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चंडीगढ़ में वाहनों की स्क्रैप पॉलिसी लागू, जानिए कितने सालों की मिली छूट और कब तक उठा सकते हैं लाभ - चंडीगढ़ में वाहनों की स्क्रैप पॉलिसी

चंडीगढ़ के प्रशासक ने वाहन स्क्रैपिंग पॉलिसी को लागू करने के निर्देश दिए हैं. पॉलिसी को लागू करने का जिम्मा चंडीगढ़ राज्यपाल धर्मपाल को सौंपा गया है. खबर में जानिए कितने साल पुराने वाहनों को चंडीगढ़ में स्क्रैप किया जाएगा.

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Published : Mar 7, 2023, 9:06 PM IST

चंडीगढ़: चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने चंडीगढ़ में वाहनों की स्क्रैपिंग पॉलिसी को लागू करने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. ऐसे में इस पॉलिसी को लागू करने का जिम्मा चंडीगढ़ के सलाहकार धर्मपाल को सौंपा किया गया है. ‌चंडीगढ़ के प्रशासक द्वारा शहर के एडवाइजर धर्मपाल को अपीलीय अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया है. वहीं, चंडीगढ़ के गृह सचिव नितिन यादव जिनके पास परिवहन सचिव का कार्यभार है. उन्हें स्क्रैप पॉलिसी के पंजीकरण अधिकारी के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई ‌है.

केंद्र सरकार ने राज्यों व में प्रदूषण को घटाने के मकसद से स्क्रैप वाहन के मालिक को नया वाहन खरीदने पर मोटर व्हीकल टैक्स से छूट देने संबंधी मंगलवार को चंडीगढ़ प्रशासक द्वारा आदेश जारी कर दिए है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नए वाहनों की रजिस्ट्रेशन संबंधी लागू की गई स्क्रैपिंग नीति के संदर्भ में पंजाब कैबिनेट द्वारा पंजाब मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट-1924 की धारा 13 (3) के अधीन नई गाड़ियों की खरीद पर छूट देने का फैसला किया था.

जारी आदेश के अनुसार मोटर व्हीकल टैक्स में ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को 15 प्रतिशत और नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को 25 प्रतिशत तक छूट मिलेगी. पर्यावरण-पक्षीय फैसले से स्क्रैपिंग पॉलिसी के अधीन ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के मालिक गाड़ी की रजिस्ट्रेशन से आठ साल तक और नॉन-ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के मालिक 15 साल तक योजना का लाभ उठा सकते हैं. बता दें कि चंडीगढ़ में 15 साल पुराना व्हीकल स्क्रैप किया जाएगा.

इस नीति के अंतर्गत जिस समय गाड़ी को स्क्रैप किया जाएगा, तो इसे लेकर स्क्रैपर द्वारा ही गाड़ी की खरीद की जाएगी. इसके उपरांत स्क्रैपर द्वारा वाहन के मालिक को सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (वाहन जमा करवाने का सर्टिफिकेट) जारी किया जाएगा. यह सर्टिफिकेट गाड़ी के मालिक द्वारा संबंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पास जमा करवाने पर नई गाड़ी की रजिस्ट्रेशन के मोटर व्हीकल टैक्स में छूट मिलेगी. मंत्री ने बताया कि ट्रांसपोर्ट वाहन को रजिस्ट्रेशन से आठ साल तक स्क्रैप भरना वैकल्पिक है.

ये भी पढ़ें: गुरुग्राम में आशियारा बिल्डर के खिलाफ लोगों का प्रदर्शन, तय समय पर पूरा नहीं हुआ काम

क्या है वाहन स्क्रैप पॉलिसी: अब आपको बताते हैं कि आखिर ये स्क्रैप पॉलिसी है क्या. स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप यानी कबाड़ कर दिया जाएगा. कमर्शियल गाड़ी 15 साल बाद स्क्रैप घोषित हो सकेगी. वहीं, आपकी जो निजी गाड़ी है उसके लिए 20 साल का समय रखा गया है. ये पॉलिसी अलग अलग राज्य में अलग अलग समय अवधि के मुताबिक है. तो चंडीगढ़ में 15 साल बाद आपकी गाड़ी स्क्रैप हो सकेगी. आसान शब्दों में समझिए कि आपकी 15 साल पुरानी गाड़ी को रद्दी में कबाड़ी को बेच दिया जाएगा.

पॉलिसी लागू करने का मकसद: गाड़ी के मालिकों को तय की गई समय अवधि में अपने वाहन को ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर पर ले जाना होगा. सरकार ने इस बात का दावा किया है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन के मालिकों को सिर्फ आर्थिक नुकसान ही कम नहीं होगा, बल्कि उनकी जिंदगी की भी सुरक्षा हो सकेगी. इस पॉलिसी को लागू करने का मकसद है कि सड़क हादसों को कंट्रोल किया जा सके. साथ ही आपके जीवन की भी सुरक्षा हो सके.

वाहन का फिटनेस टेस्ट: पुरानी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट होगा. यानी आपके वाहनों को 15 साल बाद फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा. जो वाहन वहां टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे उन्हें एंड ऑफ लाइफ व्हीकल घोषित कर दिया जाएगा. जिसका मतलब है कि उन वाहनों को रीसायकल करना पड़ेगा. लेकिन अगर आपका वाहन ये फिटनेस टेस्ट पास कर लेता है तो दोबारा से रजिस्ट्रेशन के लिए मोटी फीस चुकानी होगी.

