाएं बनाने में मददगार होगा वर्गीकरण: सरकारी जानकारी के मुताबिक सभी गांवों (6885) का भू-जल स्तर, भूजल प्रकोष्ठ, आई एंड डब्ल्यूआरडी, हरियाणा द्वारा मौजूदा 2200 अवलोकन बिंदुओं के आधार पर एकत्र किया गया है. इस डाटा का उपयोग भू-जल प्रबंधन और विनियमन, अनुसंधान तथा नीति निर्माण में किया जाता है.
रेड जोन में 1780 गांव: सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि राज्य के सभी गांवों के जल स्तर की गहराई के साथ-साथ पिछले 10 वर्षों (जून-2010 से जून-2020) के घटती दर के आंकड़े उपलब्ध हैं. 30 मीटर से अधिक की जल तालिका वाले गांवों को गंभीर रूप से भूजल संकटग्रस्त गांवों के रूप में वर्गीकृत किया गया है और लाल रंग द्वारा दर्शाया गया है. हरियाणा के रेड जोन (Red Zone Villages In Haryana) में आने वाले 1780 गांव हैं.
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पिंक जोन में 1041 गांव: 20.01 से 30.00 मीटर जल स्तर वाले गांवों को मध्यम भू-जल संकटग्रस्त गांवों के रूप में वर्गीकृत किया गया है. पिछले 10 वर्षों के उतार-चढ़ाव के आधार पर कुल 957 गांवों में भू-जल स्तर की गिरावट दर जीरो से एक मीटर प्रति वर्ष के बीच है. कुल 707 गांवों में गिरावट दर 1.01 से 2 मीटर प्रति वर्ष के बीच है. कुल 79 गांवों में गिरावट दर दो मीटर प्रति वर्ष से अधिक है और 37 गांवों में भू-जल स्तर में कोई गिरावट नहीं आई है.
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