चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. सोमवार को सदन की कार्यवाही के दौरान गृह मंत्री अनिल विज ने संपत्ति क्षति वसूली विधेयक-2021 पेश किया. जिसको लेकर सदन में जोरदार हंगामा हुआ.
इस विधेयक के अनुसार प्रदेश में विरोध-प्रदर्शनों के दौरान सरकारी व निजी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाने वालों से ही भरपाई की जाएगी. इसके अनुसार यदि कोई व्यक्ति सरकारी व निजी प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाता है तो हर्जाना उसी से वसूला जाएगा. हर्जाना ना देने पर जेल के साथ जुर्माना भी हो सकता है.
सूत्रों का कहना है कि इसमें अधिकतम 3 साल की जेल और एक लाख रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है. बता दें कि, उत्तर प्रदेश में भी ऐसा कानून बन चुका है. उसी कानून का अध्ययन करने के बाद विधेयक का ड्राफ्ट तैयार किया गया है.
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सोमवार को जैसे ही गृह मंत्री अनिल विज ने ये विधेयक सदन के पटल पर रखा तो विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. कांग्रेस विधायक रघुबीर कादियान ने कहा कि इस तरह के कानून और प्रावधान हमारे पहले से बने कानूनों में भी हैं. इस कानून को लेकर सरकार की मंशा साफ नहीं है.
कादियान ने विरोध करते हुए आगे कहा कि सरकार किसान आंदोलन के चलते इस तरह के कानून को लेकर आई. सरकार की गलत मंशा को देखते हुए इस कानून को होल्ड कर दिया जाए.
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वहीं विधेयक का विरोध होता देख गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि भारत एक प्रजातांत्रिक देश है. इस पर नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने भी गृहमंत्री को जवाब दिया.
हुड्डा ने कहा कि कानून जल्दबाजी में लेकर आया गया है, इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं. सरकार ने किसानों को रोकने के लिए खुद सड़कें खोदी, इसका जिम्मेदार कौन है.
वहीं हंगामे के बाद ये तय किया गया कि मंगलवार को सदन में इस विधेयक पर चर्चा होगी. हालांकि विपक्ष इस विधेयक को लाने के समय और सरकार की मंशा को लेकर लगातार सवाल करता रहा कि आखिर किसान आंदोलन के दौरान ऐसा बिल क्यों लाया जा रहा है. अब देखना होगा कि विधेयक पर चर्चा के दौरान सदन में क्या होता है.
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