ये भी पढ़ें: सोनीपत में NIA की रेड, लारेंस बिश्नोई के कथित फाइनेंसर राजेश उर्फ मोटा की संपत्ति सील

चंडीगढ़: चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने चंडीगढ़ में वाहनों की स्क्रैपिंग पॉलिसी को लागू करने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. ऐसे में इस पॉलिसी को लागू करने का जिम्मा चंडीगढ़ के सलाहकार धर्मपाल को सौंपा किया गया है. ‌चंडीगढ़ के प्रशासक द्वारा शहर के एडवाइजर धर्मपाल को अपीलीय अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया है. वहीं, चंडीगढ़ के गृह सचिव नितिन यादव जिनके पास परिवहन सचिव का कार्यभार है. उन्हें स्क्रैप पॉलिसी के पंजीकरण अधिकारी के तौर पर जिम्मेदारी सौंपी गई ‌है.

केंद्र सरकार ने राज्यों व में प्रदूषण को घटाने के मकसद से स्क्रैप वाहन के मालिक को नया वाहन खरीदने पर मोटर व्हीकल टैक्स से छूट देने संबंधी मंगलवार को चंडीगढ़ प्रशासक द्वारा आदेश जारी कर दिए है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने नए वाहनों की रजिस्ट्रेशन संबंधी लागू की गई स्क्रैपिंग नीति के संदर्भ में पंजाब कैबिनेट द्वारा पंजाब मोटर व्हीकल टैक्सेशन एक्ट-1924 की धारा 13 (3) के अधीन नई गाड़ियों की खरीद पर छूट देने का फैसला किया था.

जारी आदेश के अनुसार मोटर व्हीकल टैक्स में ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को 15 प्रतिशत और नॉन-ट्रांसपोर्ट वाहन मालिकों को 25 प्रतिशत तक छूट मिलेगी. पर्यावरण-पक्षीय फैसले से स्क्रैपिंग पॉलिसी के अधीन ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के मालिक गाड़ी की रजिस्ट्रेशन से आठ साल तक और नॉन-ट्रांसपोर्ट गाड़ियों के मालिक 15 साल तक योजना का लाभ उठा सकते हैं. बता दें कि चंडीगढ़ में 15 साल पुराना व्हीकल स्क्रैप किया जाएगा.

इस नीति के अंतर्गत जिस समय गाड़ी को स्क्रैप किया जाएगा, तो इसे लेकर स्क्रैपर द्वारा ही गाड़ी की खरीद की जाएगी. इसके उपरांत स्क्रैपर द्वारा वाहन के मालिक को सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट (वाहन जमा करवाने का सर्टिफिकेट) जारी किया जाएगा. यह सर्टिफिकेट गाड़ी के मालिक द्वारा संबंधित लाइसेंसिंग अथॉरिटी के पास जमा करवाने पर नई गाड़ी की रजिस्ट्रेशन के मोटर व्हीकल टैक्स में छूट मिलेगी. मंत्री ने बताया कि ट्रांसपोर्ट वाहन को रजिस्ट्रेशन से आठ साल तक स्क्रैप भरना वैकल्पिक है.

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क्या है वाहन स्क्रैप पॉलिसी: अब आपको बताते हैं कि आखिर ये स्क्रैप पॉलिसी है क्या. स्क्रैप पॉलिसी के तहत 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप यानी कबाड़ कर दिया जाएगा. कमर्शियल गाड़ी 15 साल बाद स्क्रैप घोषित हो सकेगी. वहीं, आपकी जो निजी गाड़ी है उसके लिए 20 साल का समय रखा गया है. ये पॉलिसी अलग अलग राज्य में अलग अलग समय अवधि के मुताबिक है. तो चंडीगढ़ में 15 साल बाद आपकी गाड़ी स्क्रैप हो सकेगी. आसान शब्दों में समझिए कि आपकी 15 साल पुरानी गाड़ी को रद्दी में कबाड़ी को बेच दिया जाएगा.

पॉलिसी लागू करने का मकसद: गाड़ी के मालिकों को तय की गई समय अवधि में अपने वाहन को ऑटोमेटेड फिटनेस सेंटर पर ले जाना होगा. सरकार ने इस बात का दावा किया है कि स्क्रैपिंग पॉलिसी से वाहन के मालिकों को सिर्फ आर्थिक नुकसान ही कम नहीं होगा, बल्कि उनकी जिंदगी की भी सुरक्षा हो सकेगी. इस पॉलिसी को लागू करने का मकसद है कि सड़क हादसों को कंट्रोल किया जा सके. साथ ही आपके जीवन की भी सुरक्षा हो सके.

वाहन का फिटनेस टेस्ट: पुरानी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट होगा. यानी आपके वाहनों को 15 साल बाद फिटनेस टेस्ट से गुजरना होगा. जो वाहन वहां टेस्ट पास नहीं कर पाएंगे उन्हें एंड ऑफ लाइफ व्हीकल घोषित कर दिया जाएगा. जिसका मतलब है कि उन वाहनों को रीसायकल करना पड़ेगा. लेकिन अगर आपका वाहन ये फिटनेस टेस्ट पास कर लेता है तो दोबारा से रजिस्ट्रेशन के लिए मोटी फीस चुकानी होगी.

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